लोगों के विरोध से प्रभावित हो रही महत्वाकांक्षी स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम योजना
सीतामढ़ी में ₹101 करोड़ की स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम योजना का स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है, जिससे कार्य में विलंब हो रहा है। जानकी स्थान से चकमहिला तक नाले का प्रस्ताव है, लेकिन स्थानीय...

सीतामढ़ी। शहर में जल निकासी के लिए क्रियान्वित ₹101 करोड़ की महत्वाकांक्षी स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम योजना को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिससे परियोजना में विलंब हो रहा है। यह योजना शहर भर में जल निकासी प्रणाली को सुधारने के लिए बनाई गई है। इस परियोजना के तहत, जानकी स्थान से लेकर पूरे शहर के जल निकासी के लिए एक बड़ा नाला प्रस्तावित है, जिसका आउटफॉल चकमहिला में होना है। लेकिन यहां के स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं, जिसके कारण निर्माण कार्य रोक दिया गया है। इस मुद्दे पर बुडको के परियोजना निदेशक जितेंद्र कुमार ने सोमवार को जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) रिची पांडेय को कार्य में देरी के बारे में सूचित किया।
डीएम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सीनियर डिप्टी कलेक्टर निशिकांत को स्थानीय अधिकारियों से जांच करवाने का निर्देश दिया, ताकि स्थिति का समाधान जल्द से जल्द किया जा सके और कार्य फिर से शुरु किया जा सके। नाले का आउटफॉल चकमहिला के पास होना अत्यंत महत्वपूर्ण: जितेंद्र कुमार ने स्पष्ट किया कि विभाग ने यह कहा है कि नाले का आउटफॉल चकमहिला के पास होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि इसे किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाता है, तो नाले की गहराई में वृद्धि हो सकती है, जिससे समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए, यह जरुरी है कि नाले का आउटफॉल चकमहिला में ही नदी के किनारे पर हो, जैसा कि योजना में निर्धारित किया गया है। लोगों का विरोध, परियोजना के लिए बनी बड़ी चुनौती: स्थानीय लोगों का विरोध, विशेष रुप से चकमहिला क्षेत्र में, इस परियोजना के लिए एक बड़ी चुनौती बन कर उभरा है। हालांकि, यह जल निकासी प्रणाली शहर के पानी के भराव की समस्या को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, लेकिन स्थानीय लोगों की का ध्यान रखते हुए परियोजना के अधिकारियों को उनका विश्वास जीतने और समस्याओं का समाधान करने की आवश्यकता है। समाधान निकालने का किया जा रहा प्रयास जिला प्रशासन और परियोजना प्रतिनिधियों के प्रयासों से अब इस विवाद का समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। जिस बावत परियोजना के प्रतिनिधियों के द्वारा स्थानीय स्तर पर बैठक भी की गई है। सरकार का प्रयास है कि इस समस्या का समाधान बातचीत के जरिए किया जाए, ताकि इस महत्वाकांक्षी योजना का कार्य शीघ्रता से पूरा हो सके और शहरवासियों को इसके दीर्घकालिक लाभ मिल सकें।
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