School Without Access Children Abandon Classes Due to Lack of Road and Toilets रास्ता नहीं, खेतों में फसल... बच्चों ने छोड़ा स्कूल, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsMuzaffarpur NewsSchool Without Access Children Abandon Classes Due to Lack of Road and Toilets

रास्ता नहीं, खेतों में फसल... बच्चों ने छोड़ा स्कूल

मुजफ्फरपुर के प्राथमिक विद्यालय हिरणी टोला में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम है। बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है क्योंकि स्कूल तक कोई रास्ता नहीं है और यहां शौचालय भी नहीं है। निर्माण सामग्री खेतों में...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSat, 12 April 2025 06:15 PM
share Share
Follow Us on
रास्ता नहीं, खेतों में फसल... बच्चों ने छोड़ा स्कूल

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। रास्ता है नहीं, खेतों में फसल लगी है। नतीजतन बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया। जिले में सबसे कम उपस्थिति वाले इस स्कूल में जब बच्चों की खोजबीन शुरू हुई तब यह गंभीर मामला सामने आया।

जिलाधिकारी के संवाद बैठक में औराई प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय हिरणी टोला में बच्चों की सबसे कम उपस्थिति की बात सामने आई। हेडमास्टर से इसपर सवाल हुआ तो बताया गया कि स्कूल में शौचालय नहीं है। इस वजह से बच्चे यहां नहीं आते हैं। डीएम ने संबंधित अधिकारियों को शौचालय बनवाने का निर्देश दिया। शौचालय के लिए जब पहल हुई तो निर्माण सामग्री स्कूल तक नहीं पहुंच पाई। जब सामान नहीं पहुंच पाया तो बच्चों के भी स्कूल नहीं पहुंचने का खुलासा हुआ। रास्ता नहीं होने से बच्चे भी स्कूल कम आते हैं।

बिना रास्ते वाले स्कूल में बन गई बिल्डिंग

हाल यह है कि स्कूल तक पहुंचने को रास्ता नहीं है, लेकिन स्कूल का तीन कमरों का भवन बना दिया गया है। अभी निर्माण सामग्री इसलिए नहीं पहुंच पाई क्योंकि खेतों में फसल लगी है। गाड़ियां नहीं जा सकती हैं। ग्रामीणों ने कहा कि जिस हिरणी टोला में यह स्कूल है, वहां के लोग दूसरी जगह पर विस्थापित हो चुके हैं। यह ऐसी जगह स्थित है जहां दो किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए तीन घंटे का समय लगता है। खेत के बीच में बने इस स्कूल में बच्चे कैसे पहुंचेंगे, जब यहां के सारे ग्रामीण दूसरी जगह जा चुके हैं। ऐसे में कभी 10, 12 तो कभी 15, 20 बच्चे स्कूल में दिखते हैं। हालांकि, स्कूल में चार शिक्षक पदस्थापित हैं और रजिस्टर पर नामांकन भी 100 से अधिक दिखाया गया है। ग्रामीणों का भी सवाल है कि जब यहां के लोगों को दूसरी जगह बसाया गया तो स्कूल को क्यों नहीं हटाया गया? लोगों का आरोप है कि जिस स्कूल तक पहुंचने का रास्ता नहीं है, वहां अधिकारियों ने मिलीभगत कर भवन भी बनवा दिया।

बारिश के दिनों में दूसरी जगह चलता है स्कूल

ग्रामीणों ने बताया कि स्थिति यह है कि बाकी दिनों में तो खेत-खलिहान से होकर भी कुछ बच्चे स्कूल पहुंच जाते हैं, लेकिन बारिश के दिनों में स्कूल तक पहुंचना नामुमकिन हो जाता है। ऐसे में कुछ महीनों तक यह स्कूल बांध के उस पार झोपड़ी या अन्य जगहों पर चलता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।