Kharagpur s Rajendra Shrikrishna High School A Historical Institution in Decline शिक्षा ही नहीं छात्रों की भावनाओं का मंदिर है आरएसके उच्च विद्यालय, Munger Hindi News - Hindustan
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शिक्षा ही नहीं छात्रों की भावनाओं का मंदिर है आरएसके उच्च विद्यालय

हवेली खड़गपुर का राजेंद्र श्रीकृष्ण उच्च विद्यालय, जो शताब्दी वर्ष पूरा कर चुका है, जर्जर स्थिति में है। विद्यालय की कक्षाओं में दरारें हैं और कई खिड़कियाँ टूटी हुई हैं। हाल के दिनों में चोरी की...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरTue, 22 April 2025 03:20 AM
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शिक्षा ही नहीं छात्रों की भावनाओं का मंदिर है आरएसके उच्च विद्यालय

हवेली खड़गपुर, एक संवाददाता नगर के सबसे पुराने और एक शताब्दी वर्ष पूरा करने वाला राजेंद्र श्रीकृष्ण उच्च विद्यालय जर्जर है। विद्यालय का बाहरी आवरण लोगों को जरूर लुभाता है लेकिन विद्यालय के आधारभूत संरचना का नजदीक से देखने करने पर इस विद्यालय के ऐतिहासिक अस्तित्व की गिरती दशा की हकीकत लोगों के सामने आ जाता है। आजादी के पूर्व स्थापित आरएसके उच्च विद्यालय का नाम था ली हाई इंग्लिश स्कूल-आजादी के पूर्व स्थापित आरएसके उच्च विद्यालय जो ली हाई इंग्लिश स्कूल के नाम से जाना जाता था। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1926 को इस विद्यालय की स्थापना की गई थी।

विद्यालय के कई छात्र प्रशासनिक, राजनीतिक सेवा में सक्रिय-आरएसके उच्च विद्यालय की अपनी विशेष साख रही है। इस विद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्रों ने अपनी मेहनत के बूते विशेष मुकाम हासिल किया है। जिनमें भूतपूर्व मंत्री शमशेर जंग बहादुर सिंह, आईएएस दीपक प्रसाद, प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक प्रदीप सिंघानिया, संपादक राजेश तोमर, तिमाभावि के प्रो. डा. पूर्णेन्दु शेखर समेत सैकड़ों ऐसे प्रतिष्ठित पद पर सेवा दे रहे है जिनकी भावना आरएसके उच्च विद्यालय से जुड़ी है।

विद्यालय की कक्षा की हालत दयनीय

विद्यालय की वर्तमान दशा और जर्जर होती स्थिति देखकर इस विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र काफी आहत है। विद्यालय की कक्षा का हाल काफी जर्जर है। जगह जगह दरारों के साथ पेड़ पौधे की जड़े इस कदर फैली है कि इसके अस्तित्व पर आफत दिखता है। कई कक्षा भवन की खिड़कियां टूटी पड़ी है। यही नहीं हाल के दिनों में विद्यालय में कई बार चोरी भी हो चुकी है। यहीं नहीं विद्यालय के हॉल में लगा पंखा भी खराब हालत में है और कई तो चोर उड़ा ले गए है।

निविदा निकलने के बाद भी कार्य लटका पड़ा है

पिछले दिनों विद्यालय भवन के जीर्णोद्धार के लिए 49 लाख 710 रुपए की राशि की निविदा निकाली गई। लेकिन बावजूद इसके अबतक निविदा की प्रक्रिया के बाद आगे का कार्य कहां अटका पड़ा है पता नहीं। इसको लेकर लोगों के बीच गहरे सवाल उठ रहे है। इस संबंध में विद्यालय की प्रधानाध्यापक आभा रानी सिन्हा बताती है कि राज्य निधि से निविदा की प्रक्रिया निकाली गई थी। लेकिन निविदा के बाद की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई है।

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