एसएनएस कॉलेज के छात्रों को मिले कैंटीन व साइकिल स्टैंड की सुविधा
श्री नारायण सिंह महाविद्यालय, मोतिहारी में छात्रों को कई बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। पुस्तकालय, लैब, इंटरनेट, शौचालय और खेलकूद की सुविधाओं का अभाव है। कॉलेज प्रशासन ने सुधार के...
पूर्वी चंपारण जिले के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान श्री नारायण सिंह महाविद्यालय की स्थापना 1970 में की गई थी। बीआरए बिहार विश्व विद्यालय, मुज़फ़्फ़रपुर से इस कॉलेज को 1980 में संबद्धता प्रदान की गई। इसकी स्थापना एक सशक्त शैक्षणिक भविष्य की नींव रखने के लिए हुई थी, लेकिन वर्तमान में यहां पढ़ रहे छात्र-छात्राएं कई आधारभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। चाहे वह पुस्तकालय हो, लैब हो, इंटरनेट सुविधा हो या फिर शौचालय और खेलकूद की व्यवस्था। मोतिहारी के छात्र-छात्राओं को कई बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे उनकी शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
हर क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है। कॉलेज प्रशासन द्वारा कुछ पहल की गई हैं, लेकिन छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है। सुविधाओं की कमी का असर छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पर भी दिखता है। आशीष कुमार, अमन सिन्हा, आर्यन राज, मयंक राज, सुजीत राज, सुभाष कुमार, रौशन कुमार, हिमांशु कुमार ने बताया कि श्री नारायण सिंह महाविद्यालय में पड़ रहे चार हजार से अधिक छात्र-छात्राएं बेहतर भविष्य के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी उनके उड़ान में बाधक बन रही है। कॉलेज में कई विभाग में शिक्षकों की कमी है। क्लास रूम में साफ-सफाई की भी कमी रहती है। कॉलेज में शीतल पेयजल का अभाव है। कॉलेज परिसर में जिम की स्थापना की गई है, मगर शेड नहीं लगा है। धूप में ही जिम करना पड़ता है। कॉलेज में छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुरूप शौचालय भी चालू स्थिति में नहीं है। अधिकतर शौचालय या ती बंद पड़े हैं, नहीं तो गंदगी भरी रहती है। मजबूरन छात्रों को बाहर जाना पड़ता है।
कॉलेज परिसर में हो कैंटीन व हेल्पडेस्क की सुविधा : आशीष कुमार, जयशिखा कुमारी, अर्पिता कुमारी, माधुरी कुमारी, सबने खातून, खुशबू तारा ने कहा कि कॉलेज में कैंटीन व हेल्पडेस्क की सुविधा नहीं है। इससे खासकर छात्राओं को अधिक परेशानी होती है। कैंटिन नहीं होने से लीजर पीरियड में नाश्ता के लिए ज्ञानबाबू चौक पर जाना पड़ता है। साथ ही हेल्पडेस्क के अभाव में कॉलेज से संबंधित जानकारी के लिए कई काउंटर पर भटकना पड़ता है।
कॉलेज का मैदान खेलने लायक नहीं : सत्यम कुमार, मो सुहैल, कृष राज, ऋषभ राज, मोहित ठाकुर, राजा बाबू, अरमान अली आदि ने बताया कि कॉलेज के पास बड़ा मैदान है। उबड़-खाबड़ होने की वजह से यह मैदान खेलने लायक नहीं है। इसे स्टेडियम के रूप में डेवलप करने की जरूरत है। कालेज में कई बेहतर खिलाड़ी हैं, बावजूद संसाधन नहीं हैं। क्लास रूम में डिजिटल बोर्ड नहीं लगा है। क्लास में सफाई की भी कमी है। कॉलेज में साइकिल व बाइक स्टैंड नहीं है। पढ़ाई के समय कैंपस से साइकिल चोरी का डर बना रहता है।
विद्यार्थियों को नहीं मिलती वाईफाई की सुविधा : कॉलेज कैंपस में छात्र-छात्राओं के लिए वाईफाई की सुविधा नहीं है। इससे छात्रों को विवि व कॉलेज का अपडेट नहीं मिल पाता है। साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई में भी बाधा उत्पन्न होती है। कॉलेज में नामांकन से लेकर परीक्षा तक सारा काम ऑनलाइन होने लगा है। बावजूद कॉलेज कैंपस में साइबर कैफे की सुविधा नहीं है।
-बोले जिम्मेदार-
कॉलेज में छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए कृतसंकल्पित हैं। कॉलेज में कैंटीन खोला जाएगा। परिसर में साइबर कैफे की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पहल की जाएगी। छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। कॉमन रूम की व्यवस्था की जाएगी। कॉलेज में वाइफाइ की सुविधा है। कॉलेज में विकास के कई अन्य कार्य किये गये हैं। साइकिल स्टैंड भी खोला जाएगा।
-डॉ. नवल किशोर बैठा, प्राचार्य, एसएनएस कॉलेज, मोतिहारी।
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