कोरेया के श्री बद्री नारायण स्मारक उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में 5 विषयों के नहीं हैं शिक्षक
गोपालगंज के श्री बद्री नारायण स्मारक उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में भौतिकी, रसायन, अंग्रेजी और उर्दू जैसे विषयों के शिक्षकों की कमी है। विद्यालय के प्राचार्य मोहन साह के अनुसार, 1968 में स्थापित इस...

- भौतिकी,रसायन,अंग्रेजी व उर्दू के साथ-साथ संगीत विषय के नहीं हैं शिक्षक ,नहीं पूरा हो पाता है सिलेबस - वर्ष 1968 में हुई थी विद्यालय की स्थापना , बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में कई छात्र-छात्राएं कर चुके हैं टॉप फोटो नंबर 50 गोपालगंज,नगर प्रतिनिधि। कई डॉक्टर एवं इंजीनियर देने वाले भोरे के कोरेया स्थित श्री बद्री नारायण स्मारक उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों का अभाव है। भौतिकी, रसायन,अंग्रेजी व उर्दू के साथ-साथ संगीत विषय के शिक्षक नहीं है। वर्ग कक्ष के हिसाब से भवन का अभाव है। जिससे एक साथ सभी विषयों के छात्रों को पढ़ाने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। विद्यालय के प्राचार्य मोहन साह ने बताया कि विद्यालय की स्थापना वर्ष 1968 में की गई थी। इस स्कूल में पहले अगल-बगल के कई किलोमीटर तक के परिधि में आने वाले गांव के छात्र-छात्राएं यहां पढ़ने आते थे। पढ़ाई व अनुशासन के लिए यह स्कूल प्रखंड में प्रसिद्ध है। यहां नौवीं एवं दसवीं से लेकर ग्यारहवीं एवं बारहवीं तक तक पढ़ाई होती है। पूर्व में यहां छह से दस तक के छात्रों की पढ़ाई होती थी। विद्यालय को प्लस टू का दर्जा वर्ष 2011 में मिला। तब से विद्यालय नित्य नए -नए मुकाम हासिल करता चला गया।स्कूल के छात्र रहे अमही बांके गांव निवासी चंद्र कांत ओझा ने वर्ष 2012- 13 में एमबीबीएस किया। इसके साथ ही कटेया प्रखंड के सोहनरिया गांव निवासी राहुल पाठक एवं पानन महुअववां गांव निवासी शशीकांत मिश्र भी एमबीबीएस करके चिकित्सा सेवा में सेवा दे रहे हैं। पंडित जिगना गांव निचासी पारस कुशवाहा की बेटी संजू कुशवाहा ने सीआईएसएफ में अपनी सेवा देकर विद्यालय का नाम रोशन कर रही है। इसके साथ ही कई अन्य छात्र- छात्राएं भी बिहार पुलिस, होमगार्ड, बीएमपी, इंजीनियर,वकील व दूसरे पदों पर कार्यरत हैं। -------------- छात्रों की घटी संख्या इस विद्यालय में पहले एक हजार से अधिक छात्र- छात्राएं यहां पढ़ने आते थे। फिलहाल स्कूल में 9वीं से 12 तक में कुल 868 के करीब छात्र नामांकित हैं। छात्राओं की संख्या भी अच्छी खासी है। फिलहाल विद्यालय में भैतिकी,रसायन,अंगेजी,उर्दू के साथ संगीत विषयों के शिक्षक नहीं हैं। स्कूल के शिक्षक आपसी तालमेल बना कर छात्रों को इन सभी विषयों की तैयारी करने में मदद कराते हैं। स्कूल प्लस टू होने के बाद मानक के लिहाज से शिक्षकों के स्वीकृत पदों में से लगभग 5 शिक्षकों की कमी हैं। वैसे विद्यालय में प्रयोगशाला की उचित व्यवस्था है। जिसमें सभी छात्र -छात्राएं एक साथ प्रायोगिक कक्षाओं में शामिल होते हैं। इसमें अलग अलग विषयों के छात्रों को अपनी प्रायोगिक विषयों की पढ़ाई करनी होती है। प्रयोगशाला के सभी प्रायोगिक उपकरणों की और खरीदारी करने की आवश्यकता हैं। प्रयोगिक शिक्षक यहां पदस्थापित हैं। ------------ खेलकूद व अन्य प्रतियोगिता में भाग लेते हैं छात्र बोर्ड की परीक्षाओं सहित खेलकूद और कई अन्य प्रतियोगी विद्याओं में स्कूल के छात्र- छात्राएं हमेशा बेहतर प्रर्दशन कर रहे हैं। इसी वर्ष फरवरी माह में हुए दिल्ली स्टेट खेलकूद प्रतियोगिता में विद्यालय के प्राचार्य माहन साह की होनहार बेटी शशिबाला ने तीरंदाजी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाकर बिहार सहित गोपालगंज एवं अपने विद्यालय का नाम भी रोशन किया था। इसके साथ ही नामामी गंगे एवं बिहार दिवस पर इस विद्यालय के छात्रों ने तीसरा स्थान पाया। ------------- स्कूल में शिक्षकों एवं संसाधनों की कमी है। उपलब्ध संसाधनों में ही सभी शिक्षक बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का कार्य करते हैं। छात्र- छात्राओं को बेहतर शिक्षा देकर स्कूल के गौरवशाली इतिहास को कायम रखने का सभी का प्रयास जारी है। - मोहन साह, प्राचार्य, बाबू बद्री नारायण् स्मारक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कोरेया,भोरे, गोपालगंज।
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