Significant Lecture on New Justice in Mithila by Darbhanga Sanskrit University संस्कृत शिक्षा का बड़ा केंद्र केएसडीएसयू : प्रो. दिलीप, Darbhanga Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsDarbhanga NewsSignificant Lecture on New Justice in Mithila by Darbhanga Sanskrit University

संस्कृत शिक्षा का बड़ा केंद्र केएसडीएसयू : प्रो. दिलीप

दरभंगा संस्कृत विवि में नवद्वीपे नव्यन्याय -वितानम विषय पर एक विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया। प्रो. दिलीप कुमार झा ने विवि की प्राचीनता पर प्रकाश डाला और मिथिला की दार्शनिक परंपरा का उल्लेख किया।...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाSat, 3 May 2025 10:37 PM
share Share
Follow Us on
संस्कृत शिक्षा का बड़ा केंद्र केएसडीएसयू : प्रो. दिलीप

दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के पीजी दर्शन विभाग व पर्यावरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को नवद्वीपे नव्यन्याय -वितानम विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष एवं धर्मशास्त्र-पुराण संकायाध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा ने कहा कि यह विश्वविद्यालय भारत के प्राचीन संस्कृत विश्वविद्यालयों में से दूसरे क्रम का है और आज भी मिथिला में 14 विद्याओं का अभ्यास जीवंत रूप में होता है। उन्होंने महाराजा कामेश्वर सिंह को स्मरण करते हुए इस विश्वविद्यालय को संस्कृत शिक्षा का महान केंद्र बताया। दर्शन विभागाध्यक्ष डॉ. धीरज कुमार पांडेय ने कहा कि मिथिला दर्शन की भूमि होते हुए आचार-व्यवहार, तंत्र और शिव-शक्ति की भी भूमि है।

उन्होंने मिथिला के अनेक दार्शनिकों का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां व्यक्ति-व्यक्ति में न्याय वेदान्तादि शास्त्र की अनुस्यूतता देखी जा सकती है। पर्यावरण मंच के अध्यक्ष एवं भूसंपदा पदाधिकारी डॉ. उमेश झा ने मंच की गतिविधियों का उल्लेख किया। विशिष्ट व्याख्यान देते हुए कलकत्ता विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के डॉ. रवींद्र नाथ भट्टाचार्य ने वेदों की परंपरा, मिथिला के न्याय शास्त्र की परंपरा तथा नव्य न्याय की विशद व्याख्या करते हुए पक्षधर मिश्र, रघुनाथ शिरोमणि, गदाधर भट्टाचार्य, कैलाश चक्र शिरोमणि आदि विद्वानों का संदर्भ दिया। डॉ. शंभू शरण तिवारी ने मिथिला और बंगाल की न्याय शास्त्रीय परंपरा की तुलना करते हुए पक्षधर मिश्र एवं रघुनाथ शिरोमणि से जुड़ी शास्त्रार्थ की घटनाओं का वर्णन किया। पीआरओ निशिकांत ने बताया कि कार्यक्रम में कुलपति प्रो. एलएन पांडेय भी शामिल हुए। संचालन व्याकरण विभाग की डॉ. साधना शर्मा ने किया। मंगलााचरण ज्योतिष विभाग के विश्व मोहन तथा कुलगीत की प्रस्तुति गुंजन कुमारी और काजल शर्मा ने की। कार्यक्रम में प्रो. दयानाथ झा, डॉ. यदुवीर स्वरूप शास्त्री, प्रो. पुरेंद्र बारीक, डॉ. अवधेश कुमार श्रोत्रिय, डॉ. रीतेश कुमार चतुर्वेदी, डॉ. माया कुमारी, डॉ. राजेश सिंह, डॉ. आलोक सिंह, डॉ. सुधीर कुमार एवं एनएसएस समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा सहित कई प्रतिभागी उपस्थित रहे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।