रामबाग चौरी नाहर की उड़ाही नहीं, हुई तो बरसात में फिर डूबेगा इलाका
मुजफ्फरपुर के वार्ड-46 में बारिश के मौसम में जलजमाव की समस्या बढ़ रही है। रामबाग चौरी से निकलने वाला गंदा पानी मोहल्लों में दुर्गंध फैला रहा है। स्थानीय नालियों की सफाई न होने से जलजमाव और बीमारियों...

मुजफ्फरपुर। बरसात आने को है। वार्ड-46 की 20 हजार आबादी की चिंता बढ़ने लगी है। शहर के पूर्वी भाग में स्थित रामबाग, रामबाग चौरी, खन्ना कंपाउंड, मेहता कंपाउंड, चूना भठ्ठी रोड, आदर्श कॉलोनी व शक्तिनाथ नगर सहित एक दर्जन मोहल्ला वाले इस वार्ड में इस बरसात भी जलजमाव तय है। वार्ड के रामबाग चौरी से शहर के लगभग आधे इलाके का गंदा पानी निकलता है, लेकिन यह गंदगी से पटा हुआ है। पूरे मोहल्ले में दुर्गंध फैलता रहता है। नाहर ओवरफ्लो होने पर इस रास्ते से गुजरने वाले अक्सर फिसल कर नाहर में गिर जाते हैं। नगर निगम के वार्ड-46 में जलजमाव के अलावा कई समस्याएं हैं।
सड़कों को काटकर छोड़ दिया गया है। नलजल व अन्य योजनाओं की पाइपलाइन बिछाने के लिए कई स्थानों पर सड़कों को काट दिया गया है। वार्ड के लोगों ने बताया कि कुछ ही साल पहले ये सड़कें बनी थीं। लगभग एक वर्ष पहले इन सड़कों को काटा गया। इसके बाद इन्हें ऐसे ही छोड़ दिया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि नलजल योजनाओं का बुरा हाल है। घरों में नियमित जलापूर्ति नहीं की जाती है। कई मोहल्लों के लोगों ने बताया कि उनके घरों तक नलजल का पानी नहीं पहुंचता है। इसकी शिकायत करने पर उन्हें एक मोबाइल नंबर दिया गया। नंबर पर कॉल करने पर उसे किसी ने रिसीव नहीं किया। पेयजल संकट को लेकर मोहल्ले के लोगों को काफी परेशानी होती है। वहीं, वार्ड में कई सरकारी चापाकल खराब पड़े हुए हैं। कई स्थानों पर इन चापाकलों के नीचे चबूतरा नहीं बनाया गया है। इससे यहां गंदा पानी जमा रहता है। लोगों ने बताया कि वार्ड में बिजली के तार की स्थिति काफी जर्जर है। यह काफी नीचे तक लटकता रहता है। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत की गई, लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा। खतरनाक बना रामबाग चौरी नाहर विवेक, परवेज व अन्य ने बताया कि शहर के लगभग आधे मोहल्लों के घरों से निकलने वाले गंदा पानी का बहाव रामबाग चौरी के नाहर से होता है। इन मोहल्लों की नालियां इस नाहर से जुड़ी हैं। यह शहर के पश्चिमी भाग में स्थित फरदो नाले की तरह है। इसकी नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। जानवरों के शव बहते रहते हैं, जिससे दुर्गंध फैलता है। इस नाहर के तट होकर रास्ता है। यह नाहर अक्सर भरा रहता है, जिससे गंदा पानी ओवरफ्लो हो जाता है। कीचड़ से इसके तटबंध के निकट का रास्ता खतरनाक हो जाता है। कई बार बाइक सवार इस नाहर में गिर जाते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस नाहर का आउटलेट सही तरीके से नहीं बनाया गया है। बीएमपी-छह के निकट बूढ़ी गंडक नदी व चौर में इसका पानी जाता है। जब बीएमपी-छह के निकट इसके आउटलेट को बंद कर दिया जाता है तो इसका गंदा पानी ओवरफ्लो कर मोहल्ले में जमा हो जाता है। मो. हसन, वीरेंद्र व अन्य ने बताया कि वार्ड में कई स्थानों पर छोटे-छोटे नाले बनाए गए हैं। ये काफी संकरे हैं। कई नालों का तो आउटलेट तक नहीं है। कुछ मोहल्लों में सड़क के एक ओर ही नालियां बनाई गई है, जिन्हें सड़क के दूसरी ओर के घरों से नहीं जोड़ा गया है। इससे दूसरी तरफ के घरों का गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। संकरी नालियां होने के कारण ये पानी का दबाव सहन नहीं कर पाती है। बारिश के समय मोहल्ले में भीषण जलजमाव हो जाता है। संकरी नालियां होने के कारण कई-कई दिनों तक पानी जमा रहता है। दस वर्ष पहले ये नालियां बनाई गई थीं। इसके बाद मोहल्ले में बड़ी संख्या में नए मकान बने हैं। इससे इन नालियों पर दबाव बढ़ा है। इन नालियों की नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। इससे ये नाले जाम हो जाते हैं। नाले की सफाई के बाद उसमें से निकले कचरे को सड़क किनारे ही छोड़ दिया जाता है। बाद में यह फिर से नाले में चला जाता है। बोले जिम्मेदार : शहर में जलनिकासी के लिए फरदो नाला व रामबाग चौरी नाला प्रमुख हैं। रामबाग चौरी नाले के जीर्णोद्धार के लिए राज्य के शहरी विकास एवं आवास मंत्री व केंद्रीय जलशक्ति मंत्री को अवगत कराया गया है। इसके जीर्णोद्धार के लिए निगम से प्रस्ताव पारित कर सरकार के पास भेजा गया है। सरकार से प्रस्ताव पर जल्द अनुमति मिलने की संभावना है। इसके बाद इसके जीर्णोद्धार का काम शुरू होगा। इससे इस क्षेत्र में जलनिकासी की बड़ी समस्या हल हो जाएगी। -निर्मला साहू, महापौर
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