डीएसपी सहित मर्चेंट नेवी में अधिकारी देने वाले विद्यालय में भवन का अभाव
जय प्रकाश उच्च विद्यालय विजयीपुर, जो एक प्रतिष्ठित विद्यालय है, कमरों की कमी से जूझ रहा है। विद्यालय में सिर्फ पांच कमरे हैं जबकि 10 कमरे होने चाहिए। यहां के छात्र विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना...

जीरादेई, एक संवाददाता। प्रखण्ड के बेहतर विद्यालय में शुमार जय प्रकाश उच्च विद्यालय विजयीपुर भवन के अभाव में चल रहा है। विद्यालय में कुल मिलाकर मात्र पांच ही कमर है। जबकि 10 कमरे होने चाहिए। विद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस विद्यालय के छात्र डीएसपी, मर्चेंट नेवी में अधिकारी सहित कई बड़े ओहदे के पद को शुशोभित कर रहे है। जबकि, कई छात्र आईआईटी जैसे संस्थानों से पढ़कर देश सहित विदेशों में अपना परचम लहरा रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार व जिला प्रशासन के अनदेखी की वजह यह विद्यालय कमरों के अभाव से जूझ रहा है। यह विद्यालय 21 फरवरी 1977 ई में स्थापित हुआ। गांव के ही कुछ लोगों ने अपनी जमीन देकर विद्यालय का निर्मण कराया। स्थानीय लोगो के दिमाग मे यह बात थी कि हमलोगों के घर के लड़के- लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए कही दूर नहीं जाना पड़े। इसलिए गांव के लोगो ने अपनी- अपनी जमीन राज्य सरकार के नाम रजिस्ट्री कर विद्यालय खोलने का प्रयाश किया, जो आज अपनी ऊंचाईयो को छू रहा है। खेल मैदान में गंदगी का आलम विद्यालय में पुस्तकालय, लड़कियों के लिए कॉमन रूम, जिम रूम सहित कई कमरों की आवस्यकता है। जिस से की विद्यालय सुचारू रूप से चल सके। विद्यालय व खेल मैदान का चारदीवारी का निर्मण नही होने से विद्यालय के प्रांगड़ व खेल मैदान में आवारा पशुओ का जमावड़ा लगा रहता है। जिस से खेल मैदान में गंदगी फैली रहती है। शिक्षा के साथ - साथ खेल की भी चर्चा अपनी शिक्षा की गुणवत्ता के लिए जाने जाना वाला जय प्रकाश उच्च विद्यालय आजकल खेल के लिए भी काफी चर्चा में है। इस विद्यालय के खेल शिक्षक द्वारा सीमित संसाधनों में भी कई खेलो के लिए राज्यस्तरीय छात्रों का चयन हो चुका है। शिक्षकों द्वारा खेल में राष्ट्रीय स्तर पर बढावा दिया जा रहा है। इस विद्यालय के छात्र छात्रा राष्ट्र स्तरीय , राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं। 800 छात्र का है नामांकन विद्यालय में लगभग 800 छात्रों का नामांकन है। लगभग सभी छात्र विद्यालय आते भी है। विद्यालय अपने अनुशासन के लिए काफी चर्चा में रहता है। विद्यालय में खेल शिक्षक, संगीत, गणित, संस्कृत, अंग्रेजी शिक्षक सहित सभी विषयों के शिक्षक पर्याप्त हैं। विद्यालय के स्थापना के समय इस विद्यालय के हेडमकस्ट के रूप में पारस नाथ श्रीवास्तव की नियुक्ति हुई थी। वह काफी मेहनती और पढ़ाई के प्रति ईमानदार हेडमास्टर के रूप में जाने जाते थे। उनके मार्ग दर्शन पर विद्यालय अपने उच्चाई के शिखर तक पहुंचा था। क्या कहते है हेडमास्टर विद्यालय के हेडमास्टर डॉ कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि विद्यालय में लगभग पांच कमरों की आवश्यकता है। इस के लिए कई बार विभागीय चिट्ठी लिखी जा चुकी है। सबसे जरूरी बाऊंड्री वाल व जिम रूम कीआवश्यकता है।
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