मर चुके शिक्षक से ऑनलाइन हाजिरी नहीं बनाने की मांगी गई स्पष्टीकरण
आमस, एक संवाददातामर चुके शिक्षक से ऑनलाइन हाजिरी नहीं बनाने की मांगी गई स्पष्टीकरणमर चुके शिक्षक से ऑनलाइन हाजिरी नहीं बनाने की मांगी गई स्पष्टीकरण

मर चुके शिक्षक से विभाग मांग रहा हाजिरी नहीं बनाने का स्पष्टीकरण नौकरी छोड़ने और इलाज को छुट्टी पर रहने वालों से भी स्पष्टीकरण
ई शिक्षा कोष पर ऑनलाइन हाजिरी नहीं बनाना बताया गया है कारण
प्राधानाध्यापक का वेतन रोक देने की बात लिखी गई है डीईओ के स्पष्टीकरण में
आमस, एक संवाददाता
जिस शिक्षक का साल भर पहले निधन हो गया, उनकी हाजिरी क्यों नहीं बनी इसका स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। स्पष्टीकरण उनके लिए भी मांगा गया है जिन्होंने नौकरी छोड़ दी है या इलाज के लिए लंबी छुट्टी पर हैं। स्कूल के हेडमास्टरों से मांगे गए इस स्पष्टीकरण में यह भी कहा गया है कि सही जवाब नहीं मिलने पर उनका वेतन रोक दिया जाएगा। प्रधानाध्यापकों के नाम से जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से निकले पत्र में आमस के कई शिक्षकों का नाम शामिल हैं। 7 अप्रैल को डीईओ कार्यालय से निर्गत पत्र में आमस की बड़की चिलमी पंचायत के नीमाबुधौल मिडिल स्कूल के दिवंगत शिक्षक जगत कुमार यादव का नाम क्रम संख्या 269 पर अंकित है। शिक्षा विभाग ने इनसे भी ई शिक्षाकोष एप पर हाजिरी नहीं बनाने का स्पष्टीकरण मांगा है। जबकि इनकी मौत एक वर्ष पूर्व हो चुकी है। इस प्रकार के पत्र से स्कूल के शिक्षक हैरत में हैं।
केस -1 साल भर पूर्व मर चुके आमस के निमा बुधौल मिडल स्कूल के शिक्षक जगत कुमार यादव से ई शिक्षाकोष ऐप पर हाजिरी नहीं बनाने की स्पष्टीकरण मांगे जाने से शिक्षकों के साथ परिजन भी हैरान हैं। इनके पुत्र ने बताया कि पापा के मरने के कुछ माह बाद लोस चुनाव में ड्यूटी लगा दी गई थी। जबकि मरने के एक वर्ष बाद उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। शिक्षा विभाग की यह लापरवाही से हतप्रभ करने वाली हैं।
केस-2 आमस हाई स्कूल की शारीरिक शिक्षिका इंदू रंजना करीब एक वर्ष से ड्यूटी नहीं आ रही है। बताया जाता है कि उन्होंने बीमारी के इलाज को मेडिकल छुट्टी ली है। उसने विभाग को इसकी जानकारी भी दे दी है। इसके बाद भी ऑनलाइन हाजिरी नहीं बनाने का स्प्ष्टीकरण मांगा गया है। जबकि प्राचार्य अजित पाठक बताते हैं कि
इसकी जानकारी स्थापना को बहुत पहले दी जा चुकी है। वह नौकरी में है भी या नहीं उन्हें पता नहीं। इसके वेतन पर भी रोक लगा दी गई है।
केस-3 शिवबालक बालिका प्रोजेक्ट स्कूल आमस के शिक्षक वरूण कुमार मिश्रा महीनों पूर्व स्कूल छोड़ चुके हैं। प्राचार्य की ओर से इसकी जानकारी विभाग को दी जा चुकी है। पेमेंट पर रोक लगा दी गई है। इसके बाद भी ऑनलाइन हाजिरी नहीं बनाने को लेकर इनके नाम से स्पष्टीकरण निकाल दिया गया है।
प्रधानाध्यापकों को मर चुके या लंबी छुट्टी पर रहने वाले शिक्षकों की जानकारी देनी चाहिए थी। कौन शिक्षक मर चुके हैं और कौन छोड़ चुके हैं। इसकी जांच करायी जाएगी।
ओमप्रकाश, डीईओ, गया
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