देश की इकोनॉमी पर फिच का नया अनुमान, 2028 तक ग्रोथ की ये होगी रफ्तार
फिच ने पांच साल के संभावित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमानों को अपडेट करते हुए कहा-भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023 की रिपोर्ट के समय की हमारी अपेक्षा से अधिक मजबूती से वापसी की है।
देश की इकोनॉमी अगले कुछ साल मजबूती से बढ़ने वाली है। फिच रेटिंग्स ने 2028 तक भारत की औसत वार्षिक वृद्धि क्षमता का अनुमान बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया। रेटिंग एजेंसी ने नवंबर 2023 में इसके 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
क्या कहा फिच रेटिंग ने
फिच ने पांच साल के संभावित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमानों को अपडेट करते हुए कहा-भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023 की रिपोर्ट के समय की हमारी अपेक्षा से अधिक मजबूती से वापसी की है। इससे वैश्विक महामारी के झटकों के कम प्रतिकूल प्रभाव के संकेत मिलते हैं। अपने अपडेटेड पूर्वानुमान में फिच ने 2023-2028 के लिए भारत की औसत वृद्धि दर का अनुमान 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है। इसमें कहा गया, फिच रेटिंग्स ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (जीईओ) में शामिल 10 उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए अगले पांच वर्षों के लिए अपने मध्यम अवधि संभावित जीडीपी अनुमानों को थोड़ा कम कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक हमारा नया अनुमान जीडीपी भारित आधार पर 3.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जो नवंबर 2023 के हमारे पिछले आकलन चार प्रतिशत से कम है।
वैश्विक एजेंसियों का 2025-26 के लिए अनुमान
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि अनुमानों में 0.5 प्रतिशत तक की कटौती की है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी में फंसने, चीन की वृद्धि को भारी झटका लगने और वैश्विक स्तर पर देशों में आर्थिक गतिविधि धीमी पड़ने की संभावना के बावजूद अनुमान है कि भारत चालू वित्त वर्ष में 6.2-6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है। आईएमएफ और विश्व बैंक ने 2025-26 के लिए भारत के वृद्धि अनुमानों को घटाकर क्रमशः 6.2 प्रतिशत और 6.3 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ और विश्व बैंक ने जनवरी में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर क्रमशः 6.5 प्रतिशत और 6.7 प्रतिशत रह सकती है।