महिला संवाद : अमौर-बैसा प्रखंडों का रेल लाइन से जुड़ाव की आकांक्षा
-फोटो : 34 :पूर्णिया, वरीय संवाददाता। महिला संवाद कार्यक्रम में व्यक्तिगत आकांक्षाओं से अधिक सामूहिक आकांक्षाएं दर्ज की जा रही हैं। जो एक गांव के सर्

पूर्णिया, वरीय संवाददाता। महिला संवाद कार्यक्रम में व्यक्तिगत आकांक्षाओं से अधिक सामूहिक आकांक्षाएं दर्ज की जा रही हैं। जो एक गांव के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर तथा दवाई की उपलब्धता, अमौर और बैसा जैसे प्रखंडों का रेल लाइन से जुड़ाव जैसे मुद्दे भी आकांक्षाओं की सूची में शामिल हैं। इन आकांक्षाओं की सूची के आधार पर सरकार अपनी नीतियों में इसे शामिल कर इसे पूरा करना चाहती है। दरअसल, महिला संवाद योजनाओं की वास्तविकता को जानने का सशक्त मंच बन गया है। पहल नई है पर असर बहुत व्यापक। जिले के सभी प्रखंडों में नियमित रूप से घूम रहे महिला संवाद रथ अपने आयोजनों के द्वारा लोगों की आकांक्षाओं को जानने का केंद्र बन गया है।
ग्रामीण विकास विभाग की पहल पर जिले के सभी प्रखंडों में 18 अप्रैल से लगातार महिला संवाद का आयोजन हो रहा है। प्रत्येक वाहन से दिन के दो सत्रों में संवाद आयोजित किये जा रहे हैं। दैनिक रूप से लगातार हो रहे इस आयोजन के केंद्र में जीविका का ग्राम संगठन है। सरकार की महिला सशक्तीकरण से सम्बंधित योजनाओं की जानकारी युक्त 50 मिनट की विडियो फिल्म वाहन में लगे एलईडी स्क्रीन के माध्यम से दिखाया जा रहा है। आयोजन में भाग ले रही जीविका स्वयं सहायता समूह की दीदियों के अतिरिक्त आमजन को भी लीफलेट के माध्यम से सरकार की महिला सशक्तीकरण से सम्बंधित 31 से अधिक योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राज्य की महिलाओं के नाम सन्देश पत्र भी वितरित किया जा रहा है। इन सभी गतिविधियों के पीछे सरकार की मंशा स्पष्ट है पिछले दो दशक से महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से सरकार के द्वारा जो कदम उठाये गए हैं, धरातल पर उनका वास्तविक असर क्या है। -महिलाएं पुरजोर ढंग से उठा रही मांग : -संवाद कार्यक्रम में गांव के विभिन्न वर्गों की महिलाएं जिसमें शिक्षिका, नर्स, आगनबाडी सेविका, महिला पुलिस, पंचायती राज संस्थान में चयनित महिलायें, सफल महिला उद्यमी और जीविका दीदियाँ शामिल हैं, जो मंच का सहारा लेकर अपनी विकास यात्रा में सरकार की योजनाओं का उत्साह पूर्वक चर्चा करती हैं। वहीं सरकारी प्रयास के बावजूद अब तक वंचित रह गई महिलायें पुरजोर ढंग से अपनी मांग और आकांक्षाएं सरकार तक पहुंचा रही हैं। -1 लाख 30 हजार महिला ले चुकी हैं भाग : -अब तक कुल 651 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन हो चुका है। 1 लाख 30 हजार से अधिक महिलाएं इसमें भाग ले चुकी हैं। 10 हजार से अधिक महिलाओं ने अपने परिवार तथा गाँव के उत्तरोत्तर विकास के लिए आकांक्षाओं के रूप में अपनी मांग दर्ज कराई हैं। महिला संवाद कार्यक्रम जून के मध्य तक लगातार चलते हुए जीविका के 2424 ग्राम संगठनों में संपन्न किया जायेगा।
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