खेतों में पराली जलाने वालों पर अब विभाग की नजर, पकड़े जाने पर होगी सख्त कार्रवाई
हुसैनगंज में कृषि विभाग ने किसानों के लिए एक जागरूकता अभियान चलाया, जिसमें पराली जलाने के दुष्परिणाम बताए गए। कृषि समन्वयक राजीव रंजन ने बताया कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता कम होती है और वायु...

हुसैनगंज, एक संवाददाता। प्रखंड के प्रतापपुर, चाप, छाता, मचकना, हथौड़ा, बघौनी, खानपुर खैराटी और पश्चिमी हरिहांस पंचायतों में आज कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन एवं पराली जलाने से रोकने हेतु एक विशेष किसान जागरूकता अभियान चलाया गया। प्रतापपुर पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम में कृषि समन्वयक राजीव रंजन ने पराली जलाने से होने वाले दुष्परिणामों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से खेत की उर्वरा शक्ति घटती है, मिट्टी में पाए जाने वाले लाभदायक जीवाणु और मित्र कीट जैसे केंचुए नष्ट हो जाते हैं। साथ ही इससे वातावरण में सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें फैलती हैं जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है और सांस संबंधी बीमारियां होती हैं। किसान सलाहकार सुशेन मनोहर ने फसल अवशेष प्रबंधन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि खेतों में पराली जलाना कानूनन अपराध है और ऐसा करने पर किसान का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा तथा उन्हें विभागीय योजनाओं से वंचित कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पराली प्रबंधन के लिए हैप्पी सीडर, रोटरी मल्चर और एक्स्ट्रा रीपर जैसे कृषि यंत्रों पर अनुदान की सुविधा उपलब्ध है। कार्यक्रम में किसान सलाहकार सफवान रसीद, राकेश कुमार सहित कई किसानों जैसे अखिलेश कुमार, रविंद्र चौधरी, बिगु सिंह, मकसूद, रीता देवी, लाली देवी एवं सुनीता देवी ने भाग लिया। अधिकारियों ने किसानों से अपील की कि वे पराली को जलाने की बजाय उसका सदुपयोग करें, भूसा बनाकर अतिरिक्त आय अर्जित करें और खेत की उर्वरा शक्ति को सुरक्षित रखें।
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