वाटरवेज नहर पर अतिक्रमण से शहर में जलजमाव, नल-जल का काम भी अधूरा
टीचर्स कॉलोनी निवासी अतिक्रमण और बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान हैं। लोग जलनिकासी की व्यवस्था न होने के कारण बरसात में जलजमाव झेलते हैं। वाटरवेज नहर पर अतिक्रमण के कारण 60-70 हजार लोग प्रभावित हो...
टरवेज नहर के अतिक्रमण से टीचर्स कॉलोनी के निवासी परेशान हैं। टीचर्स कॉलोनी निवासी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। यहां के लोगों का कहना है कि दशकों से मोहल्ले के विकसित बनने का इंतजार कर रहे हैं। आबादी दिन-ब-दिन बढ़ रही है, पर विकास की पहल नहीं हो रही है। लोग बताते हैं कि दशकभर पहले मोहल्ले की मुख्य सड़क का ईंटकरण हुआ। पर गलियों की सड़कें आज भी कच्ची हैं। इस वजह से बरसात में सड़क पर जलजमाव और कीचड़ उत्पन्न हो जाती है। इससे लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी होती है। लोग बताते हैं कि जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है। मोहल्ले के सामने से गुजरने वाली वाटरवेज नहर अतिक्रमित है। दबंगों ने नहर को समतल कर पक्का मकान बना लिया है। इसके कारण टीचर्स कॉलोनी सहित पूरा एरिया बरसात में जलमग्न हो जाता है। लोगों का कहना है कि शिकायत करने के बाद भी अतिक्रमण हटाने की प्रशासनिक पहल नहीं हो रही है। इसके चलते बारिश के मौसम में तीन माह तक लोग जलजमाव झेलते हैं।
कॉलोनी निवासी सुरेश मंडल बताते हैं कि वाटरवेज नहर बागमती व कमला नदी को जोड़ती है। इसके माध्यम से आधे शहर के नालों के पानी की निकासी होती है। इसके बावजूद वाटरवेज नहर से अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है। इसके चलते टीचर्स कॉलोनी, चित्रगुप्त नगर, बसेरा कॉलोनी, शास्त्री नगर आदि मोहल्ला निवासी करीब 60-70 हजार लोग जलजमाव झेलते हैं। उन्होंने बताया कि वाटरवेज नहर करीब 100 वर्ष पुरानी है। अतिक्रमण के चलते बरहेता से लेकर वाटरवेज जीरो प्वाइंट तक की उड़ाही दशकों से ठप है। इसके चलते नहर यह हिस्सा सूखी है और कचरे व जंगली घास से नहर ढंक गयी है। उन्होंने बताया कि अतिक्रमणकारियों ने नहर के करीब 1500 मीटर हिस्से को मिट्टी-कंक्रीट से भर दिया है। झोपड़ी सहित दर्जनों पक्के मकान बने हैं। इसकी शिकायत भी लोगों ने अधिकारियों से कई की है, पर अतिक्रमण को नहीं हटाया जा रहा है। इससे बरसाती पानी की निकासी का रास्ता बंद है।
नल-जल का काम अधूरा, स्ट्रीट लाइट भी नहीं : दरभंगा नगर निगम के आयोजना क्षेत्र में बसी टीचर्स कॉलोनी बहादुरपुर प्रखंड की खराजपुर पंचायत का हिस्सा है। यह खराजपुर के वार्ड तीन से 12 तक फैला हुआ है। कॉलोनी के एसएन सुमन, रमेश कुमार, मुकुल कुमार झा, प्रेमनाथ मिश्र, जयकिशोर मिश्र, प्रमोद कुमार, नवीना देवी, जय शंकर चौधरी, संजय कुमार झा, सुधीर कुमार सिंह, महेश मंडल, पंकज कुमार श्रीवास्तव आदि बताते हैं कि टीचर्स कॉलोनी नगर निगम के वार्ड 47 एवं 48 से सटा है, फिर भी लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने बताया कि मोहल्ले में नल-जल का काम अधूरा है। जगह-जगह पाइप लीकेज है। सैकड़ों मकानों में कनेक्शन नहीं दिया गया है। इससे गर्मी में लोगों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगी हुई है। इससे शाम ढलते ही अंधेरा पसर जाता है।
-बोले जिम्मेदार-
टीचर्स कॉलोनी में जल्द ही दो पीसीसी ढलाई सड़क व नाले का निर्माण शुरू होगा। नल-जल का कार्य पीएचईडी की लापरवाही से अपूर्ण है। वाटरवेज नहर से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन को कई बार सूचित किया गया है, पर कार्रवाई नहीं हुई है।
-रीना देवी, मुखिया खराजपुर
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