मेडिकल की इमरजेंसी में जंग लगे उपकरणों से इलाज
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में मरीजों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है। इमरजेंसी के ड्रेसिंग रूम में गंदगी और जंग लगे उपकरणों का उपयोग हो रहा है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। अधीक्षक ने नए...

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। एसकेएमसीएच में मरीजों की सुविधा के लिए विभाग हर साल करोड़ से अधिक रुपये खर्च करता है। इसके बावजूद यहां इलाज में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। इमरजेंसी के ड्रेसिंग रूम में गंदगी व जंग लगे उपकरणों से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। ये उपकरण स्टेरलाइज भी नहीं किए जाते हैं, जिससे मरीजों में संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। बताते हैं कि जंग लगे उपकरणों के कारण डॉक्टर और ड्रेसर के भी संक्रमण की चपेट में आने का खतरा रहता है। कई बार स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित मरीजों के संपर्क में भी आ गए थे।
ड्रेसिंग रूम में कार्यरत एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया ड्रेसिंग रूम के उपकरणों को स्टेरलाइज करने के लिए लगाया गया बॉयलर एक साल से अधिक समय से खराब है। उसके बाद ऑटो क्लब, बेसिन भी खराब है। यहां तक इमरजेंसी में लगे सेक्शन प्वाइंट, ऑक्सीजन प्वाइंट की हालत भी जर्जर है। ड्रेसिंग टेबल पर बिछाए गए रबड़ को भी बदले हुए कई महीने बीत गए हैं। बता दें की एसकेएमसीएच उत्तर बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां की इमरजेंसी में हर रोज दो दर्जन से अधिक सड़क दुर्घटना या मारपीट में इलाज मरीजों को इलाज के लिए लाया जाता है। इनमें कई मरीज संक्रमित भी होते है। प्राथमिक उपचार के बाद जब उन मरीजों के खून की जांच कराई जाती है तो रिपोर्ट से मरीजों के संक्रमित होने की जानकारी होती है। इस मामले में अधीक्षक प्रो डॉ कुमारी विभा ने बताया नए उपकरण की सप्लाई के लिए बीएमआईसीएल को लिखा गया था। उपकरण की सप्लाई होते ही बदल दिए जाएंगे। फिलहाल साफ-सफाई के लिए सफाई सुपरवाइजर को निर्देश दिए गए हैं।
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