स्व. नंद प्रसाद चौधरी को आरोपित करने के मामले में डीआईजी ने लिया संज्ञान
खबर का असर प्रतिवेदन मांगते हुए पूरे घटनाक्रम की जांच का निर्देश दिया है। डीआईजी निलेश कुमार ने स्पष्ट किया कि प्राथमिक जांच में तत्कालीन थानाध्यक्ष, केस के अनुसंधानकर्ता और पर्यवेक्षण पदाधिकारी की...

खबर का असर अनुसंधानकर्ता व पर्यवेक्षण पदाधिकारी पर गिर सकती है गाज डीआईजी ने गोपालगंज एसपी से पूरे मामले में रिपोर्ट की तलब फुलवरिया। एक संवाददाता पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के चाचा स्वर्गीय नंद प्रसाद चौधरी को एक मारपीट मामले में आरोपित किए जाने को लेकर सारण रेंज के डीआईजी निलेश कुमार ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में डीआईजी ने गोपालगंज एसपी अवधेश दीक्षित से तत्काल प्रतिवेदन मांगते हुए पूरे घटनाक्रम की जांच का निर्देश दिया है। डीआईजी निलेश कुमार ने स्पष्ट किया कि प्राथमिक जांच में तत्कालीन थानाध्यक्ष, केस के अनुसंधानकर्ता और पर्यवेक्षण पदाधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले की बारीकी से जांच की जा रही है। यदि संबंधित पदाधिकारी या कर्मी दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि यह मामला अक्टूबर 2024 का है। तब सेलार खुर्द गांव निवासी सुजीत कुमार ने मारपीट की एक प्राथमिकी स्थानीय थाने में दर्ज कराई थी। आश्चर्यजनक रूप से इस प्राथमिकी में 21 वर्ष पूर्व दिवंगत हो चुके स्वर्गीय नंद प्रसाद चौधरी को भी नामजद आरोपी बनाया गया। इसके अलावा रमाकांत चौधरी उर्फ कीरानी बाबू, लीलाधर यादव सहित कुल 9 लोगों को भी आरोपित किया गया। प्राथमिक जांच की जिम्मेदारी तत्कालीन प्रशिक्षु दारोगा प्रिंस कुमार को दी गई थी। जबकि कांड का पर्यवेक्षण तत्कालीन मीरगंज इंस्पेक्टर ने किया। आश्चर्यजनक रूप से अपने पर्यवेक्षण टिप्पणी में उन्होंने स्वर्गीय नंद प्रसाद चौधरी को भी कांड में संलिप्त करार दे दिया। हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के बाद मचा हड़कंप इस मामले को आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान में गुरुवार को ही एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई । जिसमें पूरे प्रकरण को विस्तार से उजागर किया गया। खबर प्रकाशित होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वरिष्ठ अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए मामले की गहन जांच का आदेश दिया।
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