PMCH deposits NMC penalty from extra curricular activity fund despite govt direction to cut doctors salary सरकार ने कहा था- डॉक्टरों के वेतन से भरना जुर्माना, PMCH ने छात्रों के कल्याण फंड से जमा करा दिया, Bihar Hindi News - Hindustan
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सरकार ने कहा था- डॉक्टरों के वेतन से भरना जुर्माना, PMCH ने छात्रों के कल्याण फंड से जमा करा दिया

  • राज्य सरकार के स्पष्ट निर्देश के बावजूद पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने नेशनल मेडिकल कमीशन को 4 लाख रुपये का जुर्माना डॉक्टरों के वेतन से काटकर भरने के बदले छात्रों के कल्याण वाले फंड से जमा करा दिया।
  • डॉक्टरों के वेतन से देना था जुर्माना, PMCH ने छात्रों के कल्याण फंड से भर दिया

Ritesh Verma हिन्दुस्तान टाइम्स, रुचिर कुमार, पटनाFri, 21 March 2025 09:10 PM
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सरकार ने कहा था- डॉक्टरों के वेतन से भरना जुर्माना, PMCH ने छात्रों के कल्याण फंड से जमा करा दिया

सरकार के साफ-साफ मना करने के बाद भी पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) ने पढ़ाई-लिखाई से अलग छात्रों के कल्याण और दूसरी गतिविधियों के लिए बनाए गए फंड से राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (नेशनल मेडिकल कमीशन) को 4 लाख रुपये का जुर्माना भरा है। सरकार ने कहा था कि अगर मेडिकल कॉलेज में जांच के दौरान नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) कोई कमी और गड़बड़ी मिलने पर संस्थान पर जुर्माना लगाता है तो उसे संबंधित डॉक्टर और अधिकारी के वेतन से काटकर दिया जाएगा। यह जुर्माना 10 मार्च तक जमा करना था।

एनएमएसी ने पीएमसीएच पर एमबीबीएस की सीटें बचाने के लिए 4 लाख जुर्माना लगाया था। सूत्रों ने बताया है कि इस मसले पर पीएमसीएच के प्रिंसिपल ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा था लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

बिहार के विकास आयुक्त और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) प्रत्यय अमृत ने पिछले साल राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल और सुपरिटेंडेंट को स्पष्ट निर्देश दिया था कि एनएमसी अगर कोई जुर्माना लगाता है तो उसे संबंधित गड़बड़ी के जिम्मेदार लोगों के वेतन से काटकर दिया जाएगा। प्रत्यय अमृत ने यह बात डॉक्टरों की आधार से जुड़ी बायोमेट्रिक हाजिरी के संदर्भ में कही थी जिसे लागू करने के लिए आयोग लगातार कह रहा था। पीएमसीएच प्रशासन ने डॉक्टरों की जेब पर भार डालने बिना इस जुर्माने को भरने का रास्ता निकाल लिया।

एनएमएसी ने पिछले साल 20 जून को पीएमसीएच के निरीक्षण में डॉक्टरों की आधार आधारित बायोमेट्रिक हाजिरी में गड़बड़ी पाई थी। इसके बाद 4 लाख का जुर्माना लगाकर एमबीबीएस की 200 सीटों का नवीकरण इस शर्त पर किया गया था कि 4 लाख जुर्माना भरा जाए। एनएमसी को जांच में और भी कई गड़बड़ी मिली थी। आयोग ने 10 फरवरी को पीएमसीएच को आखिरी मौका दिया था कि वो 30 दिन में जुर्माना भरे नहीं तो 2025-26 में एमबीबीएस की सीटों में कटौती का सामना करे और जुर्माना नहीं जमा करने के एवज में आगे 1 करोड़ का हर्जाना भरे।