जलापूर्ति प्रणाली एवं जल जीवन हरियाली योजना पर खर्च होंगे 06 करोड़
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने, वर्षा जल संचयन सुनिश्चित करने और नवादा नगर क्षेत्र में हरित आवरण बढ़ाने की कवायद के तहत सुदृढृ कार्य नवादा नगर क्षेत्र में...

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने, वर्षा जल संचयन सुनिश्चित करने और नवादा नगर क्षेत्र में हरित आवरण बढ़ाने की कवायद के तहत सुदृढृ कार्य नवादा नगर क्षेत्र में कराए जाएंगे। इन्हीं 03 बिन्दुओं पर मुख्यत: काम होगा, जिसके लिए योजना का प्रारूप बना लिया गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस मद में 06 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। अच्छी बात यह है कि जल संरक्षण पर इस योजना के तहत जहां बेहद जोर है वहीं, वातावरण को भी स्वास्थ्य के अनुकूल बना कर प्रदूषण कम करने पर सारा फोकस रहेगा। जलवायु परिवर्तन के कारण नवादा जिले में सूखे का खतरा, भू-जल स्तर में गिरावट, ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव आदि का संकट सदैव बरकरार रहता है और इसकी चपेट में नवादा नगर परिक्षेत्र भी रहता है। ऐसे में पेयजल की निर्बाध उपलब्धता और पर्यावरण को जनोनुकूल बनाने के प्रयोजनार्थ इस योजना पर अमल किया जाएगा। जलापूर्ति प्रणाली को बनाया जाएगा प्रभावकारी जलापूर्ति प्रणाली को बजट में तय की गयी राशि से प्रभावकारी बनाने की दिशा में कार्य होगा। नगर परिषद के मुख्य पार्षद पिंकी कुमारी ने बताया कि जलापूर्ति प्रणाली के जरिए पानी को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए पाइप और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। जलापूर्ति प्रणाली के तहत पानी के स्रोत से पानी को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का एक तंत्र विकसित किया जाएगा। इसमें पाइप, पम्प व अन्य उपकरण का इस्तेमाल होगा, जो पानी को इकट्ठा, स्टोर और वितरित करने के लिए उपयोग किए जाएंगे। यह व्यवस्था शहरी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जल जीवन हरियाली से शहर की बढ़ेगी खूबसूरती जल जीवन हरियाली योजना के तहत जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और हरित आवरण को बढ़ाने के साथ ही शहर की खूबसूरती बढ़ाने पर फोकस रहेगा। यह योजना जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने, पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने और नवादा नगर क्षेत्र में हरित आवरण को बढ़ाने में मदद करेगी। इस योजना को मिशन मोड में लागू किया जाना है ताकि जल संरक्षण और जल संचयन को बढ़ावा मिल सके और अंतत: नगरवासियों के लिए कारगर साबित हो सके। इस योजना का उद्देश्य जल संरक्षण के साथ-साथ वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। इन परिस्थितियों में दूरगामी तरीके से सोचा जाए तो विद्युत की खपत को कम करने में भी यह योजना मददगार है। -------------------- जलवायु परिवर्तन बन सकता है सबसे बड़ा खतरा, रखा जाएगा नियंत्रण नवादा। जलवायु परिवर्तन इन दिनों सबसे बड़े खतरे के रुप में उभर कर सामने आया है। मुख्य पार्षद पिंकी कुमारी ने बताया कि इस खतरे को नियंत्रित करने के उद्देश्य से ही इस योजना को मजबूती देने की कवायद नगर परिषद के माध्यम से होगी। उन्होंने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग में परिवर्तन से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि हो रही है, जिसका परिणाम जलवायु चक्र में अनियमितता के रुप में देखने को मिल रही है। ग्लोबल वार्मिंग ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से होती है, जिसके लिए मानवीय गतिविधियां जिम्मेदार हैं। जीवन को जीने के लिए ऊर्जा की जरुरत होती है। पृथ्वी पर स्वतः पैदा होने वाली ग्रीन हाउस गैसें जैसे कार्बन डाईऑक्साइड, मिथेन, नाईट्रस आक्साईड एवं जलवाष्प गर्मी को सोखने वाले तत्व हैं, जो पृथ्वी की गर्मी को बनाए रखने का काम करते हैं। इसी स्थिति के नियंत्रण के लिए हरित आवरण बढ़ाने पर परिव्यय का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में बढ़ते औद्योगीकरण एवं शहरीकरण में कल-कारखानों, वाहनों, जीवनशैली में धूम्रपान एवं विलासिता उपकरणों का उपयोग, घटते वृक्ष आवरण की वजह से उत्पन्न अनेक समस्याएं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप में सामने हैं। इस दिशा में ही कारगर कदम उठाने की पहल होगी ताकि सृष्टि के नष्ट होने का खतरा कम की जा सके।
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