डॉ अंबेडकर ने हमें शिक्षित व संगठित रहने की दी प्रेरणा: कुलपति
फोटो मुंगेर-19 - सोमवार को मुंविवि में डॉ अंबेडकर की जयंती पर हुई संगोष्ठी में एनएसएस स्वयंसेवकों को सम्मानित करते कुलपति व अन्य

मुंगेर, हिन्दुस्तान संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय मुख्यालय में सोमवार को बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की 135 वीं जयंती मनाई गई। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यालय की ओर से आयोजित किया गया। मौके पर राष्ट्र निर्माण में डॉ भीमराव अंबेडकर का योगदान विषय पर संगोष्ठी भी हुई। कार्यक्रम के संयोजक कार्यक्रम समन्वयक मुनीन्द्र कुमार सिंह थे। संचालक डॉ चन्दन कुमार, एनएसएस, पीओ जमालपुर कॉलेज जमालपुर कर रहे थे। अध्यक्षता कुलपति प्रो. ( डॉ) संजय कुमार ने की। मौके पर कुलपति ने कहा कि डॉ अंबेडकर ने शिक्षित और संगठित होने की सलाह दी थी। निरंतर संघर्षरत रहने की प्रेरणा देते हुए समाज को समझने और उसे व्यक्तियों के रहने लायक न्यायसम्मत बनाए रखने में योगदान की प्रेरणा दी थी। पर मुझे लगता है कि हम पढ़े लिखे लोग उनकी प्रेरणा को नहीं समझ पाए। आज भी समाज में छुआ-छूत, ऊंच-नीच और भेदभाव है। यह इसलिए है कि हमने अपना काम ठीक से नहीं किया है। मौके पर उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में डॉ अंबेडकर की जयंती पर चमेली का पौधारोपण किया
मुख्य वक्ता डॉ अभय कुमार ने बीज वक्तव्य में कहा कि डॉ अंबेडकर के सपनों का भारत वह है जहां स्वतंत्रता, समता, बंधुता, न्याय की अवधारणा केवल किताबों में नहीं हो बल्कि हमारे सपनों में हों, हमारे व्यवहार में हों, हमारे कार्य में हों, हमारे सोच विचार में हों तब सच्चे अर्थों में अंबेडकर का जन्मदिन सार्थक होगा। मुख्य अतिथि मुंविवि के डीएसडब्ल्यू प्रो भवेशचंद्र पांडेय और कुलसचिव कर्नल वीके ठाकुर थे। कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता डॉ अभय कुमार, हिन्दी विभागाध्यक्ष, बीआरएम कॉलेज मुंगेर थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ अशोक कुमार पोद्दार, प्रभारी प्राचार्य, जमालपुर कॉलेज जमालपुर आमंत्रित थे।
कुलसचिव कर्नल ठाकुर ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर किसी एक वर्ग के नेता नहीं हैं, बल्कि वे न केवल भारत बल्कि समस्त विश्व के वैचारिक अगुआ हैं। हमने सेना में काम करते हुए किसी भी खास जाति और वर्ग या संप्रदाय को नहीं देखा। मगर यह सच है कि हमारा समाज विभाजित है। अंबेडकर ने उस विभाजित मानसिकता पर चोट की।
डीएसडब्ल्यू प्रो भावेशचंद्र पांडेय ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर ने भारत को जानने के लिए इसके पूरे इतिहास को बारीकी से देखा।
ये हुए सम्मानित -
मौके पर कुलपति ने दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन में प्रतिभागी वॉलेंटियर्स को सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले हैं - मृत्युंजय, आदर्श, आयुष, राजा, अनुज, सुधांशु, भव्या, आस्था, रिया, अमृता, स्वाति, प्रेरणा, नंदनी, राजनंदनी, सोनाली, सोनल, चंद्रेश पंजीकर, कार्यालय कर्मी सौरभ शांडिल्य, और वरिष्ठ कार्यालय सहायक सुमंत कुमार को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रो गोपाल प्रसाद, डॉ राजेश कुमार, डॉ मृत्युंजय मिश्रा, डॉ राजीव नयन, डॉ मुकेश कुमार, डॉ कंचन, सुमंत कुमार, सौरभ शांडिल्य सहित सैकड़ों छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।
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