वार्ड 25 की नाली और गली बदहाल, नलजल की भी व्यवस्था नहीं
हिसुआ के वार्ड 25 की महादलित आबादी 77 वर्षों से बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। स्थानीय लोग नाली, गली और नलजल की कमी से परेशान हैं। गांधी टोला में सामुदायिक शौचालय की स्थिति भी दयनीय है। वार्ड पार्षद...

हिसुआ, संवाद सूत्र। आजादी के 77 वर्षों बाद भी वार्ड 25 स्थित हिसुआ की महादलित आबादी आज तक बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी सुविधाओं की आस लगाए बैठे लोग अब अपने आंसू बहाने को मजबूर हैं। न नाली न गली और ना ही यहां नलजल की कोई व्यवस्था है। स्थिति इतनी गंभीर होने के बावजूद इसे आजतक सुधारने की कोई पहल नहीं किया जाना वार्ड वासियों के उम्मीदों पर पानी फिरने के सामान है। हिसुआ नगर परिषद का यह वार्ड पुराने नगर पंचायत का भाग रहा है। वार्ड का पुनर्गठन हिसुआ डीह के महादलित टोला और पूर्णतः महादलित आबादी वाले गांधी टोले को शामिल कर किया गया है। वार्ड का सीमांकन पूरब में हिसुआ डीह स्थित देवी मंदिर के समीप से लेकर पश्चिम दिशा में सविता चित्र मंदिर वाली गली तक है। जबकि उत्तर में वार्ड 24 की सीमा से लेकर दक्षिण में कीरो चौधरी के मकान तक है। वार्ड की आबादी 05 हजार के करीब है जबकि यहां 18 सौ के आसपास मतदाता है। वार्ड महादलित आबादी से भरी हुई है। इस कारण यह वार्ड महादलितों के लिए आरक्षित माना जाता है। शहर के जाने माने समाजसेवी तथा कई दफा पार्षद रहे दिवंगत भाजपा नेता स्वर्गीय गोपाल चौधरी की धर्मपत्नी मुन्नी देवी वर्तमान में यहां की पार्षद हैं। कृषि, व्यवसाय और मजदूरी यहां के लोगों का मुख्य पेशा है। वार्ड में शैक्षणिक सुविधाओं कह स्थिति कुल मिलाकर ठीकठाक है। कन्या प्राथमिक विद्यालय सहित तीन-तीन आंगनबाड़ी केंद्र यहां मौजूद हैं। शैक्षणिक सुविधाओं को छोड़कर अन्य सुविधाओं की घोर कमी यहां स्पष्ट दिखती है। वार्ड में नाली, गली और नलजल सुविधों की स्थिति बेहद दयनीय है। नगर परिषद में उथल-पुथल के कारण अबतक मात्र दो हीं विकास योजनाओं को धरातल पर उतारा जा सका है। ------------------------------------- हाथी का दांत बना गांधी टोला का सामुदायिक शौचालय नगर परिषद द्वारा वार्ड के लोगों की सुविधा को लेकर कुछ वर्षों पूर्व लाखों रुपये खर्च कर गांधी टोला में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था ताकि वार्ड के वैसे घरों के लोग, जिनके यहां शौचालय नहीं है, वे इसका इस्तेमाल कर सकें। लेकिन निर्माण कार्य में घोटाला की वजह से निर्माण के कुछ ही दिनों बाद यह शौचालय टूट-फूटकर इस्तेमाल के लायक नहीं बचा और महज हाथी का दांत बनकर रह गया। स्थानीय महादलित लोग इस सामुदायिक शौचालय की स्थिति में सुधार कराने की मांग करते हुए कहते हैं कि शौचालय नहीं होने के करण हमलोगों को मजबूरीवश खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। इस कारण महिलाओं और बच्चियों को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। लोग कहते हैं कि वार्ड की बड़ी महादलित आबादी को ध्यान में रखते हुए इस टूटे-फूटे सामुदायिक शौचालय को जल्द बनाने की पहल नगर परिषद हिसुआ को करनी चाहिए। ---------------------------------------- जूता और चप्पल निर्माण के लिए प्रसिद्ध है यह वार्ड वार्ड के पश्चिमी छोर पर रानी पोखर और गुहिया पोखर के किनारे शहर की एक बड़ी महादलित आबादी रहती है। यह गांधी टोला के नाम से मशहूर है। यहां के दर्जनों रविदास समाज के लोग जूता निर्माण के कार्य से जुड़े हुए हैं। इनकी आजीविका का मुख्य स्रोत उनका यही पेशा है। यह मोहल्ला जूता निर्माण के लिए मशहूर है। यहां दूर-दूर से लोग इनके हाथों से बने जूता और चप्पल खरीदने आते हैं। मोहल्ले के रानी पोखर पुल के समीप आज भी जूता-चप्पल के कई दुकान सदियों से सजती आ रही है। इस मोहल्ले के रविदास जाति के लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा कुटीर उद्योग के लिए सहायता प्रदान कर उनकी बदहाल स्थिति को सुधारा जा सकता है। ------------------------------------- गांधी टोला की स्थिति है बेहद नारकीय वार्ड स्थित गांधी टोला की स्थिति काफी नारकीय एवं बदहाल है। इस मोहल्ले में काफी बड़ी आबादी महादलितों की है, जिनके लिए यहां आजतक एक भी बेहतर बुनियादी सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा सकी है। मोहल्ले के भीतर घुसते ही यहां की बदहाल स्थिति को देखकर लोगों की रूह कांप जाती है। गलियों और घरों के आसपास बहते नाले का गंदा पानी और उससे निकलने बाली बदबू के कारण बिना नाक ढंके यहां से गुजर पाना मुश्किल होता है। यहां के महादलित आज भी इसी परिस्थिति में जीने को विवश हैं। मोहल्ले में न ही बेहतर नाली-गली कि सुविधा है और न ही लोगों के पीने के लिए पानी और सामुदायिक शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। स्थानीय लोग भीषण गर्मी में पानी खरीदकर या फिर दूसरे लोगों के घरों से लाकर पानी पीते हैं। हालांकि पार्षद मद से हाल-फिलहाल ही यहां नाली और गली में कुछ कार्य कराया गया है। स्थानीय महादलित वार्ड में जल्द ही नाली, गली के साथ ही नलजल आपूर्ति केंद्र का निर्माण मोहल्ले में जल्द ही कराने की मांग नगर परिषद से कर रहे हैं। ---------------------------------------- ध्वस्त पुलिया निर्माण की पहल जरूरी वार्ड में आलू गोदाम के समीप के रास्ते में बनी पुलिया वर्षों पूर्व ध्वस्त हो चुकी है, जो इस मोहल्ले के लोगों के आने-जाने का मुख्य मार्ग है। इसके बावजूद वर्षों पूर्व ध्वस्त हो चुके पुलिया का निर्माण नहीं कराए जाने से लोगों में काफी नाराजगी है। दर्द बयां करते हुए स्थानीय समाजसेवी नवीन दास बताते हैं कि देश आजाद हुए 77 वर्ष बीत गए लेकिन आजतक गांधी टोला की बदहाल स्थिति को सुधारने का ईमानदारी पूर्वक पहल नहीं किया जा सका है। पुलिया निर्माण की मांग को वर्षों से नजर अंदाज किया जा रहा है, जबकि यह यहां की मुख्य समस्या है। पुल ध्वस्त रहने के कारण लोगों को नाले के पानी से होकर आने-जाने कि विवशता रहती है। खासकर बरसात के दिनों में स्थिति और बदहाल हो जाती है। जनहित को ध्यान में रखते हुए नगर परिषद हिसुआ के मातहतों को पुलिया निर्माण की पहल जल्द करनी चाहिए। ---------------------------------------- आम लोगों की व्यथा: गांधी टोला की वर्तमान स्थिति काफी भयावह और नारकीय है। आलू गोदाम के पीछे के रास्ते में ध्वस्त पुलिया के निर्माण की पहल नगर परिषद को जल्द करनी चाहिए। यहां नलजल सहित नाली और गली की भी गंभीर समस्या है। इसके भी निदान की पहल होनी चाहिए। -नवीन दास, वार्ड वासी। निर्माण में घोटाला की वजह से कुछ वर्षों पूर्व ही गाँधी टोला में नगर परिषद द्वारा बनाया गया 12 सीटों वाला सामुदायिक शौचालय टूट-फूटकर बर्बाद हो चुका है। इस कारण हमलोगों को खुले में शौच करने की विवशता है। नगर परिषद जल्द ही इसके निर्माण की पहल करे। -लालती देवी, वार्ड वासी। गांधी टोला के दर्जनों रविदास समुदाय के लोग जूता-चप्पल निर्माण कार्य से जुड़े हुए हैं। इनके हाथों के बने जूते और चप्पल की बाजार में काफी मांग है। खासकर यहां के चमरकानी जूते की काफी डिमांड है। सरकार इसे कुटीर उद्योग का दर्जा देकर दे ताकि इनकी स्थिति में सुधार हो। -राज मांझी, वार्ड वासी। वार्ड की बदहाल हो चुकी स्थिति में सुधार कि गुंजाइश फिलहाल कम ही दिखाई देती है। गांधी टोला के लोग आजतक शुद्ध पेयजल से भी वंचित हैं। यहां के घरों में पानी आपूर्ति के लिए नलजल योजना के तहत गांधी टोला में बोरिंग कराने की पहल तपती गर्मी से पूर्व होनी चाहिए। -अनिल चौधरी, वार्ड वासी। ---------------------------------------- क्या कहते हैं जिम्मेदार: नगर परिषद की वर्तमान स्थिति किसी से छुपी हुई नहीं है। हरकोई यहां के उठापटक से वाकिफ हैं। यहां विकास कार्य कम बल्कि राजनीतिक गुटबाजी अधिक होती है। इसी गुटबाजी के कारण हिसुआ नगर के सभी 27 वार्डों में विकास कार्य प्रभावित है, न कि सिर्फ हमारे ही वार्ड में। दो वर्ष बीतने के बावजूद भी अभी तक मात्र दो ही योजना पर कार्य किया जा सका है। गांधी टोला की स्थिति में सुधार को लेकर लगातार प्रयासरत हूं। वहां नलजल के लिए बोरिंग की मांग भी अभी तक लंबित है। गांधी टोला में जलापूर्ति के लिए बोरिंग कराया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही वहां ध्वस्त हो चुके पुल निर्माण की मांग भी रखी गई है। सामुदायिक शौचालय की स्थिति में भी सुधार की मांग की गई है। जिसपर जल्द ही नगर परिषद से स्वीकृति मिलने के आसार हैं। वार्ड का चहुंमुखी विकास मेरी प्राथमिकता है। -मुन्नी देवी, वार्ड पार्षद, वार्ड 25, हिसुआ नगर परिषद, नवादा।
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