पोषण वाटिका गांव की बदल रही है तस्वीर
बठैली गांव में पोषण वाटिका की बदली तस्वीरबठैली गांव में पोषण वाटिका की बदली तस्वीरबठैली गांव में पोषण वाटिका की बदली तस्वीरबठैली गांव में पोषण वाटिका

कटिहार, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि जिले के बठैली पंचायत के गरभेली गांव में पोषण वाटिका के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कृषि विभाग और केवीके (कृषि विज्ञान केंद्र) के संयुक्त प्रयासों से एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में किसानों और स्थानीय महिलाओं को पोषण वाटिका की महत्व और उसके लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केंद्र की गृह वैज्ञानिक डॉ. नंदिता कुमारी ने बताया कि यह कार्यक्रम खासकर कुपोषण उन्मूलन को लेकर था। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक, डॉ. आरके सुहाने ने पोषण वाटिका की स्थापना के लिए बठैली गांव में आकर सब्जियों और उनके उत्पादन की तकनीकी जानकारी दी।
साथ ही वरीय वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह ने बताया कि किस प्रकार से घरेलू स्तर पर सभी प्रकार की पोषक सब्जियां उगाई जा सकती हैं। बिना जमीन का होता है मशरूम उत्पादन गृह वैज्ञानिक डॉ. नंदिता कुमारी ने आगे बताया कि बिना जमीन के खेती की तकनीक, जैसे मशरूम उत्पादन, भी ग्रामीण इलाकों में बहुत लाभकारी हो सकती है। इस तकनीक से घर के पास कम जगह में भी स्वास्थ्यवर्धक सब्जियां उगाई जा सकती हैं। इस दौरान 165 स्थानीय लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया और पोषण वाटिका के लाभों से अवगत हुए। कार्यक्रम के आयोजकों में संजय मंडल, श्याम सुंदर मंडल, अरुण मंडल और आशा देवी सहित कई किसान प्रमुख रहे। यह कार्यक्रम स्थानीय समुदाय में पोषण के महत्व को समझने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का एक बड़ा कदम साबित हो रहा है।
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