सिर पर मानसून, 3.9 किमी नाला और दस कल्वर्ट का निर्माण बाकी
मुजफ्फरपुर में मानसून के बावजूद 3.9 किलोमीटर नाला और 10 कल्वर्ट का निर्माण कार्य अभी बाकी है। अमृत योजना के तहत चार बड़े नालों का निर्माण अधूरा है। नगर विकास मंत्री ने बुडको को 30 अगस्त तक काम पूरा...

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता सिर पर मानसून, फिर भी शहर में 3.9 किलोमीटर नाला और 10 कल्वर्ट का निर्माण कार्य बाकी है। इसमें अमृत योजना से बन रहे चार बड़े नाले का निर्माण भी शामिल हैं। मिठनपुरा से नारायणपुर दिघरा नाला, सिकंदरपुर-लकड़ीढ़ाई से रोहुआ-मनिका मन, कच्ची-पक्की और बीबीगंज नाला अधूरा है। इन चारों नालों की लंबाई 13.6 किमी है। छह वर्षों में बीते अप्रैल तक 9.68 किमी ही निर्माण हो सका है। हाल ही में हुई समीक्षा में यह सच्चाई सामने आने के बाद नगर विकास एवं आवास मंत्री जीवेश कुमार ने 30 अगस्त तक की मोहलत बुडको को दी है। साथ ही काम पूरा नहीं होने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
हालांकि, अगले तीन महीने में करीब 3.9 किमी नाला निर्माण होने पर संशय है। अगले माह जून में मानसून आने पर नाला निर्माण मुश्किल हो जाएगा। कुल 21 कल्वर्ट का निर्माण होना था, इनमें 11 बन चुके हैं। बाकी बचे कल्वर्ट की राह में बारिश बाधा बन सकती है। नाला या कल्वर्ट के काम में सड़क काटने या गड्ढ़ा खोदना पड़ता है। ऐसे में बारिश होने पर काम बाधित होगा। छह बार शटडाउन, फिर भी नहीं हटे बिजली पोल निर्माण एजेंसी की सुस्ती से भी काम में देरी हो रही है। नाला निर्माण से जुड़े स्थानों से बिजली पोल को शिफ्ट करना है। इसको लेकर बिजली विभाग ने कई बार शटडाउन दिया फिर भी समस्या बरकरार है। बीते अप्रैल में डीएम सुब्रत कुमार सेन की समीक्षा बैठक में बुडको के परियोजना निदेशक ने जानकारी दी थी। कहा था कि पोल शिफ्ट करने को बिजली विभाग को कई बार पत्र लिखा गया पर कार्रवाई नहीं हो सकी। तब विद्युत आपूर्ति प्रमंडल (शहरी-1) के कार्यपालक अभियंता ने स्पष्ट किया था कि पत्राचार के जरिए जब भी शटडाउन मांगा गया तब दिया गया है। पिछले फरवरी में ही छह बार शटडाउन दिया गया। हालांकि, इस संबंध में दिसंबर 2024 के बाद से अप्रैल के मध्य तक कोई पत्र नहीं मिला है। बारिश में जलजमाव से बड़े इलाके में होगी परेशानी नालों का निर्माण पूरा नहीं होने से इस साल भी बरसात में बड़ी आबादी को जलजमाव से परेशानी होगी। परियोजना के अंतर्गत चार बड़े नालों के साथ ही तीन एसटीपी भी बनाए जाने हैं। चारों नाले आउटर नाले की तरह काम करेंगे। इसके जरिए शहर के बड़े इलाके का पानी सीधे एसटीपी में जाएगा। हालांकि, सिर्फ दो प्लांट ही बन रहे हैं। तीसरे एसटीपी को जमीन नहीं मिल सकी है। बयान: छह वर्ष से अधिक समय बीतने के बावजूद प्रोजेक्ट अधूरा है। हाल ही में नगर विकास मंत्री की समीक्षा बैठक में इस मामले को मैंने उठाया था। बुडको को अगस्त तक काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। काम की रफ्तार बढ़ाने को कहा गया है। - निर्मला साहू, मेयर
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