कभी बने जज, अफसर, आज हुई पढाई में गिरावट
पानापुर के उच्च विद्यालय कोंधभगवानपुर की स्थापना 1954 में हुई थी। आज शिक्षा हाईटेक होते हुए भी इसके स्तर में गिरावट देखी जा रही है। विद्यालय के शिक्षक केशव कुमार सिंह के अनुसार, आज शिक्षा का उद्देश्य...

भले ही आज शिक्षा हुई है हाईटेक लेकिन शिक्षा के स्तर में है गिरावट पानापुर, एक संवाददाता। प्रखंड मुख्यालय के पूर्वी छोर पर गंडक नदी के किनारे स्थित उच्च विद्यालय कोंधभगवानपुर का अतीत गौरवशाली रहा है । सीमित संसाधनों के बीच 1 जुलाई 1954 को स्थापित यह विद्यालय आज दियारा क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए नई इबादत लिख रहा है । भले ही आज शिक्षा हाईटेक हो गयी है लेकिन शिक्षा के स्तर में आज गिरावट ही देखी जा रही है । विद्यालय की स्थापना काल के एकमात्र जीवित प्रखंड के कोंध गांव निवासी शिक्षक केशव कुमार सिंह ने बताया कि आज शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ परीक्षा पास करना रह गया है । उन्होंने बताया कि पहले वर्ग 10 एवं 11 पढ़ाकर मैट्रिक की परीक्षा होती थी लेकिन आज वर्ग 9 एवं 10 की अलग अलग परीक्षा आयोजित हो रही है । उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 1964 को विद्यालय को आंशिक मान्यता मिली थी जबकि 1 जनवरी 1966 को पूर्णरूप से मान्यता मिलगई । वर्ष 2015 में इस विद्यालय को प्लस टू में अपग्रेड कर दिया गया ।वही वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह विद्यालय पीएमश्री के रूप में चयनित हुआ है । इसकारण निकटवर्ती विद्यालय उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोंध का संविलियन इस विद्यालय में कर दिया गया है । अब इस विद्यालय में वर्ग 6 से 12वीं तक की पढ़ाई होगी । फिलहाल विद्यालय में 6 महिला शिक्षिका एवं 20 पुरुष शिक्षक पदस्थापित हैं । जज से लेकर अधिकारी तक बने छात्र विषम परिस्थितियों के बावजूद इस विद्यालय के छात्र कई महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किये हैं । चांदपुरा गांव निवासी भूपेंद्र सिंह जज बने वही कोंध गांव निवासी शुभनारायन सिंह बीइओ के पद से रिटायर हुए है । कोंध गांव निवासी अशोक सिंह एयरफोर्स में कमांडिंग अफसर है वही राणा प्रताप सिंह एनडीए कर सेना में अफसर बने हैं । भोरहा गांव निवासी महम्मद मुस्तफा छपरा कोर्ट में जाने माने वकील थे । लोगों ने दान की थी जमीन इस विद्यालय की स्थापना के लिए दर्जनों लोगों ने जमीन दान की थी । अनंत सिंह ,घिनावन सिंह ,बिकाऊ सिंह ,बिंदा सिंह ,विसुन सिंह ,रामआसरे सिंह ,रामनाथ सिंह ,शिवबालक सिंह ,हरगुन सिंह ,अयोध्या पांडेय ,गोपाल प्रसाद एवं रामसकल पांडेय ने जमीन दान की थी जिसपर आज विद्यालय की कई इमारत खड़ी है । अलग अलग विषयों के थे कुशल शिक्षक विद्यालय की स्थापना काल में अलग-अलग विषयों के कुशल शिक्षक। रामरूप सिंह -इतिहास, योगेंद्र सिंह-अर्थशास्त्र एवं भूगोल, प्रदीप सिंह-विज्ञान एवं गणित, सत्यनारायण सिंह एवं रामाधार सिंह-अंग्रेजी, गदाधर ओझा-संस्कृत व केशव कुमार सिंह - हिंदी के जाने-माने शिक्षक थे। अनुशासन को लेकर उनकी प्रतिबद्धता देखते ही बनती थी। कोट छात्रों की बेहतरी के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं । विद्यालय में पिछले सत्र में कुल 1353 छात्र नामांकित थे जिसमें मैट्रिक में 421 एवं इंटर में 283 छात्र पास कर चुके हैं । फिलहाल वर्ग 10 में 261 एवं 12 में 353 छात्र हैं । पीएमश्री योजना के तहत वर्ग 6 से 8 तक 95 छात्रों का संविलियन हुआ है । गुड़िया कुमारी प्रभारी प्रधानाध्यापिका
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