एडवांस टिप के नाम पर हो रहा खेल? उबर के बाद ओला और रैपिडो पर सरकार सख्त
CCPA जांच के जरिए यह पता लगाना चाहता है कि क्या कंपनियां यूजर्स को तेज और तुरंत सर्विस के बदले में एडवांस टिप देने के लिए मजबूर कर रही हैं या फिर उन्हें उकसा रही हैं।

एडवांस टिप को लेकर ऑनलाइन राइड बुकिंग वाले प्लेटफॉर्म की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) उबर के अलावा ओला और और रैपिडो की जांच कर रहा है। CCPA जांच के जरिए यह पता लगाना चाहता है कि क्या कंपनियां यूजर्स को तेज और तुरंत सर्विस के बदले में एडवांस टिप देने के लिए मजबूर कर रही हैं या फिर उन्हें उकसा रही हैं।
क्या कहा केंद्रीय मंत्री ने
उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "CCPA ओलाकैब और रैपिडो जैसे अन्य ऐप की जांच कर रहा है। अगर कंपनियां इस तरह की प्रक्रिया में लिप्त पाई जाती हैं तो उन्हें भी नोटिस भेजा जाएगा।" उन्होंने कहा कि एडवांस टिप की प्रथा बेहद चिंताजनक है। मंत्री ने आगे लिखा कि तेज सेवा के लिए उपयोगकर्ताओं को एडवांस रूप से टिप देने के लिए मजबूर करना या उकसाना अनैतिक, शोषणकारी है।
प्रल्हाद जोशी ने इस बात पर जोर दिया कि टिपिंग का मतलब राइड पूरी होने के बाद स्वेच्छा से दी जाने वाली रकम है। इसे जबरदस्ती नहीं किया जा सकता है। जोशी ने कहा कि ग्राहकों के साथ होने वाली सभी बातचीत में निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बनाए रखा जाना चाहिए।
एडवांस टिप सुविधा क्या है?
उबर और रैपिडो ने अपने ऐप में "एडवांस टिप" सुविधा शुरू की है। यह सुविधा यूजर्स को सवारी बुक करने से पहले ड्राइवरों को टिप देने की अनुमति देती है। इसके साथ ही ऐप पर यह मैसेज भी आता है कि टिप देने पर तत्काल बुकिंग हो सकती है। बुकिंग प्रक्रिया के दौरान ऐप यूजर्स को 50 रुपये, 75 रुपये या 100 रुपये की टिप जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस सुविधा को लेकर कंपनियों की जमकर आलोचना की है। यूजर्स का कहना है यह अनैतिक काम फूड डिलीवरी कंपनियों स्विगी और जोमैटो जैसे अन्य ऐप तक फैल सकता है।