नगर पंचायत के धीमे कामकाज से नगरवासियों के समक्ष कई समस्याएं
गुठनी नगर पंचायत का गठन तीन साल पहले हुआ था, लेकिन अब तक विकास कार्यों में कोई प्रगति नहीं हुई है। सड़क जाम, अतिक्रमण और कचरे की समस्या जैसे मुद्दे अभी भी बरकरार हैं। नगर पंचायत के लोग विकास की उम्मीद...

गुठनी, एक संवाददाता। नगर पंचायत के गठन को भले ही तीन साल से अधिक हो गए। लेकिन, आज भी नगर पंचायत में विकास कार्यों को लेकर लोग आस लगाए बैठे हैं। नगर पंचायत के गठन के बाद सबसे बड़ी समस्या सड़क जाम, अतिक्रमण, नालों की साफ सफाई, नालों का निर्माण, जल जमाव, स्ट्रीट लाइट लगाने, कूड़ेदान लगाने, कचरा डंप बनाने, बस स्टैंड निर्माण, टैक्सी स्टैंड निर्माण, हाउस टैक्स द्वारा शामिल है। हालांकि, नगर पंचायत में 3 सालों में इन सब पर कोई काम शुरू नहीं हो पाया है। करीब 80 हजार से अधिक नगर पंचायत के लोग आज भी विकास को लेकर आशान्वित हैं। वहीं वे इस बात से परेशान है कि आखिर राज्य सरकार ने नगर पंचायत का गठन किस लिए कर दिया। जब उसके पास पर्याप्त संसाधन ही नहीं थे। कचरा डंप सेंटर, टैक्सी स्टैंड, सब्जी मंडी, बस सटैंड कई योजनाएं लंबित नगर पंचायत के गठन के बाद यहां के लोगों को सबसे अधिक जरूरी कचरा डंप को लेकर है। हालांकि नगर पंचायत वैकल्पिक तौर पर कचरा उठा रही है। लेकिन इसको मुख्य सड़क और सार्वजनिक जगहों पर फेंका जा रहा है। इसका विरोध स्थानीय ग्रामीणों ने भी कई बार किया। नगर पंचायत के अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि इसकी कई बार लिखित शिकायत जिले के अधिकारियों के साथ स्थानीय प्रशासन से भी की गई। लेकिन अभी तक कचरा डंप के लिए कोई जगह नहीं मिल पाया। मार्केट कॉम्प्लेक्स के लिए 2.50 करोड़ और कचरा प्रोसेसिंग के लिए 2.20 करोड़ खर्च नगर पंचायत के वित्तीय वर्ष 2025=26 के बजट में 54 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। कार्यपालक पदाधिकारी ललित कुमार झा ने बताया सम्राट अशोक भवन निर्माण, शहरी गरीबों के लिए मूल सुविधा, मार्केट कांप्लेक्स के लिए 2.50 करोड़, टाउन हॉल एवं पुस्तकालय के लिए 1.10 करोड़, ठोस कचरा प्रोसेसिंग के लिए 2.20 करोड़, निगम के प्रशासनिक भवन के लिए 2.20 करोड़, संपत्ति कर एवं अन्य शुल्क को ऑनलाइन करने, पार्क निर्माण के लिए 1.10 करोड़, बस स्टैंड एवं सौंदर्यीकरण के लिए 2.20 करोड़, जल जीवन हरियाली योजना के लिए बजट प्रस्तुत हुआ। कार्यपालक पदाधिकारी ललित कुमार झा ने बताया कि इन सभी योजनाओं को लाने के लिए 54 करोड़ की अनुमानित राशि आएगी। क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी कार्यपालक पदाधिकारी ललित कुमार झा ने बताया कि कचरा डंप के जमीन के लिए स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है। आने वाले दिनों में समस्या के समाधान की उम्मीद है।
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