Residents of Madhubani City Troubled by Anti-Social Elements and Poor Safety Measures नशेड़ियों व लुटेरों के खौफ से शाम होते ही दरवाजे बंद, पुलिस की सुस्ती से रोष, Madhubani Hindi News - Hindustan
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नशेड़ियों व लुटेरों के खौफ से शाम होते ही दरवाजे बंद, पुलिस की सुस्ती से रोष

मधुबनी शहर के कई इलाकों में असामाजिक तत्वों की गतिविधियों से लोग परेशान हैं। कीर्तन भवन कॉलोनी और रेलवे स्टेशन रोड पर पुलिस की गश्ती नहीं होने से लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सफाई व्यवस्था भी दयनीय...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीThu, 17 April 2025 12:03 AM
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नशेड़ियों व लुटेरों के खौफ से शाम होते ही दरवाजे बंद, पुलिस की सुस्ती से रोष

मधुबनी। मधुबनी शहर के नगर निगम क्षेत्र में आने वाले कई इलाकों में असामाजिक तत्वों की गतिविधियों से लोग त्रस्त हैं। कीर्तन भवन कॉलोनी, रेलवे स्टेशन रोड और चकदह ओवरब्रिज जैसे स्थानों पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हमेशा बना रहता है। इन मोहल्लों में रहनेवाले लोगों का कहना है कि इन इलाकों से होकर गुजरने वाले राहगीरों को हर वक्त अनहोनी का अंदेशा सताता है। इन इलाकों में पुलिस की चौकसी नहीं है। इस कारण शाम होते ही इन स्थानों पर नशेड़ियों, उपद्रवियों और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल शातिरों का उपद्रव बढ़ने लगता है। इससे आम नागरिक डरे-सहमे रहते हैं। मोहल्लेे के संजीव कुमार, अंशु कुमार व रवि कुमार आदि ने बताया कि कीर्तन भवन रोड पर छिनतई की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है। इलाके में न तो पुलिस गश्ती बढ़ाई गई है और न ही सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की गई है। लोगों की शिकायत है पुलिस से कई बार शिकायत की लेकिन उसे सामाजिक जिम्मेदारी से कोई लेनादेना नहीं है। मोहल्लों में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे सर्वाधिक असुरक्षित महसूस करते हैं। शाम ढलने के बाद लोग घरों से दरवाजे बंद कर लेते हैं और घरों से बाहर निकलने से परहेज करते हैं।

पुलिस गश्ती नहीं होने से बदमाश बेखौफ: शहर के कीर्तन भवन रोड में रात के समय असुरक्षा का माहौल लगातार बढ़ता जा रहा है। इलाके में पुलिस की गश्ती नहीं होने से असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हैं। रात होते ही कॉलोनी की गलियों में नशेड़ी और उपद्रवी किस्म के लोग इकट्ठा हो जाते हैं, जो छिनतई जैसी घटनाओं को आसानी से अंजाम देकर मौके से फरार हो जाते हैं। इन घटनाओं से आम नागरिकों में भय का माहौल बना हुआ है और लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि रात के समय पुलिस की गश्ती गाड़ी कॉलोनी की सड़कों पर नियमित रूप से गश्त करती तो ऐसे तत्वों में भय बना रहता और ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती थी। लोगों का कहना है कि पुलिस की सुस्ती समाज के लिए घातक है। महिलाएं और बुजुर्ग इस माहौल से डरे रहते हैं। वे शाम ढलते ही घर से बाहर निकलने से कतराने लगे हैं। इन इलाके के लोगों की मांग है कि पुलिस प्रशासन स्थिति की गंभीरता से लेते हुए तुरंत प्रभाव से गश्ती करे व ऐसे तत्वों पर रोक लगाये।

साफ-सफाई की समस्या: शहर के कई इलाकों में सफाई व्यवस्था की हालत बेहद दयनीय हो चुकी है। कीर्तन भवन कॉलोनी समेत अन्य वार्डों में जगह-जगह गंदगी और कचरे के ढेर लगे हुए हैं, जिससे न सिर्फ बदबू फैल रही है, बल्कि बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इलाके में नियमित सफाई नहीं होने के कारण नालियों का पानी सड़कों पर बहने लगता है और चारों ओर गंदगी के कारण गुजरना मुश्किल हो जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार वार्ड पार्षद और नगर निगम के अधिकारियों को सफाई व्यवस्था की ओर ध्यान देने के लिए कहा, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ना तो समय पर कचरा उठाया जा रहा है और न ही नालियों की सफाई की जा रही है। बारिश के मौसम में हालात और भी ज्यादा बिगड़ जाते हैं। सड़कों पर पानी और कचरा कीचड़ बनकर जमा हो जाता है, जिससे घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। बदबू इतनी फैल जाती है कि लोग अपने घरों में भी परेशान रहने लगे हैं। प्रशासन अविलंब इस सममस्या पर ध्यान दें और सफाई के साथ असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करें।

होटलों की नहीं होती नियमित तौर पर जांच

रेलवे स्टेशन के समीप संचालित कई होटलों की गतिविधियों को लेकर स्थानीय लोग चिंतित हैं। लोगों का कहना है कि इन होटलों की नियमित जांच नहीं की जाती। इस कारण कुछ होटल असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है। यहां संदिग्ध लोगों का आना-जाना लगा रहता है, जिससे इलाके में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि कुछ होटलों में गलत कामों को अंजाम दिया जा रहा है, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस निगरानी या कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके कारण आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग, विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे, असहज और असुरक्षित महसूस करते हैं। रेलवे स्टेशन जैसे महत्वपूर्ण और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में इस तरह की लापरवाही चिंता का विषय है। स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की है कि होटलों की नियमित जांच की जाए और नियमों का उल्लंघन करने वाले होटल मालिकों पर कार्रवाई हो, लेकिन अब तक कोई संतोषजनक कदम नहीं उठाया गया है।

संकरी गलियों में तेज रफ्तार बाइक से होती है परेशानी

मोहल्लों की संकीर्ण गलियों में तेज रफ्तार बाइक चलाना आम बात हो गई है, जिससे स्थानीय लोगों के बीच दुर्घटना का भय हमेशा बना रहता है। इन तंग गलियों में पैदल चलने में भी मुश्किल होती है, ऐसे में जब बाइक सवार तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं तो यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। खासकर सुबह और शाम के समय, जब गलियों में बच्चों और बुजुर्गों की आवाजाही अधिक होती है। कई बार तेज रफ्तार बाइक के कारण लोग चोटिल भी हो चुके हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बाइक राइडरों को कई बार समझाया गया कि वे धीमी गति से वाहन चलाएं लेकिन वे मानने को तैयार नहीं होते। प्रशासन के हस्तक्षेप से स्थिति बदल सकती है।

बोले जिम्मेदार

अगर किसी खास इलाके में रात्रि के समय गश्ती गाड़ी नहीं पहुंच रही है तो उस क्षेत्र के लोग सीधे थाना आकर इसकी सूचना थानाध्यक्ष को दें। पुलिस प्रशासन की प्राथमिकता जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है और किसी भी प्रकार की लापरवाही की गुंजाइश नहीं है। रेलवे स्टेशन रोड स्थित संचालित होटलों को लेकर मिलने वाली सूचनाओं पर समय-समय पर जांच की कार्रवाई की जाती रही है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिलते ही पुलिस तत्काल कार्रवाई करती है।

-राजीव कुमार,एसडीपीओ

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