बेहतर फसल होने से किसानों के चेहरे खिले
नर्मिली, संवाद सूत्र। प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों खेतों में गेहूं की सुनहरी बालियों

नर्मिली, संवाद सूत्र। प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों खेतों में गेहूं की सुनहरी बालियों ने जैसे धरती को सोने से ढंक दिया है। रबी सीजन की यह मुख्य फसल अब पूरी तरह से पककर तैयार हो चुकी है। सुबह होते ही किसान खेतों का रुख कर रहे हैं और देर शाम तक कटाई और दौनी में जुटे रहते हैं। खेतों में गूंजती हंसिए की खनक और ट्रैक्टर की आवाज गांवों में एक खास रौनक घोल रही है। इस बार मौसम पूरी तरह किसानों के पक्ष में रहा। समय पर बुआई और अनुकूल तापमान के चलते फसल को नुकसान नहीं हुआ। बालियां भरपूर हैं और दाने मजबूत हैं। किसानों के चेहरों पर मेहनत की संतुष्टि साफ झलक रही है। कटाई के काम में इस बार तकनीक और परंपरा दोनों साथ चल रही हैं। बड़े किसान फसल कटाई मशीन से कर रहे हैं, वहीं छोटे और सीमांत किसान आज भी हंसिए से कटाई करना बेहतर मानते हैं। खेतों के किनारे दौनी करती महिलाओं की टोली, गेहूं की ढेरियों को बोरियों में भरते मजदूर यह नजारा इस सीजन को खास बना रहा है। मजदूरी के क्षेत्र में भी हलचल तेज हुई है। स्थानीय मजदूरों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों से भी कामगार बुलाए जा रहे हैं। महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिली है। किसान रामनारायण यादव, सूर्य नारायण मंडल, डोमी पंडित, विजय कामत आदि कहते हैं कि खेत देखकर दिल खुश हो जाता है। बालियां एकदम भरी हुई हैं। अब मंडी में अच्छा दाम मिल जाए, यही आस है। बता दें कि इन दिनों गांवों में खेत मानो उत्सव स्थल बन गए हैं। बच्चे खेतों में खेलते नजर आते हैं, महिलाएं पारंपरिक गीतों के साथ दौनी करती हैं और हर ओर मेहनत और उम्मीद का माहौल है। बेहतर फसल होने से किसानों के चेहरे खिले हैं।
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