Purnea University Updates Admission Process to Curb Irregularities नामांकन में गड़बड़ी होने पर यूएमआईएस पर दर्ज कराई जाएगी प्राथमिकी, Purnia Hindi News - Hindustan
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नामांकन में गड़बड़ी होने पर यूएमआईएस पर दर्ज कराई जाएगी प्राथमिकी

-स्थापना काल से ही हो रही गलतियों में सुधार की प्रक्रिया में जुटा पूर्णिया विश्वविद्यालय पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। स्नातक में नामांकन में गड़ब

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाWed, 7 May 2025 03:57 AM
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नामांकन में गड़बड़ी होने पर यूएमआईएस पर दर्ज कराई जाएगी प्राथमिकी

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। स्नातक में नामांकन में गड़बड़ी होने पर यूएमआईएस पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। वर्तमान में पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्थापना काल से ही हो रही गलतियों में सुधार की प्रक्रिया में विश्वविद्यालय प्रशासन जुटा हुआ है। इसी का परिणाम है कि विश्वविद्यालय ने बगैर डिग्री कॉलेजों की स्नातक की सीटें सार्वजनिक किए ही स्नातक में नामांकन शुरू करने की परंपरा खत्म कर दी है। कुलपति प्रो विवेकानंद सिंह के निर्देश पर स्नातक में नामांकन के लिए आवेदन की निर्धारित की गई तिथि रद्द कर दी गई है और सभी अंगीभूत व गैर अंगीभूत डिग्री कॉलेजों से विषयवार स्नातक की सीटों का आंकड़ा पूर्णिया विश्वविद्यालय के द्वारा मांगा गया है।

वहीं विश्वविद्यालय में कार्यरत यूएमआईएस का कार्यकाल इसी माह में समाप्त होने वाला है। जबकि नये यूएमआईएस टीम को विश्वविद्यालय में लाने को लेकर टेंडर भी जारी हो चुका है। पूर्णिया विश्वविद्यालय नये यूएमआईएस टीम के कार्यभार संभालने से पहले से ही स्नातक में नामांकन की प्रक्रिया शुरु करने की कवायद में है। पूर्णिया विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू प्रो मरगूब आलम ने बताया कि सभी कॉलेजों से सीटों का डाटा मिलने के बाद कुलपति प्रो विवेकानंद सिंह के निर्देश पर जल्द ही स्नातक में नामांकन के लिए आवेदन की तिथि निर्धारित की जायेगी। -अंक व जाति के मिलान में त्रुटि पाये जाने पर नामांकन प्रक्रिया से होंगे तीन साल के लिए निलंबित : पूर्णिया विश्वविद्यालय में स्नातक में नामांकन की प्रक्रिया स्थापना काल से ही विवाद में रहा है। कभी जिन विषयों में कॉलेज को संबंधन नहीं मिला है, उसी विषय में एडमिशन लेने से छात्र-छात्राएं परेशान हुए है, तो कभी मनमाफिक विषय में एडमिशन नहीं हो पाने का दर्द विद्यार्थियों ने झेला है। विशेषकर आट्स विषय में सीटें कम रहना सीमांचल के सैंकड़ों छात्र-छात्राओं के लिए अभी भी अभिशाप बना हुआ है। सैकड़ों छात्र छात्राएं स्नातक में नामांकन करवाने से वंचित हो रहे है। मगर अब पूर्णिया विश्वविद्यालय में नये कुलपति प्रो विवेकानंद सिंह के कार्यभार संभालने के बाद पूर्णिया विश्वविद्यालय के कामकाज में सुधार के लिए किये गये कार्रवाई के बाद परीक्षा के साथ नामांकन प्रक्रिया में भी सुधार की उम्मीद जगने लगी है। बगैर कॉलेजों के स्नातक की सीट का आंकड़ा लिये ही स्नातक में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन की तिथि निर्धारित किये जाने के मामले में नामांकन के लिए घोषित तिथि रद्द करने की कार्रवाई से नामांकन प्रक्रिया में अब सुधार होने के कयास लगाये जा रहे है। वैसे भी पूर्णिया विश्वविद्यालय क्षेत्रान्तर्गत सभी महाविद्यालयों में स्नातक सत्र 2025-29 सीबीसीएस के प्रथम सेमेस्टर में नामांकन हेतु कुलपति प्रो विवेकानंद सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में नामांकन को लेकर विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार ऐसे कड़े दिशा-निर्देश जारी किये गये है, जिसमें यूआइएमएस पर एफआईआर के साथ-साथ फर्जी डाटा अपलोड करने वाले छात्र-छात्राओं को तीन वर्ष तक नामांकन प्रक्रिया से निलंबन तक की चेतावनी दी गई है। वैसे समिति ने निर्णय लिया है कि सभी छात्र-छात्राओं को नामांकन हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र में कुल 2 जिले चुनने का विकल्प होगा, जिसमें एक गृह जिला एवं एक अन्य जिला का विकल्प होगा। सभी छात्र-छात्राओं को नामांकन हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र में अधिकतम सात महाविद्यालयों का विकल्प उपलब्ध रहेगा, जिनमें 5 महाविद्यालय गृह जिला में जबकि 2 अन्य एक ही जिले के होंगें। किशनगंज जिला में कम महाविद्यालय होने के कारण गृह जिला में 3 जबकि अन्य एक ही जिले में 4 महाविद्यालय के विकल्प उपलब्ध होगें। सभी विद्यार्थी ऑनलाइन आवेदन में आरक्षण हेतु केटेगरी एवं लिंग को भरते समय सजग रहें क्योकि भविष्य में आरक्षण कोटि में संशोधन एवं त्रुटिपूर्ण लिंग में संशोधन का विकल्प नहीं रहेगा। आवेदन के समय मूल अंक पत्र एवं आरक्षण हेतु जाति प्रमाण पत्र आवश्यक रूप से अपलोड करना अनिवार्य होगा जो नामांकन के समय कॉलेज लॉगिन में भी उपस्थित रहेगा। किसी भी स्थिति में अपलोड किये गये प्रमाण पत्रों एवं ऑनलाइन आवेदन के विकल्प में भरे गये अंक व जाति के मिलान में त्रुटि पाये जाने पर विद्यार्थी का नामांकन प्रधानाचार्य द्वारा तुरंत रद्ध किया जायेगा। इसकी सूचना महाविद्यालय द्वारा अध्यक्ष छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय को भेजनी होगी। ऐसे विद्यार्थीयों को विश्वविद्यालय की समस्त नामांकन प्रक्रिया से 3 वर्षों के लिये निलंबित किया जायेगा। प्रत्येक महाविद्यालय में प्रधानाचार्य द्वारा नामांकन एवं सत्यापन प्रकोष्ठ का गठन किया जायेगा, जिसके सदस्य महाविद्यालय के शिक्षक होगें। एक शिक्षक नामांकन नोडल भी नियुक्त करना होगा। नामांकन एवं सत्यापन प्रकोष्ठ महाविद्यालय में संपूर्ण नामांकन प्रक्रिया एवं विद्यार्थीयों द्वारा अपलोड किये गये शैक्षणिक अंक पत्रों,जाति प्रमाण पत्रों, लिंग व दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच एवं भौतिक सत्यापन गहनता से करेगें। नामांकन के समय ऑनलाईन आवेदन में उपलब्ध इंटरमिडिएट के अंक को मूल अंक पत्र से मिलान नहीं होने पर नामांकन स्वीकार नहीं होगा। नामांकन में किसी भी प्रकार की त्रुटि पाये जाने की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य एवं नामांकन नोडल अधिकारी की होगी। महाविद्यालय में नामांकन एवं सत्यापन प्रकोष्ठ का गठन की सूचना शिक्षकों के नाम एवं मोबाईल नम्बर सहित पत्र जारी होने के 3 दिनों के अंदर अध्यक्ष छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय को भेजनी होगी। किसी भी विद्यार्थी का एक बार मेधा सूची में चयनित होने के पश्चात केवल उसी मेरिट के आधार पर नामांकन का मौका एक ही बार दिया जायेगा। यदि वह विद्यार्थी प्रथम मेरिट में चयनित होता है और किसी कारणवश अपना नामांकन नहीं लेता है, तब वह द्वितीय मेरिट लिस्ट में नामांकन का दावेदार नहीं रहेगा। ऐसे में कम अंक वाले अन्य विद्यार्थियों के द्वारा उस सीट को भर लिया जायेगा। तृतीय मेधा सूची जारी होने से पूर्व सिर्फ एक बार एमजेसी विषय एवं कॉलेज को अपडेट करने का मौका दिया जायेगा यदि वह तब भी अपडेट नहीं करता है तब वह तृतीय सूची में भी नामांकन का दावेदार नहीं होगा। ठीक उसी प्रकार द्वितीय मेधा सूची में चयनित विद्यार्थी यदि नामांकन नहीं लेते है तब बिना अपडेट किये तृतीय मेरिट के आधार पर नामांकन के दावेदार नहीं होगें। विद्यार्थियों को निर्देश दिया गया है कि एक बार चयनित होते ही वे अपना नामांकन ले लें अन्यथा उक्त सीट को निम्न अंक वाले विद्यार्थी को दे दिया जायेगा। वोकेशन कोर्स बीबीए, बीसीए और सीएनडी की नामांकन प्रक्रिया भी साथ साथ की जायेगी। नामांकन प्रक्रिया रविवार एवं अवकाश के दिनों में भी जारी रहेगी। महाविद्यालयों द्वारा प्रत्येक दिन आवश्यक रूप से नामांकित छात्रों की संख्या विषय, केटेगरी एवं जेंडर के आधार पर नामांकन समिति की ईमेल पर सांय 6 बजे तक भेजा जाना सुनिश्चित किया जाये। ऑनलाइन आवेदन शुल्क के रूप में जेनरल, ओबीसी,इबीसी और ईडब्लूएस से 600 रूपया एवं एससी व एसटी से 300 रूपया निर्धारित किया गया है। वहीं नामांकन समिति की बैठक में यूएमआईएस को आवश्यक निर्देश दिया गया है कि विश्वविद्यालय को सम्पूर्ण नामांकन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाये रखने के लिये एक लॉगिन देने के लिये यूजर आईडी एवं पासवर्ड देना होगा जिससे सम्पूर्ण प्रक्रिया पर नजर रखी जा सके। किसी भी स्थिति में नामांकन प्रक्रिया के दौरान मेधा सूची में किसी भी परिवर्तन, किसी अन्य छात्र का नामांकन, विश्वविद्यालय के द्वारा बिना लिखित अनुमति के पाये जाने पर एफआईआर दर्ज की जायेगी। सिर्फ अध्यक्ष छात्र कल्याण अधिष्ठाता के हस्ताक्षरित पत्र के आधार पर ही कोई परिवर्तन किया जा सकेगा। ऐसे सभी पत्रों को स्वहस्ताक्षरित करके विश्वविद्यालय को वापस करेगें जिसमें यह स्पष्ट उल्लेख हो कि कब, क्या और किसके द्वारा यह परिवर्तन किया गया है। मेधा सूची का प्रकाशन एवं कट ऑफ लिस्ट नामांकन प्रारंभ होने से एक दिन पूर्व प्रातः 11 बजे तक देना सुनिश्चत करेगें। पालन नहीं किये जाने पर उचित कार्यवाही की जायेगी। मेधा सूची में यूएएन नंबर के साथ विद्यार्थी का नाम, उसकी जाति, अंक, लिंग एवं विषय भी अंकित रहेगें। आवेदन में आधार नंम्बर आनिवार्य रूप से अंकित करना होगा। विद्यार्थी के रैंक कार्ड पर विद्यार्थी की केटेगरी के आधार पर कट ऑफ भी अंकित रहेगी। साथ ही द्वितीय व तृतीय मेधा सूची के आधार पर जारी रैंक कार्ड में क्रमशः प्रथम व द्वितीय मेधा सूची का उल्लेख भी होना चाहिये एवं चयनित को आवंटित किये गये महाविद्यालय का नाम भी अंकित रहेगा। विभिन्न कॉलेजों में विषयवार नामांकन हेतु सीट मेट्रिक्स अध्यक्ष छात्र कल्याण अधिष्ठाता के द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी और इसी सीट मेट्रिक्स के आधार पर सभी महाविद्यालयों में नामांकन लिया जायेगा। प्रत्येक मेधा सूची एवं कट ऑफ लिस्ट जारी करने से पहले एजेंसी को विश्वविद्यालय नामांकन समिति के समक्ष कुल आनलाइन आवेदकों की विवरणी, फी डिटेल्स के साथ, 100 बिन्दुओं के रोस्टर हॉरिजेंटल और वर्टिकल बेसिस के आधार पर जारी कट ऑफ लिस्ट, विद्यार्थी की रैंक को अवश्य रूप से प्रमाणित कराना होगा। इसके बाद ही डेटा नामांकन हेतु लाइव किया जाएगा। मेधा सूची बनाते समय 100 बिन्दुओं का रोस्टर महाविद्यालय को एक यूनिट मानते हुये लगाया जायेगा।

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