तूफान में बर्बाद फसल की क्षति का सर्वेक्षण शुरू
-सर्वेक्षण के लिए 100 से अधिक कर्मी लगाए गए पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। दो दिन पूर्व मध्य रात्रि में आए भीषण आंधी-तूफान में पूर्णिया के पश्चिमी ए

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। दो दिन पूर्व मध्य रात्रि में आए भीषण आंधी-तूफान में पूर्णिया के पश्चिमी एवं उत्तरी इलाके में मक्का की फसलों को काफी नुकसान हुआ। इस आपदा को लेकर इलाके में किसानों के बीच हाहाकार मच गया। सैकड़ों एकड़ में लगी मक्का की फसल जमीन से लोट गई। मालूम हो कि आज की तारीख में मक्का की फसल पूर्णिया की मुख्य व्यावसायिक फसल हो गई है। किसानों की अर्थव्यवस्था भी मक्का की खेती पर ही निर्भर करती है। इधर जब किसान मायूस होने लगे तो कृषि विभाग ने जिले भर में फसल क्षति सर्वेक्षण शुरू कर दिया। सभी प्रखंडों के प्रखंड कृषि पदाधिकारी को यह जवाबदेही दी गई कि अपने-अपने क्षेत्र से फसल की क्षति का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। एक निजी आकलन के अनुसार कम से कम 100 पंचायत के किसानों की मक्का की फसल बर्बाद हुई है। यहां यह भी बता दें कि मक्का की अधिकांश फसल अब पकने-पकने को थी कि प्राकृतिक आपदा आ गई। पूर्णिया जिले में 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर से अधिक मक्का की खेती लगी है। किसानों का कहना है कि जिन खेतों में मक्का की फसल की कमर टूट गई उसकी उपज कम हो जाएगी और जो पानी में भीग गया उसका कलर चला जाएगा। इस प्रकार कुल 14 प्रखंड के 200 से अधिक पंचायत में सर्वेक्षण के लिए 100 से अधिक कर्मी लगाए गए हैं। मालूम हो कि क्षेत्र में सर्वाधिक क्षति मक्का फसल की हुई है। कुछ हद तक गेहूं की फसल भी बर्बाद हुई है। कहा जा रहा है कि 10 फ़ीसदी गेहूं अभी भी खेतों में कटने के इंतजार में लगी हुई थी। इसके अलावा तूफान में सब्जी के अलान उजड़ गए। बड़े पैमाने पर किसानों की क्षति हुई है। हालांकि कृषि विभाग का मानना है कि कम से कम 33 प्रतिशत क्षति सामने आएगा तो इसके बाद ही मुआवजा मिलेगा। जो भी हो किसानों की कमर टूट गई है। उनके अरमानों पर पानी फिर गया है। कई किसानों के बेटियों की शादी भी प्रभावित हो रही है।
-केला भी गिरा:-
-हालांकि इलाके में केला की खेती काफी कम हो गई है, इसके बावजूद आंधी पानी के चक्कर में जहां-जहां केले लगे थे वहां भी बर्बादी हुई है।
-बोले अधिकारी:-
-कृषि के क्षेत्र में जब कोई आपदा आती है तो स्वत: स्थानीय अधिकारी इसका आकलन करने में लग जाते हैं। फिर भी सभी प्रखंड के अधिकारियों को अपने-अपने मातहत कर्मियों से फसल क्षति के आकलन की जिम्मेवारी दी गई है।
-हरिद्वार प्रसाद चौरसिया, जिला कृषि अधिकारी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।