फुलवरिया-श्रीपुर थाना क्षेत्र में छह महीने में जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट की 150 घटनाएं
- भू-माफियाओं की बढ़ती सक्रियता से ग्रामीणों में दहशत फुलवरिया-श्रीपुर थाना क्षेत्र में छह महीने में जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट की 150 घटनाएं

गोपलगंज जिले के फुलवरिया और श्रीपुर थाना क्षेत्रों में जमीन को लेकर हो रहे विवाद अब गंभीर हिंसा का रूप ले चुके हैं। बीते छह महीनों में इन दोनों थाना क्षेत्रों में जमीन विवाद को लेकर मारपीट की कुल 150 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। इनमें श्रीपुर थाने में सर्वाधिक 80 और फुलवरिया थाने में 70 मामले सामने आए हैं। इनके अलावा दोनों थानों में एक-एक चाकूबाजी की घटना भी दर्ज की गई है। हालांकि, हर शनिवार को थानों में आयोजित होने वाले जनता दरबार में स्थानीय सीओ और थानाध्यक्ष की मौजूदगी में कई विवादों का समाधान किया जाता है, फिर भी जमीन को लेकर झगड़े थमने का नाम नहीं ले रहे। खासकर रैयती, सरकारी और गैरमजरूआ जमीनों पर कब्जे की कोशिशों के कारण विवाद बढ़ रहे हैं। अवैध कब्जे की साजिश क्षेत्र में सक्रिय भू-माफिया गिरोह अब गरीब, असहाय और कमजोर लोगों की जमीनों पर अवैध कब्जा जमाने में लगे हैं। ये माफिया फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन पर दावा ठोकते हैं। जब असली मालिक विरोध करते हैं, तो मारपीट और धमकी जैसी घटनाएं होती हैं। कई मामलों में तो सरकारी जमीनों जैसे गैरमजरूआ आम और मलिक भूमि पर भी कब्जे की कोशिशें की गई हैं। विधवा पर हमला मामले की खुद एसपी ने की जांच फुलवरिया थाने के मजिरवां कला टोला फक्कड़पुर गांव में हाल ही में भू-माफियाओं की एक दुस्साहसिक घटना सामने आई। यहां एक विधवा महिला की जमीन पर बनी पुरानी चहारदीवारी को जेसीबी मशीन से ढहा दिया गया और ईंटों को ट्रैक्टर ट्रॉली पर लाद कर ले जाया गया। जब महिला और उसके परिजनों ने विरोध किया, तो उन्हें बेरहमी से पीटा गया। इस घटना में गांव के आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित स्वयं मौके पर पहुंचे और पीड़ित महिला को दोबारा चहारदीवारी निर्माण का निर्देश दिया, जो फिलहाल निर्माणाधीन है। वर्जन पुलिस जमीन विवादों पर सतत निगरानी रख रही है। हर शनिवार को आयोजित जनता दरबार में कई मामलों का समाधान भी किया जाता है। इसके बावजूद भू-माफियाओं की हिम्मत कम नहीं हो रही। पुलिस ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। -आनंद मोहन गुप्ता, एसडीपीओ, हथुआ वर्जन फुलवरिया और श्रीपुर जैसे ग्रामीण इलाकों में जमीन विवाद अब आम बात हो गई है। लेकिन जब ये विवाद मारपीट और हमलों में तब्दील हो जाएं, तो यह न केवल कानून व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है, बल्कि सामाजिक समरसता के लिए भी खतरा है। जरूरत है कि प्रशासन इन मामलों में और अधिक सख्ती दिखाए और भूमि विवादों के स्थायी समाधान के लिए ठोस रणनीति बनाए। -मनोज कुमार सिंह, पूर्व अध्यक्ष, प्रखंड मुखिया संघ
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