पुरुषों से ज्यादा हंसमुख हैं बिहार की महिलाएं, तनाव को कैसे करती हैं कम; रिपोर्ट में खुलासा
अध्ययन में 15 साल के किशोर-किशोरियों से लेकर 50 साल तक आयुवर्ग के लोग शामिल रहे। सबसे ज्यादा 30 से 45 साल तक की महिलाएं हंसमुख हैं। इस उम्र की अधिकतर महिलाएं नौकरीपेशा या गृहिणी हैं। अध्ययन में 20 लाख से अधिक महिलाओं ने हंसमुख रहने का कारण बच्चों को बताया।

बिहार में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं हंसमुख होती है। राज्य की 65%महिलाएं नियमित रूप से दो से तीन घंटे हंसी-मजाक में बिताती हैं। इस दौरान अगर कोई मानसिक तनाव होता है तो भी वो उसे आसानी से सुलझा लेती हैं। वहीं पुरुषों की बात करें तो 35 फीसदी ही पुरुष ही हंसमुख होते हैं। ये आधा घंटा हंसने पर या हंसी-मजाक के मूड में होते हैं। यह अध्ययन मार्च में राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग ने किया है। इसमें राज्य के 507666 लोग शामिल थे। इनमें 30 लाख 50 हजार महिलाएं थीं।
अध्ययन में 15 साल के किशोर-किशोरियों से लेकर 50 साल तक आयुवर्ग के लोग शामिल रहे। सबसे ज्यादा 30 से 45 साल तक की महिलाएं हंसमुख हैं। इस उम्र की अधिकतर महिलाएं नौकरीपेशा या गृहिणी हैं। अध्ययन में 20 लाख से अधिक महिलाओं ने हंसमुख रहने का कारण बच्चों को बताया। अप्रैल में जारी रिपोर्ट में बताया गया कि कार्यालय में काम के बीच भी महिलाएं बच्चों से बात करके हंस लेती हैं।
इससे उनका ऑफिस का तनाव कम हो जाता है। दस लाख महिलाओं ने बताया कि ऑफिस के सहकर्मियों के साथ भी वो हंस-हंस कर बातें करती हैं। वहीं घर में बच्चों से बातचीत, उनके लिए तैयारी करना भी उदास होने का मौका नहीं देता है।
मानसिक तनाव होता दूर, बीमारियां भी होती हैं कम
हंसने के कारण महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले बीमारियां भी कम होती हैं। तीन लाख ऐसी महिलाएं थीं जिन्हें माइग्रेन, बीपी, सुगर आदि की दिक्कतें थीं। वो किसी भी बात को बहुत सोचती थी। शुरुआत में तो हंसने का योगा शुरू की। इसके बाद नियमित आधा घंटा हंसने पर देने लगी। ऐसे लोगों से मिलती थी जो हंसते थे। इससे इन बीमारियों को दूर किया।
● राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग ने किया अध्ययन
● 50 फीसदी महिलाएं हर दिन एक से दो घंटे हंसती हैं
● महिलाएं छोटे-छोटे तनाव को बात करके सुलझा लेती हैं
● बच्चों के साथ ना चाहते हुए भी खुश रहती हैं
● 40% महिलाएं हंस कर करती हैं मानसिक तनाव को दूर
● ऑफिस के सहकर्मियों के साथ हंस कर बातें करती हैं
● तीन लाख से अधिक महिलाएं बीपी, सुगर, माइग्रेन जैसी बीमारी को दूर कर चुकी है
● दस लाख महिलाएं शारीरिक तंदुरुस्ती को हंस कर सही रखती है, सुबह या शाम टहलती नहीं है
हंसने के फायदे
● हर दिन कम से कम 15 मिनट हंसना चाहिए
● 20 से 25 मिनट टहलने के बराबर होता है 20 मिनट हंसना
● हंसने से चेहरे की मांसपेशियां खुलती है
● मोटापा कम होता है
● हंसी के दौरान खून का बहाव और सांसें तेज होती है, इससे शरीर में उर्जा का संचार होता है
● मानसिक तनाव में कमी लाता है
राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग के मनोवैज्ञानिक, कुमुद श्रीवास्तव ने कहा कि नियमित हंसने से मानसिक तनाव कम होता है। अधिकतर महिलाएं अपने तनाव को हंस कर दूर करती हैं। महिलाएं नियमित रूप से हर दिन 15 मिनट से दो से तीन घंटा हंसने पर देती है। वो हमेशा खुश रहती हैं, इससे मानसिक तनाव दिमाग से निकल जाता है। इसका असर उनके शरीर के साथ मन पर होता है।