Madhubani Municipality Dalit Families Struggle for Housing and Basic Needs दो सौ परिवारों को भूमि न आवास सरकारी योजनाओं से भी वंचित, Madhubani Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsMadhubani NewsMadhubani Municipality Dalit Families Struggle for Housing and Basic Needs

दो सौ परिवारों को भूमि न आवास सरकारी योजनाओं से भी वंचित

मधुबनी नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नौ में दलित और महादलित परिवारों को भूमि और आवास की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने से ये परिवार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से वंचित...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीTue, 8 April 2025 12:28 AM
share Share
Follow Us on
दो सौ परिवारों को भूमि न आवास सरकारी योजनाओं से भी वंचित

मधुबनी। नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नौ में दलित और महादलित परिवारों के पास रहने के लिए अपनी भूमि नहीं है। इन परिवारों के लिए यह सबसे बड़ी समस्या है। मोहल्ले की शिखा, नीतू व आशा देवी ने बताया कि वे लोग कई वर्षों से आवास का लाभ लेने के सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रही हैं लेकिन हर बार उन्हें कोई न कोई तर्क बताकर आवास योजना का लाभ नहीं दिया जाता है। इन परिवारों का कहना है कि सरकार को केवल चुनाव के समय ही इनकी समस्याओं का ध्यान आता है। चुनाव के दौरान नेताओं के किये वादे और योजनाएं चुनाव जीतने के बाद कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं। महादलित बस्ती की फूलो देवी बताती हैं कि प्रशासन व नेता चुनाव के दौरान उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन देते हैं, लेकिन बीते 10 वर्षों से अधिक समय से उन्हें कोई लाभ नहीं मिला है। मोहल्ले में समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।

शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार से वंचित: यहां के लोगों की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो रही हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के मामले में काफी पिछड़े हैं। मुहल्ले की सीमा, नीतू व सुनैना बताती हैं इन परिवारों के पास स्थायी रोजगार का कोई साधन नहीं है। यहां के लोग अपनी आजीविका के लिए दैनिक मजदूरी पर निर्भर हैं। इसके अलावा यहां के अधिकतर परिवार के स्वास्थ्य योजना का कोई कार्ड नहीं है। राशन कार्ड नहीं होने के कारण दर्जनों परिवारों को मुफ्त अनाज नहीं मिल पाता है। यहां के लोगों ने बताया कि वह अपनी आजीविका के लिए हर दिन संघर्ष कर रहे हैं लेकिन निगम के आलाधिकारी इस मुहल्ले की समस्याओं पर ध्यान नहीं देते।

बारिश में घर छोड़ने को होना पड़ता है मजबूर : बारिश के मौसम में दलित और महादलित बस्ती के लोगों की समस्या और बढ़ जाती है। पानी लगने के कारण लाेग अपना घर छोड़ने तक के लिए मजबूर हो जाते हैं। अधिकतर परिवार यहां कच्चे घरों में रहने को विवश हैं। कच्चा घर होने के कारण बारिश में पानी टपकने लगता है। भारी बारिश में दीवारें गिरने का खतरा बना रहता है। जबछी देवी बताती हैं कि बारिश के दो महीने उनके लिए अत्यधिक कष्टदायक रहता है। अधिकतर लोगों के पास फूस का कच्चा घर है। नीतू देवी बताती हैं बारिश के दिनों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भय बना रहता है। गंदगी के कारण मच्छर, कीटों से संक्रमण फैलने का डर बना रहता है। कच्चा घर होने के कारण सांप-बिच्छू का डर अधिक बना रहता है।

आयुष्मान कार्ड नहीं है किसी के पास : मोहल्ले की महिलाओं ने बताया कि उनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है। इस कारण उनका मुफ्त इलाज नहीं हो पाता है। रेशमा बताती हैं कि उनलोगों ने आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए काफी प्रयास किया लेकिन उनका कार्ड नहीं बन पाया। अमेरिका देवी बताती है कि आयुष्मान कार्ड के लिए राशन कार्ड का होना अनिवार्य बताया जा रहा है जो उनके पास नहीं है। इसके अलावा कार्यालय में भी अन्य कागजातों की मांग की जाती है, जो इनके पास नहीं है। फलत: इन्हें योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ता है। अधिकारियों को चाहिए कैंप लगाकर लोगों को इसका लाभ दिलवायें।

सरकारी योजनाओं से कोसों दूर राशन कार्ड भी नहीं बन सका है

वार्ड संख्या नौ की दलित व महादलित बस्ती के लोग राशन कार्ड से वंचित हैं। इससे उन्हें रोज़मर्रा की जिंदगी में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां के अधिकतर लोग मेहनत-मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं। हर रोज अपनी मेहनत से जो कमाते हैं, उसी पैसे से वे अपना गुजर-बसर करते हैं।

जब किसी कारणवश वे किसी दिन काम पर नहीं जा पाते, तो उस दिन उनका जीवनयापन बहुत कठिन हो जाता है। ऐसे में वे मजबूर होकर दुकान से उधार राशन लेते हैं, ताकि घर का चूल्हा जल सके। राशन कार्ड न होने के कारण, बस्ती के लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ता है। उन्हें न तो सस्ती दरों पर अनाज मिल पाता है और न ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। राशन कार्ड से वंचित होने के कारण ये लोग अपनी पूरी जिंदगी कड़ी मेहनत और संघर्ष में बिता रहे हैं, लेकिन वे कभी भी अपने परिवार की जरूरतों को सही ढंग से पूरा नहीं कर पाते। लोगों की मांग है कि प्रशासन इस मोहल्ले पर ध्यान दे ताकि हम भी विकास योजनाओं से जुड़ सकें।

पेयजल की समस्या गहराई, गर्मी में परेशानी

वार्ड संख्या नौ की दलित और महादलित बस्ती की सीमा देवी ने बताया कि इस बस्ती में पानी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। पहले जब यह पंचायत के तहत था, तब भी मुखिया ने इस बस्ती के लिए पानी की समस्या का समाधान नहीं किया।

अब जब यह क्षेत्र नगर निगम में शामिल हो गया है, तब भी स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। नगर निगम द्वारा भी इस बस्ती में पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई हैं। सीमा देवी का कहना है कि गर्मी के मौसम में पानी की कमी और भी गंभीर हो जाती है। बस्ती के लोग पानी के लिए दूर-दूर तक भटकते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें पूरी तरह से पानी नहीं मिल पाता है। दूरदराज से पानी लाना महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बना रहता है। सरकार की योजनाओं का लाभ इस बस्ती तक नहीं पहुंच सका है। पानी की समस्या को लेकर सीमा देवी और अन्य बस्तीवासियों का कहना है कि अगर नगर निगम और संबंधित अधिकारी इस समस्या पर ध्यान दें और उचित कदम उठाएं, तो उनकी समस्याओं का समाधान हो सकता है। बस्ती के लोग खुदको पिछड़ा ससझ रहे हैं, क्योंकि इन लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। नगर निगम द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए ध्यान आकृष्ट कराया है।

¶Fû»FZ dªF¸¸FZQFSX

भूमिहीन परिवारों के रहने की व्यवस्था को लेकर निर्देश दिया गया है। जिन परिवारों के पास अपनी भूमि नहीं है, उनके लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है कि एक नया कॉम्प्लेक्स निर्माण किया जाएगा। इसमें सभी भूमिहीन परिवारों को रहने के लिए जगह प्रदान की जाएगी। यह कदम उन परिवारों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, जो सालों से बिना पक्के आवास के गुजर-बसर कर रहे थे। अधिकारियों को इस योजना को शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि इन परिवारों को आवास मिल सके। इस पहल से न केवल भूमिहीन परिवारों की जीवन स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उनके सामाजिक और आर्थिक स्तर में भी सुधार होगा।

- अरविंद कुमार वर्मा, जिलाधिकारी, मधुबनी

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।