बिहार के इस जिले में खेल मैदान में भारी खेला, पटना की टीम ने पकड़ी गड़बड़ी; मचा हड़कंप
सरकार को मनरेगा से बनाए जा रहे खेल मैदानों में बड़े पैमाने पर कम गुणवत्ता की निर्माण सामग्री के इस्तेमाल की शिकायत मिली थी। इसपर सरकार ने एक साथ सभी जिलों में औचक निरीक्षण कराने के निर्देश दिए थे।

बिहार के मुजफ्फरपुर में जिले में मनरेगा से बने रहे खेल मैदानों में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। पटना से आई टीम ने औचक निरीक्षण में यह गड़बड़ी पकड़ी। टीम ने संबंधित अधिकारियों और निर्माण कार्य से जुड़े अभियंताओं को गुणवत्ता का ध्यान रखने का निर्देश दिया। टीम का नेतृत्व बिहार ग्रामीण विकास सोसाइटी के मुख्य परिचालन पदाधिकारी (सीओओ) संजय कुमार सिंह कर रहे थे। उनके साथ टीम में प्रोजेक्ट इंजीनियर विजय कृष्णा और शशि रंजन के अलावा सुमंत कुमार व जावेद अली भी शामिल थे।
सीओओ संजय कुमार सिंह ने बताया कि तीन प्रखंडों के कुल 12 खेल मैदानों की गुणवत्ता की जांच की गई। कुछ खेल मैदानों में प्रयोग की जा रही निर्माण सामग्री की गुणवत्ता कम मिली। इसको लेकर संबंधित अधिकारियों और अभियंताओं को सुधार करने को कहा गया। साथ ही बास्केटबॉल व बैडमिंटन कोर्ट को और बेहतर बनाने का निर्देश दिया गया। सीओओ ने बताया कि निरीक्षण के दौरान स्कूल प्रबंधन और जनप्रतिनिधियों को इन मैदानों के बेहतर उपयोग के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करने और खेल फंड से खेल सामग्री उपलब्ध कराने को कहा गया। साथ ही आगे चलकर इस मैदानों के रख रखाव के लिए भी ग्राम समितियों के माध्यम से प्रयास करने के निर्देश दिए गए।
सीओओ ने कहा कि जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी। दरअसल, राज्य सरकार को मनरेगा से बनाए जा रहे खेल मैदानों में बड़े पैमाने पर कम गुणवत्ता की निर्माण सामग्री के इस्तेमाल की शिकायत मिली थी। इसपर सरकार ने एक साथ सभी जिलों में औचक निरीक्षण कराने के निर्देश दिए थे। इसके आलोक में मुजफ्फरपुर में पांच सदस्यीय टीम पहुंची। टीम ने कुढ़नी, सरैया और मड़वन प्रखंड की विभिन्न पंचायतों का दौरा खेल मैदानों की स्थिति का मुआयना किया।
निरीक्षण के दौरान डीआरडीए निदेशक अभिजीत कुमार चौधरी और डीपीओ (मनरेगा) अमित कुमार उपाध्याय के अलावा संबंधित प्रखंडों के बीडीओ, बीपीओ, पीआरएस और पंचायत तकनीकी सहायक के अलावा संबंधित मुखिया भी मौजूद रहे।