District Level Kharif Workshop Held in Madhubani for Farmers Training on Natural Farming प्राकृतिक तरीके से खेती कर खुशहाल बनें किसान : डीएम, Madhubani Hindi News - Hindustan
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प्राकृतिक तरीके से खेती कर खुशहाल बनें किसान : डीएम

मधुबनी में जिला स्तरीय शारदीय खरीफ कर्मशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि, उद्यान, पशुपालन और प्राकृतिक खेती पर किसानों को जानकारी दी गई। डीएम ने प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर देते हुए...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीThu, 22 May 2025 11:41 PM
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प्राकृतिक तरीके से खेती कर खुशहाल बनें किसान : डीएम

मधुबनी,नगर संवाददाता। नगर भवन मधुबनी में जिला स्तरीय शारदीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार को हुआ। इस जिला स्तरीय कर्मशाला में कृषि, उद्यान, पशुपालन, गव्य पालन, कृषि यांत्रिकीकरण सहित अन्य योजनाओं पर विस्तार से किसानों को जानकारी दी गई। कर्मशाला का उदघाटन डीएम अरविंद कुमार वर्मा, निदेशक बिहार स्टेट सीड एंड ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन सनत जयपुरियार, जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार चौधरी, जिला गव्य पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार, पशुपालन पदाधिकारी डॉ. राजेश आदि ने दीप जलाकर किया। डीएओ ललन कुमार चौधरी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए तमाम विभागीय लक्ष्य और योजनाओं से संबंधित जानकारी किसानों को उपलब्ध कराई।

साथ ही प्राकृतिक खेती में कलस्टर निर्माण, फार्मर रजिस्ट्रेशन आदि के बारे में अवगत कराया। डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि अब दौर प्राकृतिक खेती का आ गया है। इसकी लक्ष्य की प्राप्ति करनी है। इसको लेकर किसानों को जागरुक करने की जरूरत है। प्राकृतिक खेती से कम लागत में ज्यादा उत्पादन होगा। अनाज विषयुक्त पैदा होगा। मिट्टी का स्वास्थ्य भी बरकरार रहेगा। इको सिस्टम भी मेंटेंन रहेगा। डीएम ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से सबसे अधिक खेती ही प्रभावित होगी। ऐसे में परंपरागत खेती से हटकर नई तकनीक अपनानी होगी। इसके लिए किसानों के घर तक पहुंचकर प्रेरित करें। बीज की हाईब्रिड वैराइटी का उपयोग करें। फार्मर रजिस्ट्रेशन में तेजी लाएं। राजस्व कर्मचारी की हड़ताल की वजह से कार्य प्रभावित हो रहा है, मगर ई केवाईसी में तेजी लावें। जिले में करीब 2.50 लाख किसान पीएम किसान योजना के लाभुक हैं। इसमें से सिर्फ अबतक 26 हजार किसानों का ही ईकेवाईसी पूरा हुआ है, जो काफी कम हैं। सभी कर्मी मनोयोग से हर दिन लक्ष्य को पूरा करें। निदेशक बिहार स्टेट सीड एंड ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन सनत जयपुरियार ने तमाम विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। कर्मशाला में वरीय वैज्ञानिक डॉ. मंगलानंद झा, डॉ. एस के गंगवार, सहायक निदेशक उद्यान डॉ. सुजीत कुमार, पशुपालन पदाधिकारी डॉ. राजेश, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी प्रमोद सहनी, डॉ. अमरजीत कुमार, उप परियोजना निदेशक आत्मा राकेश कुमार राहुल, सहायक निदेशक पौध संरक्षण श्री राम कुमार, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण गौतम कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने अपने विभागों से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी। प्राकृतिक खेती के लिए बनेंगे 15 कलस्टर:प्राकृतिक खेती के लिए 15 कलस्टर बनेंगे। एक कलस्टर में 50 हेक्टेयर जमीन का शामिल किया जाएगा। एक कलस्टर में करीब 125 किसानों होंगे। इसके लिए प्रशिक्षण भी मिलेगा। हर स्तर पर प्रशिक्षण पाकर अधिकारी भी किसानों को प्रशिक्षित करेंगे। और प्राकृतिक खेती करने को प्रेरित करेंगे। इसमें विशेष सहयोग के लिए दो कृषि सखियां भी नियुक्त होंगी। इस प्राकृतिक खेती पर सरकार की ओर से सहयोग भी मिलेगा।

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