ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार का एक और ऐलान, डिफेंस शेयर भी भर रहे उड़ान
Defense Stocks: सरकार ने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम को हरी झंडी दिखाई। इसे पाकिस्तान और चीन के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती देने वाला कदम माना जा रहा है।
Defense Stocks: ऑपरेशन सिंदूर के सरकार ने एक और ऐलान किया है जिसके बाद डिफेंस सेक्टर के शेयरों में 10% तक की जोरदार बढ़त दर्ज की गई। आज यानी 27 मई 2025 को सरकार ने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम को हरी झंडी दिखाई। इसे पाकिस्तान और चीन के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती देने वाला कदम माना जा रहा है।
निफ्टी डिफेंस इंडेक्स ने बनाया नया रिकॉर्ड
18 कंपनियों वाले इस इंडेक्स ने 8,728.20 का ऑल-टाइम हाई छुआ। मार्च से मई 2025 तक इंडेक्स में 57% से ज्यादा की छलांग। मार्च में 25%, अप्रैल में 11.5% और मई में अब तक यह इंडेक्स 21% की छलांग लगा चुका है।
स्टील्थ फाइटर जेट प्रोजेक्ट क्यों है खास?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने AMCA के निर्माण के लिए ढांचा मंजूर किया। इसका लक्ष्य भारत को "आत्मनिर्भर" बनाना और चीन-पाकिस्तान के सैन्य दबाव को काटना है। इससे निजी और सरकारी कंपनियां जॉइंट वेंचर या अकेले बोली लगा सकती हैं।
IAF की जरूरत: रूसी विमानों की घटती संख्या (42 से 31 स्क्वॉड्रन) और चीन के J-10 जैसे एडवांस्ड जेट्स का खतरा।
एक्सपर्ट्स की राय
IIFL के विश्लेषकों का मानना है कि ऑर्डर बुक मजबूत होने और निर्यात के नए मौके मिलने से यह सेक्टर आगे भी चमकेगा। BEL (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स) को "टॉप पिक" बताया गया, क्योंकि यह सरकारी कंपनियों में सबसे बेहतर प्रदर्शन करती है। पाकिस्तान की तरफ से J-10 जेट और चीन की सैन्य तैनाती के बीच भारत की यह रणनीति लंबे समय तक शेयरों को सपोर्ट कर सकती है।
'ऑपरेशन सिंदूर' ने बदला गेम
7 मई 2025 को पाकिस्तान और PoK में भारत के एयरस्ट्राइक ने ताकत दिखाई। इस ऑपरेशन में देश में बने डिफेंस सिस्टम (ड्रोन-मिसाइल इंटरसेप्टर) ने दम दिखाया, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा। इसके बाद रक्षा कंपनियों के शेयरों में तेजी आई। HAL, BEL, भारत डायनामिक्स जैसी कंपनियों के शेयर 10-40% चढ़े। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि लॉन्ग टर्म बदलाव है।
क्या अब भी खरीदें रक्षा शेयर?
हां! सरकार का बजट बढ़ाने का रुख, कंपनियों का मुनाफा (Q4 रिजल्ट्स), और ग्लोबल मार्केट में भारतीय उपकरणों की डिमांड ने इस सेक्टर को "हॉट पिक" बना दिया है।
रक्षा बजट और 'मेक इन इंडिया'
भारत का रक्षा बजट 2025-26 में ₹6.8 लाख करोड़ है, जो कुल बजट का 13.45% है।2013-14 में रक्षा निर्यात सिर्फ ₹686 करोड़ था, जो 2024-25 में ₹23,622 करोड़ हो गया (34 गुना बढ़ोतरी)। सरकार का लक्ष्य 2029 तक रक्षा उत्पादन ₹3 लाख करोड़ और निर्यात ₹50,000 करोड़ करना।
सरकार ने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा उत्पादन कॉरिडोर बनाए हैं। FDI सीमा 74% (स्वत: मार्ग) और 100% (सरकारी मार्ग) कर दी गई है। 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत 65% रक्षा उपकरण अब देश में बन रहे हैं।
डिफेंस सेक्टर की प्रमुख उपलब्धियां
- तेजस लड़ाकू विमान, अकाश मिसाइल, धनुष तोप जैसे उन्नत हथियार।
- पनडुब्बियां, युद्धपोत, विमानवाहक जहाजों का निर्माण।
- 16 सरकारी उपक्रम (DPSUs), 430 निजी कंपनियां, और 16,000 MSMEs इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं।