गीतों और फिल्मों से बच्चे सीखेंगे नई भाषा
बिहार में बच्चों को बहुभाषी बनाने के लिए एनसीईआरटी और एससीईआरटी ने पहल की है। 19 मई से मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों में विशेष अभियान शुरू होगा। सरकारी और निजी स्कूलों को इस अभियान में शामिल होने के लिए...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। गीतों और फिल्मों से बच्चे नई भाषा सीखेंगे। बच्चों को बहुभाषी बनाने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) और स्टेट शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने यह पहल की है। शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर बिहार शिक्षा परियोजना ने इसको लेकर मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों को गाइडलाइन जारी की है। सरकारी स्कूलों में 19 मई से विशेष अभियान चलेगा। निजी स्कूलों को भी इस अभियान में शामिल होने का निर्देश शिक्षा मंत्रालय ने दिया है। सभी स्कूलों को कम से कम 100-100 बच्चों को जोड़ने को कहा गया है। 19 मई से शुरू भाषा अभियान के तहत पहले चरण के सात दिनों के लिए 28 घंटे की कार्ययोजना बनाई गई है।
इसमें सभी स्कूलों को शामिल होना है। अन्य भाषा में अनुवादित फिल्म को दिखाकर बच्चों को संबंधित भाषा सिखाई जाएगी। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि छोटी उम्र में ही विभिन्न भाषाओं के बारे में अगर बच्चों में जागरूकता होती है तो उससे जुड़ने के लिए वे आजीवन प्रयासरत रहेंगे। बहुभाषावाद सीखाने में स्कूलों की भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसे में सभी स्कूलों में इस बार भारतीय भाषा समर कैंप आयोजित किया जाना है। एनसीईआरटी इस समर कैंप के लिए संसाधन सामग्री उपलब्ध कराने को नोडल संगठन और तकनीकी भागीदार होगा। राज्य शिक्षा विभाग व एससीईआरटी इसे मिलकर करेंगे। इन गतिविधियों के तहत अन्य भाषा से जुड़ेंगे बच्चे : -रोल प्ले, फ्लैश कार्ड, विभिन्न प्रेरणादायक और देशभक्ति नारों का अनुवाद -देशभक्ति गीतों को विभिन्न भाषाओं में गाकर, स्थानीय चित्रकारी, शैलियां, आसपास के क्षेत्र के अन्य भाषा जानने वाले संसाधन व्यक्ति को बुलाकर संवाद कराना। -बच्चों को सामाजिक विषयों पर बनी लघु फिल्म को हिंदी के साथ अंग्रेजी और अन्य भाषा में दिखाना और शब्दावली तैयार कराना -नदी, पहाड़ आदि के विभिन्न भाषाओं में बच्चों को बताना आदि
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