बाबू कुंवर सिंह आज भी युवाओं के लिए आदर्श
सीतामढ़ी में बाबू वीर कुंवर सिंह के 167वें विजयोत्सव पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई। प्रो. अमर सिंह की अध्यक्षता में वक्ताओं ने उनके साहस और नेतृत्व की चर्चा की। समाजवादी नेता नागेंद्र प्रसाद ने कहा कि...

सीतामढ़ी। बाबू वीर कुंवर सिंह की 167वीं विजयोत्सव के अवसर पर नगर के लोहिया आश्रम में बुधवार को ही एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रो. अमर सिंह ने की। गोष्ठी में वक्ताओं ने वीर कुंवर सिंह के 80 वर्ष की उम्र में दिखाए गए शौर्य और नेतृत्व की चर्चा करते हुए उन्हें गोरिल्ला युद्ध शैली का अग्रदूत बताया। मौके पर समाजवादी नेता नागेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि जब अधिकांश लोग इस उम्र में आराम चाहते हैं, उस समय बाबू साहब मातृभूमि के लिए लड़ रहे थे। उन्होंने शाहाबाद से लेकर लखनऊ और ग्वालियर तक अंग्रेजों को पराजित किया। जेपी सेनानी डॉ. ब्रजेश कुमार शर्मा ने बताया कि घायल हाथ को स्वयं काटकर मां गंगा को समर्पित करना उनके साहस का परिचायक है। डॉ. राम शंकर प्रसाद समेत अन्य वक्ताओं ने कहा कि ब्रिटिस गर्वनर ने ही कहा था यदि वीर कुंवर सिंह 50 वर्ष के होते तो 1857 में ही देश आजाद हो सकता था। डॉं शशि रंजन कुमार ने युवाओं से उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। अध्यक्षीय भाषण में प्रो. अमर सिंह ने कहा कि बाबू साहब आज भी हर अत्याचार के विरुद्ध खड़े रहने की प्रेरणा देते हैं।
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