झाझा विस के धमना एवं दिग्घी में एपीएचसी निर्माण का रास्ता साफ,2.60 करोड़ मंजूर
झाझा विस के धमना एवं दिग्घी में एपीएचसी निर्माण का रास्ता साफ,2.60 करोड़ मंजूर झाझा विस के धमना एवं दिग्घी में एपीएचसी निर्माण का रास्ता साफ,2.60 करोड़ मंजूर

झाझा । निज संवाददाता झाझा विधान सभा क्षेत्र में दो और स्थानों पर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। झाझा विस क्षेत्र के तहत झाझा प्रखंड के धमना एवं लक्ष्मीपुर प्रखंड के दिग्घी में एपीएचसी के भवन निर्माण हेतु सरकार ने कुल 2.60 करोड़ रूपए की थैली बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लि.(बीएमएसआईसीएल) को सौंप दी है। बता दें कि झाझा के एनडीए विधायक सह पूर्व मंत्री दामोदर रावत ने की पहल व प्रयास की बदौलत झाझा विस क्षेत्र में कुल 15 नए एपीएचसी की स्थापना की योजना को सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति तो पूर्व में ही मिल चूकी थी।
इतना ही नहीं स्वीकृत एपीएचसी में कई के लिए फंड भी नसीब हो गया था और उनमें झाझा के नगंजो,बोड़वा आदि समेत गिद्धौर व लक्ष्मीपुर के भी नव स्वीकृत कई एपीएचसी के भवन तैयार होकर ग्रामीणों के सेवारत भी हो चूके हैं। इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य समिति (एसएचसी) द्वारा अब झाझा प्रखंड के धमना एवं लक्ष्मीपुर प्रखंड के दिग्घी में एपीएचसी के भवन निर्माण हेतु भी प्रति इकाई1.30 करोड़,यानि कुल 2.60 करोड़ रूपए के फंड की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गई है। एसएचसी ने अपने पत्रांक 679 दिद.03.05.25 के जरिए बीएमएसआईसीएल के एमडी को फंड स्वीकृति की सूचना भी दे दी है। ध्यान रहे कि बीते विस चुनाव में अपनी जीत के बाद मीडिया से अपने पहले संवाद में ही श्री रावत ने पूरे विस क्षेत्र के लोगों से यह वादा किया था कि स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार अब ग्रामीण हलकों तक भी होगा। और....अब तक शहरों की सीमाओं में ही सिमटी रहने वाली स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाओं को वे ग्रामीणों के द्वार तक पहुंचाएंगे। बीते पांच वर्षों के दौरान झाझा विस क्षेत्र में सीएचसी तथा कई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की स्थापना कराने के अलावा 15 नए एपीएचसी की योजना को भी अमली जामा पहनाने में सफल रहे विधायक श्री रावत ने कहीं न कहीं ने अपने उस वादे व संकल्प को काफी हद तक पूरा किया है। बताने की जरूरत नहीं कि चतुर्दिक दिशा के ग्रामीण क्षेत्रों तक चिकित्सा के आधारभूत ढांचों के जाल से उन सभी इलाकों के ग्रामीणों को काफी राहत व सहूलियत होगी। किंतु,बड़ी बात यह भी कि सिर्फ ढांचों के निर्माण से बात नहीं बनेगी अपितु इसके लिए पर्याप्त संख्या में डॉक्टर से ले पारा मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता भी सुनिश्चित करानी होगी जिनके फिलहाल काफी टोटे पड़े हैं। झाझा विस क्षेत्र के इन स्थानों के लिए मिली थी नए एपीएचसी की स्वीकृति: बता दें कि झाझा विस क्षेत्र के लिए 15 नए एपीएचसी की स्वीकृति मिली हुई है। इनमें झाझा प्रखंड के बोड़वा,धमना,चायं,नरगंजो व जुड़पनियां कुल पांच इलाकों में नए एपीएचसी खुलेंगेे। जबकि सिमुलतला एवं बुढ़ीखार में पूर्व से एपीएचसी हैं। इसके अलावा गिद्धौर में कोल्हुआ व सेवा तथा लक्ष्मीपुर में जिनहरा,दिग्घी व ककनचोर में भी नए एपीएचसी की सुविधा नसीब होगी। और भी उन स्वीकृत लक्ष्मीपुर व गिद्धौर प्रखंडों के अलावा विस मुख्यालय वाले प्रखंड झाझा में पूर्व स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवा अब शहरों से निकल कर ग्रामीणों के द्वार तक पहुंचाई जा रही है। झाझा विधान सभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार अब ग्रामीण हलकों तक भी होगा। झाझा विस के तीन प्रखंडों में साढ़े छह करोड़ रूपए की भारी भरकम लागत पर पांच अदद नए अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र यानि एपीएचसी खुलेंगे। जिनांच इलाकों में नए एपीएचसी की स्थापना होनी है,वे क्षेत्र हैं झाझा का बोड़वा एवं नरगंजो,गिद्धौर प्रखंड का सेवा व कोल्हुआ तथा लक्ष्मीपुर प्रखंड का जिनहरा। नए एपीएचसी के निर्माण को ले टेंडर भी हो चूका है। माना जा रहा है कि क्षेत्रीय विधायक दामासेदर रावत की पहल व प्रयास की बदौलत पांच नए ग्रामीण इलाकों में खुलने जा रहे उक्त पांचों एपीएचसी का शिलान्यास भी विधायक के हाथों शीघ्र ही हो जाएगा। बड़ी बात यह कि राज्य स्वास्थ्य समिति (एसएचएस),पटना द्वारा बीते साल जारी पत्र में राज्य भर के जिन 15 नए एपीएससी के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति बख्शी गई थी,सूबे भर के उन 15 में पांच यानि करीब एक तिहाई नए एपीएचसी अकेले झाझा विस क्षेत्र के लिए ही स्वीकृत हुए थे। वैसे ध्यान रहे कि क्षेत्रीय विधायक सह बिहार के पूर्व मंत्री दामोदर रावत ने अपने प्रयास व पहल की बदौलत न केवल उक्त नए एपीएचसी अपित इनके अलावा झाझा प्रखंड में 14 समेत पूरे झाझा विस क्षेत्र में 75 लाख रूपए प्रति की लागत वाले 31 नए स्वास्थ्य उप केंद्र (एचएससी) सह वेलनेस सेंटर की योजनाओं पर भी सरकार की मंजूरी की मुहर लगवा लेने में कामयाब रहे थे। इनकी भी राशि आवंटन समेत प्रशासनिक स्वीकृति भी जारी हो जाने की बात सामने आई थी। इस मामल में भी करीबी नजर बनाए रख रहे श्री रावत ने बताया कि उक्त एचएससी के भी टेंडर आदि की प्रक्रिया शीघ्र ही पूरी हो जाएगी। जाहिर सी बात है कि पांच एपीएचसी एवं 31 एचएससी के खुल जाने के बाद स्वास्थ्य सेवा व सुविधाओं का विस्तारीकरण लगभग हर पंचायत या गांव तक में हो जाएगा। इससे आम ग्रामीणों को खासी सहूलियत हो जाएगी,यह भी तय है। बीते साल बीएमएसआईसीएल के एमडी को संबोधित पत्र में बीएमएसआईसीएल द्वारा ही उपलब्ध कराए गए मॉडल,डीपीआर व तकनीकी अनुमोदित प्राक्कलन के मुताबिक प्रत्येक एपीएचसी के नवनिर्माण हेतु 1.30 करोड़ रूपए यानि झाझा विस क्षेत्र के कुल पांच हेतु 6.5 करोड़ रूपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी। एक विभागीय अधिकारी की मानें तो राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचसी) के तहत विभिन्न नक्सल प्रभावित क्षेत्र समेत अन्य ग्रामीण हलकों में खुलने वाले उक्त एपीएचसी व एचएससी को स्वीकृति दिलाने का श्रेय विधायक सह बिहार के पूर्व मंत्री दामोदर रावत को ही दिया जाए तो शायद अतिशयोक्ति नहीं होगी। जदयू विधायक सह पूर्व मंत्री श्री रावत खुद भी झाझा प्रखंड समेत पूरे विस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा व सुविधाओं में व्यापक पैमाने पर विस्तारीकरण की दिशा में उनके सतत रूप से प्रयासरत होने की बात बताई है। कहा,उनका व सरकार दोनों का संकल्प है कि स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाएं खुद ग्रामीणों के गांव तक पहुंचे। उस वक्त उन्होंने बताया था कि उक्त सोच व संकल्प आने वाले दिनों में झाझा प्रखंड समेत विस क्षेत्र के तीनों प्रखंडों की सरजमीं पर मूर्त्त रूप लेती नजर आएंगी। झाझा प्रखंड समेत झाझा विधान सभा क्षेत्र के तहत आने वाली हर पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना मेरी प्राथमिकताओं में सबसे उपर है और इस हेतुक हम गंभीरता से प्रयासरत भी हैं। इसी कड़ी में आज नरगंजो में भी एक नए अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) के भवन की आधारशिला रखी जा रही है। रविवार को उक्त बातें झाझा के विधायक ह पूर्व मंत्री दामोदर रावतने नरगंजो में एपीएचसी भवन के शिलान्यास के मौके पर जुटी ग्रामीणों की भीड़ को संबोधित करते हुए कही। विधायक ने कहा कि बलियाडीह पंचायत का आदिवासी बहुल नरगंजो हमेशा से मलेरिया ग्रसित इलाके के रूप में जाना जाता रहा है। यहां के ग्रामीणों को मामूली मर्ज के इलाज के लिए भी झाझा तक की दौड़ लगानी पड़ती थी। किंतु नीतीश सरकार की स्वास्थ्य,शिक्षा व सड़क गांवों तक पहुंचान की नीति व उनके सतत प्रयास से एपीएचसी स्तर की स्वास्थ्य सेवा अब नरगंजो जैसे इलाके तक में भी मुमकिन होने जा रही है। शिलान्यास समारोह की सदारत मुखिया प्रतिनिधि मोइन अंसारी ने की। जबकि कार्यक्रम को पूर्व जिप अब्दुल कयूम,जदयू प्रखंड अध्यक्ष राकेश दास,जदयू नेता डॉ.राजेंद्र,दिनेश मंडल,विवेकानंद सिंह,मनोज सिंह आदि ने भी संबोधित किया। मौके पर बाराकोला मुखिया अतुल आनंद,मनोज सिंहा,लखन मंडल,परमेश्वर दास,बड़कू मरांडी,महेंद्र सिंह,धीरेंद्र यादव आदि समेत खासी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद थे। जानकारीनुसार,बीएमएसआईसीएल के जरिए बनने वाले उक्त एपीएससी पर करीब साढ़े छह करोड़ की लागत आएगी। विधायक ने कहा कि कई स्थानों पर स्वास्थ्य केंद्रों या तो खुल चूके हैं या फिर उनके भवन निर्माण का कार्य जारी है। जबकि बचे अन्य स्थानों में स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की योजना पाइप लाइन में है। सुदूर ग्रामीण हलकों तक स्वास्थ्य सेवा का जाल बिछाया जा रहा है हरेक करीब तीस हजार की आबादी वाले बड़े गांव में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) की स्थापना कराई जा रही है। इसके अलावा झाझा में सामुदायिक स्वास्थ्य सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव भी प्रक्रिया में है जिस पर भी शीघ्र ही सरकार की स्वीकृति मिल जाने की उम्मीद है। वैसे ध्यान रहे कि क्षेत्रीय विधायक सह बिहार के पूर्व मंत्री दामोदर रावत ने अपने प्रयास व पहल की बदौलत न केवल उक्त नए एपीएचसी अपित इनके अलावा झाझा प्रखंड में 14 समेत पूरे झाझा विस क्षेत्र में 75 लाख रूपए प्रति की लागत वाले 31 नए स्वास्थ्य उप केंद्र (एचएससी) सह वेलनेस सेंटर की योजनाओं पर भी सरकार की मंजूरी की मुहर लगवा लेने में कामयाब रहे थे। इनकी भी राशि आवंटन समेत प्रशासनिक स्वीकृति भी जारी हो जाने की बात सामने आई थी। इस मामल में भी करीबी नजर बनाए रख रहे श्री रावत ने बताया कि उक्त एचएससी के भी टेंडर आदि की प्रक्रिया शीघ्र ही पूरी हो जाएगी। जाहिर सी बात है कि पांच एपीएचसी एवं 31 एचएससी के खुल जाने के बाद स्वास्थ्य सेवा व सुविधाओं का विस्तारीकरण लगभग हर पंचायत या गांव तक में हो जाएगा। इससे आम ग्रामीणों को खासी सहूलियत हो जाएगी,यह भी तय है। बीते साल बीएमएसआईसीएल के एमडी को संबोधित पत्र में बीएमएसआईसीएल द्वारा ही उपलब्ध कराए गए मॉडल,डीपीआर व तकनीकी अनुमोदित प्राक्कलन के मुताबिक प्रत्येक एपीएचसी के नवनिर्माण हेतु 1.30 करोड़ रूपए यानि झाझा विस क्षेत्र के कुल पांच हेतु 6.5 करोड़ रूपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी। एक विभागीय अधिकारी की मानें तो राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचसी) के तहत विभिन्न नक्सल प्रभावित क्षेत्र समेत अन्य ग्रामीण हलकों में खुलने वाले उक्त एपीएचसी व एचएससी को स्वीकृति दिलाने का श्रेय विधायक सह बिहार के पूर्व मंत्री दामोदर रावत को ही दिया जाए तो शायद अतिशयोक्ति नहीं होगी। जदयू विधायक सह पूर्व मंत्री श्री रावत खुद भी झाझा प्रखंड समेत पूरे विस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा व सुविधाओं में व्यापक पैमाने पर विस्तारीकरण की दिशा में उनके सतत रूप से प्रयासरत होने की बात बताई है। कहा,उनका व सरकार दोनों का संकल्प है कि स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाएं खुद ग्रामीणों के गांव तक पहुंचे। उस वक्त उन्होंने बताया था कि उक्त सोच व संकल्प आने वाले दिनों में झाझा प्रखंड समेत विस क्षेत्र के तीनों प्रखंडों की सरजमीं पर मूर्त्त रूप लेती नजर आएंगी।
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