सर्पदंश का इलाज व बचाव के लिए जिले में व्यापक रूप से जागरूकता अभियान
सर्पदंश का इलाज व बचाव के लिए जिले में व्यापक रूप से जागरूकता अभियान की तैयारी

लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि जिले में सर्पदंश के पीड़ित मरीज का इलाज व बचाव के लिए व्यापक पहल की तैयारी की जा रही है। राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिला महामारी पदाधिकारी डॉ जूली कुमारी ने सदर अस्पताल सहित जिले के सभी प्रखंड स्तरीय अस्पताल में सर्पदंश मरीज के इलाज के लिए व्यवस्था अपडेट करने में जुट गई है। सर्पदंश से बचाव के साथ उपचार के लिए एक्शन प्लान बनाया जा रहा है। नियमित निगरानी उपचार के संसाधन को व्यवस्थित किया जा रहा है। जूली ने बताया कि राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार एक्शन प्लान के अनुपालन के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिसमें सदर सहित जिले के सभी प्रखंड स्तरीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को बेहतर इलाज व अपने संबंधित क्षेत्र में सर्पदंश से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रशिक्षण दिया गया। संर्पदंश एक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति है। सर्पदंश के कारण होने वाली मृत्यु से बचाव के क्रम में आवश्यक है कि रोगी को सही ईलाज शीघ्रताशीघ्र नजदीकी सुविधा जनक अस्पतालों में पहुंचाया जाए। देश में सांप की लगभग 300 प्रजाति पाई जाती है। जिसमें 52 प्रकार के सांप विषैले है। सांप मिटटी के बर्तन, घड़े, हांड़ी या अन्य बर्तन, कोठी, ड्रम, अनाज के बीच, खपरैल, जूता, दरवाजा के हैंडल पर, मोटर साइकिल के टंकी, हैंडल के बीच एवं साइलेंसर, खेत के आड़ी एवं बिल आदि में पाए जाते है। बरसात में बिल में पानी भर जाने के कारण सांप बाहर निकल आते है। इंडियन करैत प्रायः रात्रि में जमीन पर सो रहे व्यक्ति को जबकि इंडियन कोबरा एवं वाईपर दिन में और गोधूली बेला के समय काटते हैं। सांप के काटने के बाद उत्पन्न लक्षण के विषय में भी विस्तार से बताया। सर्पदंश के मरीज के इलाज के लिए एएसवीएस एवं अन्य इमरजेंसी ड्रग्स, लॉगिटिक्स वेंटीलेलेटर एवं ऑक्सीजन गैस की व्यवस्था स्वास्थ्य संस्थान में सुनिश्चित किया जा रहा है। पोस्टर, बैनर, लाउडस्पीकर एवं विभिन्न तरह के जागरूक कार्यक्रम का आयोजन कर बचाव एवं सुरक्षा का प्रचार प्रसार किया जाएगा। आशा, आशा फेसिलिटेटर, एएनएम, प्रखंड सामुदायिक मोबीलाइजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, विकास मित्र का एक दिवसीय सर्पदंश प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित किया जाएगा। सर्पदंश रोगियों की लाइन लिस्टिंग : सीएस डॉ बीपी सिन्हा ने बताया कि आशा व आशा फेसिलिटेटर के सहयोग से पिछले तीन वर्ष में हुई सर्पदंश की घटना व इसके कारण हुई मृत्यु की लाईन लिस्ट तैयार करने पारंपरिक सेवा प्रदाता की सूची तैयार कर प्रारंभिक प्रशिक्षण एवं सर्पदंश के रोगी को शीघ्रताशीघ्र इलाज के लिए अस्पताल में भेजने के लिए प्रेरित उनके द्वारा सर्पदंश के रोगी को नजदीकी सुविधा जनक सरकारी अस्पताल में बिना समय गंवाए शीघ्रताशीघ्र भेजने की स्थिति में इस उत्कृष्ट कार्य में योगदान देने हेतु सम्मानित किया जाएगा। विद्यालय व कॉलेजों में प्रशिक्षणः सर्पदंश से बचाव कार्यक्रम के अन्तर्गत नियमित समय पर विशेषकर शनिवार को गोष्ठियां आयोजित कर संर्पदंश के कारण होने वाली मृत्यु से बचाव के लिए छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित कराया जाएगा। आरोग्य समिति की क्रियाशीलता का अनुश्रवणः पंचायत स्तर पर आरोग्य समिति के सदस्य जैसे सामुदायिक कार्यकर्ता एवं ओपीनियन लीडर्स की एक सर्पदंश बचाव आरोग्य समिति का गठन पंचायत स्तर पर हो जिन्हे स्थानीय पारंपरिक सेवा प्रदाता से संपर्क सहयोग स्थापित कर संर्पदंश रोगी को शीघ्रताशीघ्र अस्पताल भेजने के लिए प्रेरित किया जाएगा। एम्बुलेंस सेवाः सर्पदंश के मरीज को अस्पताल पहुंचने के लिए 102/108 के साथ प्राइवेट एम्बुलेंस एवं पंचायत में उपलब्ध मुख्यमंत्री एम्बुलेंस सेवा की सेवा देना सुनिश्चित किया जाएगा। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एम्बुलेंस में जीवन रक्षक दवा, फेश मास्क, ऑक्सीजन सिलिंडर व अन्य उपकरण की सेवा देना सुनिश्चित करेगें। एम्बुलेंस सेवा में विलंब की स्थिति में तत्काल अन्य उपलब्ध साधन मोटर साइकिल, स्कूटर का प्रयोग किया जाएगा। त्वरित उपलब्ध मोटर साइकिल पर रोगी के पीछे सहारा देने के लिए तीसरे व्यक्ति का होना अत्यंत आवश्यक है। बाढ़ अवधि में संर्पदंश को प्राकृतिक आपदा बाढ़ जनित मानते हुए अनुग्रह अनुदान का भुगतान किया जाता है। इसके अतिरिक्त सर्पदंश से हुई अन्य सभी मृत्यु को राज्य के लोकल डिसास्टर में शामिल करते हुए मृतक के परिजन को राज्य आपदा रिस्पॉस से संबंधित प्रक्रिया व मानदंड के अनुसार मुआवजा उपलब्ध कराने में सहयोग किया जाएगा।
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