PFI के अफरोज और कादिर पर कसा शिकंजा, चार्जशीट तैयार; NIA की जांच में बड़ा खुलासा
बरुराज के परसौनी में पीएफआई के प्रशिक्षण व भर्ती कैंप संचालित करने के मामले में उस पर चार्जशीट दाखिल की जाएगी। वरीय अधिकारियों की समीक्षा के बाद आईओ इसे न्यायालय में पेश करेंगे।

पीएफआई के फुलवारीशरीफ मॉड्यूल से जुड़े सक्रिय सदस्य पूर्वी चंपारण के मेहसी निवासी मो. अफरोज के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर ली है। शीघ्र ही बरुराज के परसौनी में पीएफआई के प्रशिक्षण व भर्ती कैंप संचालित करने के मामले में उस पर चार्जशीट दाखिल की जाएगी। वरीय अधिकारियों की समीक्षा के बाद आईओ इसे न्यायालय में पेश करेंगे। अफरोज ने बीते चार मार्च को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था।
इस मामले में चार्जशीट के लिए 90 दिनों का समय है। हालांकि, पुलिस इससे पहले ही न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर सकती है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि पीएफआई बड़ी साजिश के तहत बरुराज में युवाओं को प्रशिक्षण दे रहा था। संगठन से युवाओं को जोड़कर विध्वंसक कार्रवाई की साजिश थी। उनके बीच तलवार भी बांटी गई थी।
सूत्रों के अनुसार, चार्जशीट में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने और भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के लिए आपराधिक साजिश रचने के साक्ष्य हैं। इसमें बताया गया है कि वह ऐसे कृत्यों को अंजाम देने के मकसद से पीएफआई को मजबूत करने के लिए नए सदस्यों की भर्ती कर रहा था। साथ ही उन्हें प्रशिक्षण भी दे रहा था।
सीमा से सटे इलाके में माहौल बिगाड़ने की थी साजिश: पीएफआई नेपाल सीमा से सटे इलाके के विभिन्न जिलों में बड़ा नेटवर्क खड़ा कर रहा था। संगठन से जुड़े युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर बॉर्डर क्षेत्र में माहौल को अस्थिर करने की साजिश थी। बरुराज कांड में गिरफ्तारी के बाद रिमांड पर लेकर आरोपितों से इस संबंध में गहन पूछताछ भी की गई थी। एनआईए की मदद से पुलिस ने मामले में आरोपितों से पूछताछ के बाद संगठन की मंशा और आगामी साजिशों के संबंध में काफी जानकारी व साक्ष्य जुटाए हैं। मामले में पुलिस की ओर से कादिर, बेलाल व रियाज मौरिफ पर पहले ही चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। इन तीनों पर दाखिल चार्जशीट में भी इन बिंदुओं पर विस्तृत पुलिस रिपोर्ट व केस डायरी न्यायालय में पेश हो चुकी है।
कादिर और अफरोज की हुई कोर्ट में पेशी
पीएफआई से जुड़े बरुराज के परसौनी निवासी कादिर व पूर्वी चंपारण के मेहसी के मो. अफरोज को बुधवार को प्रधान जिला जज के न्यायालय में पेश किया गया। इन पर प्रतिबंध लगने के बाद भी बरुराज के परसौनी में ट्रेनिंग सह भर्ती कैंप संचालित करने का आरोप है। इसमें दोनों आरोपितों ने मुख्य भूमिका निभाई। आरोपित लंबे समय से पीएफआई से जुड़कर अंडरग्राउंड गतिविधि संचालित कर रहे थे। मोतिहारी से लेकर पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में संगठन की जड़ें मजबूत कर रहे थे। न्यायालय में पेशी के बाद मामले में सुनवाई की अगली तारीख 13 मई निर्धारित की गई है। इसी मामले में बेउर जेल में बंद रेयाज मौरिफ समेत तीन आारेपितों की पेशी नहीं हो सकी।
बरुराज में ट्रेनिंग सह भर्ती कैंप संचालित
एनआईए ने पीएफआई के फुलवारीशरीफ मॉडल से जुड़ाव के आरोप में पूर्वी चंपारण के चकिया निवासी मो. बेलाल को गिरफ्तार किया था। एनआईए ने उससे पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि संगठन के उच्च पदस्थ सदस्यों ने बरुराज में ट्रेनिंग सह भर्ती कैंप संचालित किया था। इसके बाद एनआईए की टीम पांच फरवरी 2023 को बेलाल को साथ लेकर बरुराज पहुंची। उसकी निशानदेही पर परसौनी गांव में कादिर अंसारी के घर पर छापेमारी की गई थी।
बैनर व तलवार बरामद
वहां से एनआईए ने कैंप संचालित किए जाने के सबूत, बैनर व तलवार आदि आपत्तिजनक सामान जब्त किया था। एनआईए के इंस्पेक्टर विकास कुमार के प्रतिवेदन के आधार पर बरुराज थाने में यूपीए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें बेलाल व कादिर के अलावा चकिया थाना के रुनवां निवासी रियाज मौरिफ, मेहसी थाना के मुगलपुरा निवासी याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उस्मान और मेहसी के कस्बा गांव निवासी मो. अफरोज को नामजद आरोपित बनाया गया था।