हिंदी के विकास में राहुल सांकृत्यायन का महत्वपूर्ण योगदान
सहरसा में एम एल टी कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा राहुल सांकृत्यायन जयंती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के शिक्षकों ने सांकृत्यायन के योगदान और उनके साहित्य पर चर्चा की। डॉ शिखा चौधरी...

सहरसा, हिन्दुस्तान संवाददाता। एम एल टी कॉलेज में हिंदी विभाग द्वारा राहुल सांकृत्यायन जयंती का आयोजन किया गया। बुधवार को आयोजित जयंती कार्यक्रम का वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ शिखा चौधरी ने शुभारंभ किया। कार्यक्रम का बीज वक्तव्य भौतिक विभाग अध्यक्ष विनीत कुमार ने प्रस्तुत किया उन्होंने कहा कि हिंदी के विकास में जिन महापुरुषों का महान योगदान है उनमें राहुल सांकृत्यायन प्रमुख हैं। उन्होंने राहुल सांकृत्यायन की पुस्तक वोल्गा से गंगा , वैज्ञानिक भौतिकवाद आदि पढ़ने पर जोर दिया। उन्होंने आज के समय में राहुल सांकृत्यायन के व्यक्तित्व और कृतित्व से निरंतर गतिशीलता और वैचारिक मुक्तता अपनाने की सलाह दी। राजनीति विज्ञान प्राध्यापक डॉक्टर हर्षवर्धन ने साम्यवाद , बौद्ध धर्म, सनातन परंपरा, आर्य समाज, घुमक्कड़ परंपरा एवं पांडुलिपि विशेषज्ञ के संदर्भ में राहुल सांकृत्यायन को याद किया। अर्थशास्त्र के डॉ आलोक ने राहुल सांकृत्यायन के व्यक्तित्व की विविधता को रेखांकित किया। डॉ संयुक्ता कुमारी ने राहुल सांकृत्यायन के तिब्बत और रूस से संपर्क की विशेष चर्चा की। डॉ बी एन झा ने व डॉ सुजाता ने सांकृत्यायन साहित्य पर व्यापक फलक पर विचार करने की आवश्यकता प्रकट की जिससे उनका पांडित्य और उनकी सहजता वर्तमान के लिए प्रासंगिक हो सके। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ सुमन कुमार, डॉ बलवीर झा, डॉ कौशल, डॉ वीणा कुमारी, डॉ दीप्ति कुमारी, डॉ निहारिका, डॉ अन्नू कुमारी, डॉ दीप्ति कुमारी, सुजीत, के डी राम, आशुतोष कुमार सिंह, अमित सिंह, शोधार्थी शिवम कुमार सिंह, लखन, अंकित एवं कई छात्र छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ मयंक भार्गव और धन्यवाद ज्ञापन डॉ संजीव कुमार झा ने किया।
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