'नि:संतान महिलाओं को प्रेग्नेट करो, 5 लाख लो', बिहार में साइबर फ्रॉड का अनोखा तरीखा
नवादा जिले में साइबर फ्रॉड का अनोखा मामला सामने आया है। जहां नि:संतान महिलाओं को गर्भवती करने के नाम पर लाखों की ठगी की जा रही थी। इस गैंग के 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें सेना के जवान का बेटा भी शामिल है।

बिहार के नवादा जिले में साइबर पुलिस की एसआईटी ने महिलाओं को गर्भवती करने के नाम पर विभिन्न राज्यों के उपभोक्ताओं से लाखों की ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के एक गिरोह का खुलासा किया है। एसआईटी ने गृह मंत्रालय के पोर्टल पर उपलब्ध मोबाइल नंबरों की ट्रैकिंग के आधार पर तकनीकी सर्विलांस और मानवीय इंटेलिजेंस की मदद से शनिवार को रोह थाना क्षेत्र के कुंज गांव स्थित बधार में छापेमारी कर गिरोह के चार आरोपितों को धर दबोचा। मौके से कुछ आरोपित भाग निकले।
आरोपियों में एक सेना के जवान का बेटा बताया जाता है। इनके पास से पांच मोबाइल और एक की-पैड बरामद किया गया है। पकड़े गये आरोपितों में तीन नाबालिग हैं। जिन्हें निरुद्ध कर लिया गया है। वहीं एक अन्य आरोपित 26 वर्षीय राजेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। राजेश रोह थाने के कुंज गांव के संजय सिंह का बेटा बताया जाता है। छापेमारी का नेतृत्व साइबर पुलिस की सीनियर डीएसपी प्रिया ज्योति ने किया।
पुलिस के मुताबिक अपराधियों द्वारा ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब नाम की कंपनी चलाई जा रही थी। जिसके जरिएए सोशल मीडिया पर ऐड देकर लोगों को झांसा दिया जाता था। आरोपितों के फोन से एक वीडियो मिला है जिसमें एक लड़की के माध्यम से ऐड देकर लोगों को आकर्षित किया जा रहा था। नि:संतान महिलाओं को गर्भवती बनाने पर पांच लाख रुपये दिये जाने का झांसा दिया जाता था, जो किसी कारणवश मां नहीं बन पाती थीं। एक बार झांसे में आने पर उपभोक्ताओं से रजिस्ट्रेशन शुल्क व अन्य मदों के नाम पर ठगी की जाती थी।
इसके अलावा अपराधियों द्वारा देश की नंबर वन टेलिकॉम कम्पनी में पार्ट टाइम/फुल टाइम घर बैठे काम करने का झांसा देकर ठगी की जा रही थी। इस प्रकार का ऐड अपराधियों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लगाया गया था। इसमें लड़के, लड़कियों, गृहिणी व स्टूडेंट को मैसेज सेंडिंग-कॉलिंग जॉब के नाम पर 22,500 से 75,500 रुपये तक हर महीने कमाने का झांसा देकर लैपटॉप व मोबाइल भी मुफ्ते देने का प्रलोभन दिया जा रहा था। इसके लिए पूरे देश में विभिन्न मीडिया के माध्यम से पेपर में भी ऐड दिया जाता था। एक बार ठगों के चंगुल में फंसने के बाद लोगों से लाखों की ठगी कर ली जाती थी।
मामले में साइबर डीएसपी के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गयी थी। एसआईटी में साइबर थाने के एसआई रूपेश कुमार, सिपाही कृष्णा कुमार, सिपाही विकेश कुमार, सिपाही चुनचुन कुमार, सिपाही नीतीश कुमार, महिला सिपाही रूपम कुमारी व चालक सिपाही सुभाष कुमार शामिल थे। इस मामले में सरगना समेत आठ लोगों को आरोपित किया गया है। सरगना फिलहाल पुलिस की चंगुल से फरार है।
पूछताछ में आरोपितों ने स्वीकार किया कि सरगना के कहने पर ही आरोपितों द्वारा ठगी का धंधा संचालित किया जा रहा था। उसके द्वारा ही विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐड दिया जा रहा था। ठगी के लिए उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर आदि उसके द्वारा ही उपलब्ध कराये जा रहे थे। गिरफ्तार आरोपितों के मोबाइल से कई साक्ष्य बरामद किये गये हैं। मोबाइल की जांच की जा रही है। इस मामले में आरोपितों के विरुद्ध धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के तहत साइबर थाना कांड संख्या- 85/25 दर्ज किया गया है।