जिले भर में हुई बारिश, आंधी व ओलावृष्टि से फसल बर्बाद
नवादा में ला नीना के प्रभाव से मौसम में बदलाव आया है। सोमवार को बादल छाए रहे और बारिश शुरू हुई। मौसम विभाग ने तेज मेघगर्जन और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। किसानों ने फसलों के नुकसान से बचने के लिए...

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। ठंडी जल धारा ला नीना के प्रभाव से नवादा जिले का मौसम एक बार फिर से बदल गया है। यूं तो सोमवार की सुबह से बादल छाए रहे लेकिन धूप का भी छिटपुट प्रभाव रहा। इस बीच, सोमवार के तीसरे पहर काले बादल उमड़ने-घुमड़ने लगे और बारिश शुरू हो गई। इस बीच, मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए सूचना जारी की कि रात के आठ बजे तक बारिश के साथ ही तेज मेघगर्जन और ओलावृष्टि की आशंका है, जिसको लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी गयी थी। इस वर्ष गर्म जल धारा अल नीनो का प्रभाव नहीं दिख रहा है जबकि सामान्यत: अल नीनो यानी गर्म जल धारा का प्रभाव इस मौसम में रहता है लेकिन इस बार भूमध्यरेखीय हिंद महासागर में समुद्र का तापमान सामान्य से ज्यादा ठंडा हो जाने के कारण ला नीना का प्रभाव दिख रहा है। ला नीना का प्रभाव इस वर्ष सताता ही रहेगा। माना यह जाता है कि ला नीना के प्रभाव वाले दिनों में सामान्य रूप से तापमान अपने तरीके से कहर ढाता रहेगा लेकिन इस बीच दो-चार दिनों या सप्ताह भर के अंतराल पर ला नीना के प्रभाव से अकस्मात बारिश के साथ मेघगर्जन, वज्रपात तथा ओलावृष्टि की घटनाएं घटित होती रहेंगी। नवादा जिले में ला नीना के प्रभाव से होने वाली यह तीसरी बार की बारिश है। उल्लेखनीय है कि बीते गुरुवार से मौसम बारिश के साथ ही मेघ गर्जन और वज्रपात तथा आंधी भरा रहा था। शनिवार से ही इसमें ह्रास दिखा। लेकिन फिर रविवार को भी इसका आंशिक प्रभाव रहा। लेकिन इसका प्रभाव कम होते-होते अचानक से सोमवार के तीसरे पहर फिर से अपना प्रभाव दिखाने लगा। कृषि मौसम वैज्ञानिक रौशन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि अल नीनो यानी गर्म जल धारा तथा ला नीना यानी ठंडी जल धारा पृथ्वी के जलवायु चक्र के दो चरण हैं। इन चरणों के कारण वैश्विक स्तर पर मौसम और जलवायु पर प्रभाव पड़ता है और इसके कारण खाद्य उत्पादन, मानव स्वास्थ्य तथा जल आपूर्ति भी प्रभावित होती है। इस बार खरीफ सीजन तक यह प्रभाव दिखता रहेगा क्योंकि बंगाल की खाड़ी में निम्ब दबाव वाला क्षेत्र बनने के बाद चक्रवातीय परिसंचरण अपने रंग दिखा रहा है। चक्रवातीय परिसंचरण का प्रभाव रहेगा जारी बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब के कारण उठे चक्रवातीय परिसंचरण के कारण लगातार मौसम में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। सोमवार का दिन इसके प्रभाव में बीता। इस बीच, मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि इस प्रकार का मौसम अभी बना रह सकता है। इसलिए ऐसे मौसम में बहुत सावधान रहते हुए घर से बाहर निकलने तथा सफर में अतिरिक्त सावधान रहने की जरूरत है। चक्रवातीय परिसंचरण का प्रभाव जब कम होगा तब जा कर मौसम सामान्य रूप से शुष्क हो जाएगा और इसके साथ ही क्रमिक रूप से तापमान में वृद्धि दर्ज की जाएगी, जबकि अधिकतम तापमान के समानुपाती न्यूनतम तापमान में भी वृद्धि दर्ज की जाएगी। 34 डिग्री सेल्सियस अधिकतम जबकि 22 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान वाले सोमवार के बाद के अगले एक से दो दिनों में भी लगभग ऐसे ही तापमान के बने रहने की संभावना बनी रह सकती है। ------------- किसान हो गए हैं सतर्क, फसलों के नुकसान पर लगेगा अंकुश नवादा। यूं तो मौसम की बेरूखी का सीधा असर रबी फसल की कटनी पर पड़ रही है जबकि कटाई कर पतान लगा कर रखे गेहूं आदि की फसलों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बीते दिनों गुरुवार को मौसम में बदलाव के बाद किसानों को काफी परेशान कर गया लेकिन इसके साथ ही लगातार मौसम विभाग द्वारा मौसम के उतार-चढ़ाव की सूचना देते रहने तथा कृषि मौसम वैज्ञानिकों द्वारा किसानों के लिए लगातार एडवायजरी जारी करते रहने से किसानों ने एहतियाति कदम उठाना शुरू कर दिया, जिसके बाद उनके नुकसान का स्तर कम हो कर रह गया है। सामान्य रूप से किसानों ने कटनी का कार्य रोक रखा है जबकि खलिहानों में ला कर रखे गए गेहूं आदि फसलों को तिरपाल आदि से ढंक कर रख दिया है। कई किसानों ने पूर्व की एडवायजरी को भी गंभीरता से लेते हुए अपनी फसलों को बचाने के लिए समुचित स्थल पर पहुंचा दिया था। हालांकि यह डर तो किसानों को सता रहा है कि तेज गति से हवा चली अथवा आंधी आई तो गेहूं की खड़ी फसल खेतों में गिर सकती है और बारिश की अधिकता के कारण भीग कर खराब हो सकती है।
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