Consumer Outrage Over Smart Meter Billing Issues in East Champaran स्मार्ट मीटर से सुविधा कम, दर्द ज्यादा डिफरमेंट चार्ज का झटका असहनीय, Motihari Hindi News - Hindustan
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स्मार्ट मीटर से सुविधा कम, दर्द ज्यादा डिफरमेंट चार्ज का झटका असहनीय

पूर्वी चंपारण जिले के बिजली उपभोक्ता स्मार्ट मीटर से अधिक बिल और अकारण डिफरमेंट चार्ज से परेशान हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली कंपनी अपनी मनमानी कर रही है और शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीSat, 17 May 2025 04:50 AM
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स्मार्ट मीटर से सुविधा कम, दर्द  ज्यादा डिफरमेंट चार्ज का झटका असहनीय

पूर्वी चंपारण जिले के बिजली उपभोक्ता बिजली कंपनी की मनमानी से त्रस्त हैं। शहर के बरियारपुर मोहल्ला व आसपास के इलाके में रहनेवाले राजेश्वर बैठा, मनीष गिरि, धर्मेंद्र कुमार, उमेश कुमार गिरि, अंजनी कुमार पाठक, दीपक तिवारी, अहमद खान, रामदेव यादव, मनोज पांडेय, सत्येंद्र सिंह, रविंद्र सिंह, डाॅ. राजू कुमार आदि ने बताया कि स्मार्ट मीटर से अधिक बिल आता है। अकारण डिफरमेंट चार्ज के नाम पर बिजली उपभोक्ता से राशि कटौती की जाती है। इससे कई बार उपभोक्ताओं का गुस्सा फूट चुका है। शहर के कचहरी चौक के अलावा विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों में उपभोक्ता धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। इसके बावजूद बिजली कंपनी ने अपना रवैया दुरुस्त नहीं किया।

विजय सिंह, विनय कुमार सिंह, रंजीत गिरि, श्याम किशोर सिन्हा, ई. कृष्णकांत राज, आकर्ष कुमार, अजय कुमार गिरि ने बताया कि बिजली विभाग में आपूर्ति व बिल वसूली का काम निजी कंपनी को सौंपा गया है। विभाग में तकरीबन सभी कार्य ऑनलाइन होने के बावजूद छोटी-छोटी समस्याओं के लिए उपभोक्ताओं को कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। शिकायत करने पर बिजली कार्यालय में उपभोक्ताओं के साथ बदसलूकी की जाती है। इनका आरोप है कि बिना रिश्वत लिये आमलोगों का कोई काम नहीं हो रहा है। नया बिजली कनेक्शन के लिए भी बिजली कंपनी के कर्मियों को रिश्वत देनी पड़ रही है। शिकायत पर पदाधिकारी व कर्मचारी कार्रवाई नहीं करते हैं। इससे उपभोक्ता परेशान हैं। डॉ केबी सिंह, अंजनी कुमार पाठक, डॉ सत्येंद्र कुमार तिवारी, सुरेंद्र गिरि, संजय कुमार शर्मा ने बताया कि पिछले 10 साल में बिजली कंपनी ने चार बार मीटर बदला। इलेक्टिमी मैकेनिकल मीटर, इलेक्ट्रॉनिक मीटर, डिजिटल मीटर और अंत में प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगागा गया। मीटर बदलने से हर बार उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ा। पुराने व प्री-पेड स्मार्ट मीटर के बिल में दोगुना तक का अंतर है। सात सौ की जगह दो हजार रुपए का बिल आता है। स्मार्ट प्री-पेड मीटर सुविधा की जगह लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है। बिजली विभाग अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए उपभोक्ताओं का शोषण कर रहा है। कई उपभोक्ताओं के घर जबरन प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगा दिया गया है। लोगों ने कहा कि कई सरकारी कार्यालयों एवं चुनिंदा जगहों पर अब भी प्री-पेड स्मार्ट मीटर नहीं लगाया गया है। बिजली कंपनी का सरकरी कार्यालयों पर लाखों रुपए का बिल बकाया है। बावजूद इसके किसी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है। यह भेदभाव सिर्फ सामान्य उपभोक्ताओं के साथ हो रहा है। बिजली कंपनी का सुगम और सुविधा एप भी सही से काम नहीं कर रहा है। इसमें कई तरह के सुधार की जरूरत है। डिफरमेंट मद में पैसा काट लिया: बरियारपुर के ई. कृष्णकांत व आकर्ष कुमार ने बताया कि जब मन किया डिफरमेंट मद में पैसा काट लिया जा रहा है। लोड बढ़ जाने पर पूरे महीने का पैसा जुर्माना सहित वसूला जा रहा है, जबकि छह माह तक जुर्माना नहीं लेने का प्रावधान है। पहले हम अपने घरों में 100 वाट का बल्ब जलाते थे, अब नौ वाट की एलइडी बल्ब जलाते हैं। बावजूद इसके बिजली बिल कम होने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है। -बोले जिम्मेदार- बिजली का स्मार्ट प्री-पेड मीटर उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ही बनाया गया है। इसे जिले भर में लगाया जाना है। यह उपभोक्ताओं के लिए काफी सुविधाजनक है। बिजली विभाग ग्राहकों की सुविधा के लिए कटिबद्ध है। अगर, उपभोक्ता को किसी भी प्रकार की दिक्कत है तो वे साक्ष्य के साथ मिले। सबकी समस्या का समाधान किया जाएगा। शुरुआती दिनों में कुछ भ्रांतियां थी, मगर अब कोई दिक्कत नहीं है। -ई. गौतम गोविंदा, अधीक्षण अभियंता, बिजली विभाग

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