कुंदन सिंह हत्याकांड: दो मामलों की छह वर्ष में नहीं पूरी हुई जांच
मुजफ्फरपुर में बैरिया बस स्टैंड पर कुंदन सिंह हत्याकांड से जुड़े दो मामलों की जांच छह साल में पूरी नहीं हो सकी। पुलिस ने कोर्ट में रिपोर्ट पेश नहीं की और न ही आरोपितों के खिलाफ वारंट जारी करने की...

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। बैरिया बस स्टैंड में इंचार्जी विवाद को लेकर कुंदन सिंह हत्याकांड से जुड़े दो मामले की छह वर्ष में अहियापुर पुलिस जांच पूरी नहीं कर सकी। पुलिस ने दोनों मामले में जांच का प्रगति प्रतिवेदन या अंतिम प्रपत्र कोर्ट में नहीं सौंपा है। दोनों मामले में गिरफ्तारी के लिए किसी आरोपित के विरुद्ध वारंट जारी कराने को कोर्ट में अर्जी नहीं दी गई। इसमें एक मामला एसटीएफ के पुलिस निरीक्षक शैलेश कुमार और दूसरा किशनगंज के बस यात्री पवन दास ने दर्ज कराया था। एसटीएफ की मुठभेड़ में एक शूटर मारा गया था, जबकि बदमाशों की गोली पवन दास को लगी थी।
अन्य शूटरों को ढूढ़ नहीं पाई पुलिस : एसटीएफ के इंस्पेक्टर शैलेश कुमार की ओर से दर्ज एफआईआर में मुठभेड़ में सीतामढ़ी के आरोपित शूटर रोहित कुमार के मारे जाने बात कही गई है। उन्होंने अन्य शूटरों के भागने की बात भी बताई है। पुलिस इन शूटरों की पहचान तक नहीं कर पाई। वहीं, किशनगंज के बस यात्री पवन दास को बदमाशों की चलाई गई गोली लगी थी। उसके बयान पर भी अहियापुर थाने में एफआईआर हुई थी। दोनों मामले पुलिस जांच के लिए कोर्ट में लंबित है। ऐसा लगता है कि पुलिस इन मामलों को भूल चुकी है। तीनों मामले की एक साथ जांच का हाईकोर्ट का आदेश वहीं कुंदन सिंह हत्याकांड को लेकर उसकी पत्नी अंचला कुमारी ने दो फरवरी को अहियापुर थाने में एफआईआर कराई थी। इसमें चुन्नू ठाकुर सहित पांच को नामजद किया था। पुलिस इस मामले की जांच कर चुन्नू ठाकुर व मुखिया अनिल चौबे सहित अन्य के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। इस बीच हाईकोर्ट ने तीनों मामले की एक साथ जांच करने का आदेश एसएसपी को दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन दोनों मामले की जांच होगी। विदित हो कि एक फरवरी 2019 को बैरिया बस स्टैंड के निकट कुंदन सिंह को गोलियों से भून दिया गया था। इसी दौरान उधर से गुजर रहे एसटीएफ से शूटरों की मुठभेड़ हो गई। बदमाशों की गोलीबारी में बस यात्री पवन दास को पैर में गोली लगी थी।
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