बिजली का कनेक्शन समय पर मिले तो सुधरेगी खेती और बढ़ेगा व्यवसाय
शहर के नए परिसीमन में किसानों और व्यवसायियों को बिजली कनेक्शन प्राप्त करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जितवारपुर गांव के पास बोरिंग कनेक्शन के लिए एक वर्ष से प्रयासरत किसान अब खेती...
शहर के नये परिसीमन में शामिल क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन मिलने में काफी परेशानी हो रही है। खासकर वैसे क्षेत्र जहां पर दो प्रखंडों का मिलान होता है, वहां के किसानों ओर व्यवसायियों को कनेक्शन लेने के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। विभागीय पेचीदगी की वजह से कनेक्शन लेने के लिए भटकना पड़ रहा है। जितवारपुर गांव के आसपास किसानों के खेतों में तक बिजली नहीं पहुंच रही हैं। जितवारपुर और सेराम गांव के बीच में खेती लायक करीब 144 बीघा जमीन है। इसमें जितवारपुर के अलावा अहमादा, सेराम, हरिनगर व अन्य गांव वालों की जमीन हैं। इससे करीब दाे हजार किसान लाभांन्वित होंगे।
इसे एरिया में पटवन का कोई साधन नहीं है। किसानों ने अपने खेतों को सींचने के लिए पांच-छह बोरिंग लगवाया। बोरिंग तक लाइन पहुंचाने और कनेक्शन प्राप्त करने के लिए आवेदन भी किया मगर करीब एक वर्ष से वहां तक पोल भी नहीं लगाया गया। आवेदक सत्यनारायण राय, मीना देवी, शीलानाथ झा, टुन्ना ठाकुर, जयकृष्ण झा ने बताया वे लोग करीब एक वर्ष से भी अधिक समय से बोरिंग को बिजली से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं। कई बार विभागीय पदाधिकारी को गुहार लगा चुकेे हैं। बोरिंग तक पोल व तार पहुंचाने के लिए करीब एक वर्ष पूर्व आवेदन देकर गुहार लगाई। आवेदकों का कहना है कि उनलोगों को कभी लोहा फीडर से तो कभी राजनगर से बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करने को कहा जा रहा है। वहां पर आलम यह है कि राजनगर क्षेत्र की बिजली वहां दूर-दूर तक नहीं गई है। वहां से लोहा फीडर से चारों तरफ बिजली की आपर्ति हो रही है।
एक महीने में काम नहीं हुआ तो फिर करना होगा इंतजार: बिजली कनेक्शन प्राप्त करने के लिए अगर एक महीने में पोल लगाने का कार्य नहीं हुआ तो फिर एक वर्ष कनेक्शन के लिए इंतजार करना पड़ेगा। आसपास के किसान जितेन्द्र झा, राधे ठाकुर, सुबोध झा, जयकुमार राय आदि ने बताया कि डीजल से अब बोरिंग चलाकर खेती करना काफी महंगा हो रहा है। कृषि कनेक्शन देना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। मगर विभागीय उदासीनता और आंतरिक दांव-पेच की वजह से उनलोगों का कनेशक्न नहीं लगाया जा रहा है। कुछ आवेदकों के आवेदन भी अस्वीकृत हो चुके हैं। व्यावसायिक कनेक्शन देने में भी आनाकानी : जितवारपुर सड़क के किनारे एक वेल्डिंग कार्य के लिए राजकिशोर मंडल ने जमीन मालिक के नाम से आवेदन करवाया। कभी लोहा फीडर तो कभी राजनगर फीडर से बिजली कनेक्शन मिलने की बात कही गई। बिजली विभाग से जुड़े एक कर्मी ने दो हजार रुपये भी ले लिए और एक प्रखंड के वरीय पदाधिकारी को पांच हजार और देने की बात कहने लगा। जब पैसा नहीं दिया तो उनका आवेदन ही रद्द कर दिया। इससे व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। अब भी कई मोहल्ले में हो रही जर्जर तार व बांस-बल्ले के सहारे िबजली आपूर्ति जितवारपुर गांव के कुछ मोहल्लों मेंं जर्जर बिजली तार व बांस-बल्ले के सहारे बिजली की आपूूर्ति हो रही है। दलित बस्ती और पात्र टोले में भी नंगा तार व बांस-बल्ले के सहारे बिजली आपूर्ति हाे रही है। अब बरसात आने वाली है। कई बार आंधी भी आती है ऐसे में अगर समय रहते नंगा तार हटाकर कवर वायर नहीं किया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। वही हाल गांव की दलित बस्ती की भी है। वहां भी करीब 50 से 60 घरों में बांस-बल्ले और उलझे तारों के सहारे बिजली की आपर्ति हो रही है। ग्रामीण अमित कुमार झा ने बताया कि वे कई बार इस बारे में पदाधिकारी को अवगत करा चुके हैं। इसके अलावा कृषि कनेक्शन के लिए बोरिंग तक बिजली तक पहुंचाने के लिए विद्युत कार्यपालक अभियंता को आवेदन भी दे चुके हैं। इसमेंं उन्होंने अपनी बोरिंग के लिए पोल तार व कनेक्शन दिलाने की मांग की थी। बीते वर्ष 6.5.2024 को आवेदन भी रिसीव कराया। इस आवेदन का फालोअप भी किया, मगर अबतक वहां तक बिजली नहीं पहुंची। अगर उनकी बोरिंग तक कनेक्शन लग जाता है तो करीब 100 से अधिक किसानों को इसका फायदा मिलेगा। वहीं जितेन्द्र कुमार झा ने बताया कि उनकी बोरिंग से कुछ ही दूरी पर वे भी अपनी बोरिंग लगा चुके हैं। कनेक्शन के लिए आवेदन भी करवाया मगर उस आवेदन को भी कैंसल कर दिया गया। विभागीय अधिकारी व कर्मी से बातचीत हुई तो कहा वे लोग राजनगर में अपना आवेदन करेंगे। कृषि कनेक्शन लेने वाले किसानों ने कहा कि अब अगर कनेक्शन नहीं मिला तो खेती छोड़ना उनकी बाध्यता हो जाएगी। डीजल डालकर पटवन करना काफी महंगा साबित हो रहा है। किसानों का कहना है कि ‘मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना' बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चलाई जा रही इस योजना के तहत बिहार के किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिया जाता है। इसके साथ ही किसानों को मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है। इससे डीजल की तुलना में बिजली से पटवन कार्य अब 10 गुना से भी अधिक सस्ता हो गया है।जितवारपुर के समीप के गांवों में खेतों तक किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जाएगा।
किसानों को कृषि कनेक्शन देना विभाग की प्राथमिकताओं में है। वहां पर दो फीडर से जुड़ा मामला है। हालांकि प्रारंभिक जानकारी में वहां से लोहा फीडर की लाइन गुजरी हुई है। ऐसे में वहां के किसानों को लोहा फीडर से ही बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों की जो भी शिकायतें हैं उसे हरसंभव दूर करने का प्रयास किया जाएगा। खासकर खेतों में लगी बाेरिंग तक बिजली पहुंचाना प्राथमिकता होगी, जो किसान आवेदन नहीं दिया है वे अपना आवेदन जरूर कर लें। वहीं व्यावसायिक कनेक्शन लेने के लिए अगर आवेदन रिजेक्ट हुआ है तो फिर से आवेदन करें। आवेदन होते ही जांच के बाद उनके प्रतिष्ठान पर बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। -सुधांशु कुमार, एसडीओ, बिजली विभाग मधुबनी।
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