अलविदा की नमाज में वक्फ बिल का विरोध, काली पट्टी बांध इबादत; इमारते शरिया की अपील का दिखा असर
- शुक्रवार को अलविदा की नमाज में वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध का असर दिया। मुस्लिम धार्मक संगठनों की अपील पर मुसलमानों ने काली पट्टी बांध कर नमाज पढ़ा। कई जिलों से ऐसी तस्वीरें आईं।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोंधन विधेयक के विरोध का असर शुक्रवार को अलविदा की नमाज पर भी दिखा। मुस्लिम संगठनों की अपील पर बिहार के कई जिलों में काली पट्टी बांधकर आखिरी जुमे की नमाज पढ़ी गयी। इससे पहले सात मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का बायकॉट किया था जिसका असर नहीं दिखा। इस बिल को मुसमानों के हितों के खिलाफ बताया जा रहा है जबकि केंद्र और राज्य की सरकारों का दावा है कि वक्फ की संपत्तियों को बंदरबांट से बचाने के लिए बिल लाई गयी है।
मुंगेर
मुंगेर में शुक्रवार को रमजान महीने के आखिरी जुमे पर शहर के जामा मस्जिद के साथ अन्य मस्जिदों में मुस्लिम रोजेदारों ने श्रद्धापुर्वक अलविदा की नमाज अदा की। हालांकि मस्जिदों में उपस्थित लगभग मोमिनों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन बिल का विरोध जताते हुए सजदे में सर झुकाया।
सुपौल
सुपौल में मुसलमान की सर्वोच्च धार्मिक संस्था इमारते शरिया (बिहार, झारखंड,उड़ीसा) फुलवारी शरीफ, पटना समेत 11 अन्य मुस्लिम संगठनों की अपील का असर शुक्रवार को जिले में दिखा। अलविदा जुमे के नमाज के दौरान नमाजियों ने बाहों पर काली पट्टी बांध वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध किया गया। शहर के जामा मस्जिद, नूरानी मस्जिद, मदनी मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में मुसलमानों द्वारा अपनी बाहों पर काला पट्टी बांधकर अलविदा जुमे की नमाज अदा की गई तथा नारे लगाकर वक्फ संशोधन अधिनियम को वापस लेने की मांग की। जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती अकबर काशमी ने बताया कि पूरे भारत में वक्फ की जितनी भी संपत्ति है वह मुसलमान द्वारा स्वयं दान की गई है। उसकी देखरेख की जिम्मेदारी भी उनकी है । लेकिन सरकार नया वक्फ संशोधन बिल लाकर उन निजी संपत्तियों का अपने तरीके से गलत इस्तेमाल करना चाहती है जिसका मुस्लिम समाज के लोग विरोध कर रहे हैं।
अररिया
अररिया में शुक्रवार को मुस्लिम भाईयों ने पूरे उत्साह के साथ माहे रमजान के अंतिम जुमा यानी जुमातुल विदा की नमाज अदा की। हर साल की तरह इस बार भी अलविदा की नमाज को लेकर शहर सहित जिले की सभी प्रमुख मस्जिदों में नमाजियों की बड़ी तादाद देखी गई। वहीं इस बार के अलविदा नमाज को लेकर एक महत्वपूर्ण दृश्य ये देखा गया कि अधिकांश मुस्लिम भाइयों ने दाहिने हाथ पर काली पट्टी बांध कर नमाज अदा की। बताया गया कि वर्तमान केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ नाराजगी जताने के लिए ऐसा किया गया। गौरतलब है कि वक्फ संशोधन बिल का विरोध करने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने काली पट्टी बांध कर अलविदा की नमाज पढ़ने को लेकर प्रस्ताव पारित किया था। इसी आलोक में पटना स्थित इमाराते शरिया सहित अन्य मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने ऐसा आह्वान मुस्लिम समुदाय से किया था।
किशनगंज
किशनगंज में पवित्र महीना रमजान के अलविदा जुमा के नमाज के दौरान कोचाधामन प्रखंड के विभिन्न जगहों पर मुस्लिम अकीदतमंदों ने बाहों में काली पट्टी बांध कर वफ्फ बिल का विरोध किया। कोचाधामन प्रखंड के जनता हाट में बड़ी संख्या में लोगो ने काली पट्टी बांधकर जनता हाट से कन्हैयाबारी हाट तक शांतिपूर्वक ढ़ंग से पैदल मार्च करते हुए वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए लोगो ने इस बिल को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज की। इस दौरान मार्केट यूनिंयन जनता हाट के अध्यक्ष गुफरान आलम व सामाजिक कार्यकर्ता साहब बाबू ने बताया कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देशानुसार देश भर के मुसलमानों ने रमजान के आखिरी जुमा के नमाज के दौरान काली पट्टी बांधकर पर वक्फ संशोधन विधेयक पर अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए बिल का विरोध करते हुए सरकार से वक्फ संशोधन बिल को वापस लेने की मांग की।
बेतिया
बेतिया में भी वक्फ बिल के विरोध में मुस्लिम समाज के लोगों ने अलविदा के नमाज के दौरान हाथों में काली पट्टी बांधे दिखे। मझरिया आदि गांवों में शुक्रवार को नमाजी जुमा अलविदा की नमाज़ अदा करने हाथ में काली पट्टी बांधकर नमाज़ पढ़ने पहुंचे। नमाजी जेयाउ रहमान ,मोहम्मद खुर्शीद आलम,मोहम्मद मुस्तफा ,शेख समसुल होदा, मोहम्मद नसरुद्दीन आदि ने कहा कि वक्फ बिल के विरोध में हाथ में काली पट्टी बांधकर नमाज़ पढ़ने आये हैं। हम इस बिल के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं। पूरी कौम जब विरोध दर्ज करायेगी तो सरकार को ये बिल वापस लेना पड़ेगा। नमाजियों ने बताया कि यह बिल मुसलमान के अधिकारों को खत्म कर देगा। हमारी मांग है केंद्र सरकार बिल वापस ले। नमाजियों ने कहा कि वक्फ बिल के वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
जहानाबाद
जहानाबाद में भी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने देशभर के मुसलमानों से वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के विरोध में रमजान के आखिरी जुमे पर काली पट्टी बांधने का आह्वान किया था। इसी के मद्देनजर जहानाबाद जिले में कई जगहों पर लोगों अपने हाथों में काली पट्टी बांध कर अलविदा जुमे की नमाज अदा की। इस दौरान मस्जिद के इमाम क़ारी मुस्लिम ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर हम लोगो ने काली पट्टी बांध कर बक़्फ़ संसोधन बिल के खिलाफ एक सांकेतिक प्रदर्शन किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस बिल पर सरकार की नीति सही नहीं है। सरकार ये बिल लेकर बक़्फ़ की प्रॉपर्टी को हड़पना चाहती है जो सही नहीं है। हमे ये बिल स्वीकार नहीं है हमलोग पुरजोर विरोध करते है।