रोज गुजरता मंत्री-अफसरों का काफिला, दस साल से गोबरसही-डुमरी रोड पर बह रहा नाला
मुजफ्फरपुर में गोबरसही-डुमरी रोड पर जलजमाव से लोगों की रोजी-रोटी और जीवन पर संकट है। गंदे नाले का पानी सड़क पर भरा रहता है, जिससे राहगीरों को कठिनाई होती है। हाल ही में एक लड़की की मौत भी हुई। स्थानीय...
मुजफ्फरपुर। गोबरसही-डुमरी रोड में सड़क पर जलजमाव से न केवल रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है, बल्कि लोगों की जान पर भी बन आई है। सालोंभर सड़क पानी से डूबी रहती है। वह भी नाले का काला गंदा पानी। उससे निकलने वाले दुर्गंध से स्थानीय लोग और दुकानदार तो परेशान हैं ही, यहां से गुजरने वाले राहगीरों को भी दुश्वारी हो रही है। सड़क पर पानी से भरे गड्ढे में गिरकर लोग चोटिल हो जाते हैं। यह पटना की ओर आने-जाने के लिए प्रमुख सड़कों में से एक है। अक्सर यहां से नेताओं और अफसरों का काफिला गुजरता है, लेकिन वे नजरअंदाज कर निकल जाते हैं। कुछ ही दूरी पर बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री का घर है। फिर भी सड़क की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
शहर से पटना की ओर जाना हो तो अक्सर लोग गोबरसही चौक के रास्ते डुमरी होकर सीधे तुर्की निकल जाते हैं। अधिकारियों का काफिला भी इसी रास्ते आता-जाता है, मगर दस साल से अधिक से जलजमाव की परेशानी झेल रहे लोगों की समस्या पर किसी का ध्यान नहीं गया। करीब 300 मीटर की दूरी तक सालोंभर नाले का गंदा पानी पूरी सड़क पर फैला रहता है। इस कारण यहां सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। जब पानी लगा होता है तो ये गड्ढे दिखते नहीं हैं। इस कारण पैदल या बाइक से आने-जाने वाले राहगीर अक्सर इसमें गिरकर चोटिल होते हैं। पिछले महीने गड्ढे में गिरकर एक लड़की गंभीर रूप से जख्मी हो गई, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। विगत सोमवार को सदर थाने का एक पुलिसकर्मी इसी गड्ढे में गिरकर बुरी तरह जख्मी हो गया। इसके बाद भी इस समस्या पर अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है।
यहां 300 मीटर के दायरे में करीब 60-70 दुकानें हैं। दुकानदार बताते हैं कि उनका व्यवसाय 15-20 वर्ष पुराना है। तब यह निर्मल ग्राम योजना का हिस्सा हुआ करता था। बीते करीब 10 वर्षों से यहां सालोंभर पानी लगा रहता है। मिठाई, मीट और कपड़े की कई दुकानें घाटे के कारण बंद हो गई हैं। कई दुकानदार पांच-छह महीने से मकान का किराया तक नहीं दे पा रहे हैं। स्कूल-कॉलेज आने-जाने वाले बच्चों को परेशानी हो रही है। महिलाएं पैदल घर से नहीं निकल पा रही हैं। सुबह में टहलने के लिए निकलने वाले लोग इसी गंदे पानी होकर आते-जाते हैं। बार-बार शिकायतों के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं देना सिस्टम पर सवाल खड़ा कर रहा है।
बरसात में बदतर हो जाती है स्थिति
दुकानदार मो. आलम व स्थानीय अभिषेक ने बताया कि सामान्य दिनों में तो पानी लगा रहता ही है, जब बारिश शुरू होती है तो इलाके की स्थिति बद से बदतर हो जाती है। दुकानों और गैराजों में पानी घुस जाता है। बारिश में तो दुकानें बंद ही रखनी पड़ती है। पानी लगने के कारण दुकान में रखे सामान बर्बाद हो जाते हैं। मच्छर के कारण शाम के बाद बैठना मुहाल हो जाता है। दिनभर बैठने के बाद एक-दो ग्राहक आ जाएं तो बहुत है। ऐसे में घर चलाना तो दूर, मकान का किराया निकालना मुश्किल है। दुकानदार अब्दुल बारिक यहां मटन की दुकान चलाते थे। दुकान के सामने लगातार पानी लगने से ग्राहक नहीं आते थे। इस कारण करीब पांच साल से दुकान बंद कर कमरे का किराया दे रहे हैं। यहां संचालित एक प्रतिष्ठित मिठाई और कपड़े की दुकान घाटे के कारण बंद करनी पड़ी। इसी तरह कई दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। वर्षों से इस समस्या को झेल रहे दुकानदार और स्थानीय लोग इस बात से काफी दुखी हैं कि रोज इस सड़क से मंत्री से लेकर विभागों के बड़े अधिकारियों का काफिला गुजरता है, लेकिन जलजमाव की समस्या की लंबे समय से अनदेखी की जा रही है।
आंदोलन भी बेअसर, अब ब्लॉक करेंगे रोड
मोहल्ले के लोग और दुकानदारों ने मिलकर यहां कई बार जलजमाव की समस्या दूर करने को लेकर आंदोलन भी किया, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हो सका। स्थानीय थाने की पुलिस ने यहां से लोगों को आश्वासन देकर हटा दिया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। नगर विधायक, पंचायती राज मंत्री से लेकर सभी जनप्रतिनिधियों को भी समस्या से अवगत कराया जा चुका है। लोग अब इस सड़क को बंद करने की योजना बना रहे हैं। मोहल्लेवासियों का कहना है कि अधिकारी और नेता तो इसी रास्ते स्कार्ट लेकर चारपहिया से निकल जाते हैं। हमलोग फजीहत झेलने को मजबूर हैं। ऐसे में अब इस सड़क को बंद कर विरोध करेंगे। वे भी कभी पैदल इस सड़क से गुजरें तो उन्हें समस्या का अंदाजा हो।
जल्द ही शुरू होगी टेंडर की प्रक्रिया
पावर हाउस चौक से गोबरसही होते हुए सकरी सरैया पटना पथ तक सड़क निर्माण व ड्रेनेज की डीपीआर पूर्व में तैयार की जा चुकी है। यह फरदो में गिरेगा। 16 करोड़ 40 लाख की लागत से इस सड़क के निर्माण का पूर्व में टेंडर भी निकला था, लेकिन तकनीकी व्यवधान के कारण इसे रद्द कर दिया गया। नए वित्तीय वर्ष में जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस मार्ग के निर्माण व ड्रेनेज बनने से गोबरसही-डुमरी रोड में जलजमाव की समस्या स्थायी रूप से समाप्त हो जाएगी। इससे शहर के लोगों को पटना पथ और कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र के लोगों को शहर में आने का वैकल्पिक मार्ग भी मिल जाएगा।
-केदार प्रसाद गुप्ता, मंत्री, पंचायती राज विभाग बिहार सरकार
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