तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि से गेहूं की उपज दर होगी कम
अरवल, निज प्रतिनिधि जिसके कारण उत्पादन में कमी आ सकती है। बताते चले कि जिले में 23321 हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई है।

अरवल, निज प्रतिनिधि मार्च माह में अचानक तापमान में वृद्धि एवं पछुआ हवा चलने के कारण गेहूं की पछात बुवाई एवं वर्तमान समय में बाली में दूध स्टेज रहने के कारण दाना में सिकुड़न एवं दाना छोटा हो सकता है। जिसके कारण उत्पादन में कमी आ सकती है। बताते चले कि जिले में 23321 हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई है। धान की कटनी विलंब से होने के कारण गेहूं की बुवाई जनवरी माह के अंत तक ही है। जबकि गेहूं तैयार होने एवं पुस्ट दाना के लिए 30 डिग्री तापमान होना चाहिए। 30 डिग्री तापमान से अधिक होने पर दूध के स्टेज वाले फसल का दाना सिकुड़ जाएगा। इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक सी एन चौधरी ने बताया कि गेहूं की पुष्ट दाने के लिए 30 डिग्री से तापमान अधिक नहीं होना चाहिए। उसमें भी पछुआ हवा नहीं बहना चाहिए। वर्तमान समय में तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया है। इसके साथ ही पछुआ हवा बहना शुरू हो गया है। ऐसी स्थिति में गेहूं की फसल जो अभी हरी है और बाली निकले कुछ ही दिन हुआ है का दाना सिकुड़ जाएगा तथा दान छोटा होगा। ऐसे फसल का उत्पादन 15 से 20 प्रतिशत कम जाएगा।
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