दिनकर की कविताएं आज भी राजनीति को दिखाएगी सही दिशा
मधुबनी में पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रकवि दिनकर को याद किया। साहित्यकारों का कहना है कि दिनकर की कविताएं आज भी राजनीतिक और सामाजिक संदर्भ में प्रासंगिक हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जो तटस्थ हैं, उनके...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध। जो तटस्थ है, समय लिखेगा उनका भी अपराध। राष्ट्रकवि दिनकर की कविताएं राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक हैं। मधुबनी में पीएम ने जब राष्ट्रकवि दिनकर को याद किया तो उनके स्मरण में यह भी निहितार्थ है कि आज आतंकवाद ने जिस तरह पहलगाम में अपनी दरिंदगी दिखाई है, इसके विरोध में पूरे देश को एक होने और सबक सीखाने की अपील है। पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रकवि दिनकर को याद करने पर शहर के साहित्यकारों ने ये बातें कहीं।
साहित्यकारों ने कहा कि दिनकर ओज और राष्ट्रबोध के कवि हैं, जिनकी कविताएं आज के समय में राजनीतिक और वर्तमान स्थिति दोनों में ही प्रासंगिक हैं। साहित्यकार डॉ. संजय पंकज कहते हैं कि दिनकर की कविता कहती है कि जो तटस्थ है, समय उनका भी अपराध लिखेगा। पीएम जब दिनकर को आज के समय में याद कर रहे तो यह दिखाता है कि राष्ट्रीय चेतना से भरी दिनकर की कविताएं हैं जो राष्ट्रीय स्वाभिमान को झंकृत करते हुए राजनीति को भी दिशा देती है। देशवासियों के स्वाभिमान को जागृत करने के लिए दिनकर की कविताएं आज भी प्रसांगिक हैं।
राजनीति जब भी लड़खड़ाती है, साहित्य उन्हें थाम लेता है
साहित्यकार कवि डॉ. रमेश ऋतंभर कहते हैं कि एक बार तात्कालिक पीएम के सामने एक संदर्भ पर दिनकर जी ने कहा था कि राजनीति जब भी लड़खड़ाती है तो साहित्य सहारा देता है। आज के संदर्भ में यह व्यापक परिदृश्य दिखाता है। दिनकर की कविताएं उसी तरह के आज के समय में रास्ता दिखा रही है। वर्तमान असमंजस की स्थिति में भी दिनकर की कविता दिशा दिखाती है। दिनकर को आज के समय में याद करना यही दिखाता है कि उनकी कविताएं आज भी सहारा देगी। कवि विजय शंकर मिश्र कहते हैं कि दिनकर जी को पुण्यतिथि पर पीएम द्वारा याद किया जाना यह भी दिखाता है कि उनकी कविताओं से हम सही राह लें।
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