चौतरफा घिरे इंडसइंड बैंक को मिला प्रमोटर का सहारा, अधिकारियों पर सेबी की नजर
बैंक पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की मार्च तिमाही के दौरान लेखांकन चूक, सूक्ष्म-वित्त खंड में धोखाधड़ी और बहीखाते खुलासे में उलझा हुआ था, जिसके कारण आंतरिक ऑडिट समीक्षा, शीर्ष अधिकरियों के इस्तीफे और फॉरेंसिक जांच शुरू हो गई है।
पहले जांच और अब बड़े घाटे का सामना कर रहे इंडसइंड बैंक को प्रमोटर अशोक पी हिंदुजा का समर्थन मिला है। इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) के चेयरमैन अशोक पी हिंदुजा ने बैंक के चौथी तिमाही के निराशाजनक नतीजों के बाद बैंक के चेयरमैन और निदेशक मंडल पर भरोसा जताया है। इस बीच, सेबी चेयरपर्सन ने बैंक के अधिकारियों की जांच की बात कही है।
बैंक के प्रमोटर ने किया सपोर्ट
अशोक पी हिंदुजा ने कहा कि बोर्ड ने विसंगतियों और संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए उचित और त्वरित कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि ये प्रयास शासन और पारदर्शिता मानकों को बढ़ाने और संस्थान में विश्वास बहाल करने में मदद करेंगे। उन्होंने बोर्ड की निगरानी में प्रबंधन की समन्वित कार्रवाइयों की भी प्रशंसा की और कहा कि इससे व्यवसाय को स्वस्थ रखने और मजबूत पूंजी पर्याप्तता बनाए रखने में मदद मिली है। उन्होंने दोहराया कि IIHL जरूरी होने पर बैंक को इक्विटी इन्फ्यूजन के साथ समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
बैंक को बड़ा घाटा
बता दें कि इंडसइंड बैंक ने जनवरी-मार्च तिमाही में ₹2,328 करोड़ का नेट लॉस दर्ज किया। यह दो दशकों में पहली बार है जब बैंक ने तिमाही घाटा दर्ज किया है। बैंक पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की मार्च तिमाही के दौरान लेखांकन चूक, सूक्ष्म-वित्त खंड में धोखाधड़ी और बहीखाते खुलासे में उलझा हुआ था, जिसके कारण आंतरिक ऑडिट समीक्षा, शीर्ष अधिकरियों के इस्तीफे और फॉरेंसिक जांच शुरू हो गई है।
सेबी कर रहा जांच
इस बीच, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि इंडसइंड बैंक के वरिष्ठ प्रबंधन के किसी भी गंभीर उल्लंघन की बाजार नियामक जांच कर रहा है। पांडेय ने कहा कि इंडसइंड बैंक के मुद्दों से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) निपटेगा, लेकिन सेबी संकटग्रस्त बैंक के अधिकारियों द्वारा प्रतिभूति बाजार के उल्लंघन की जांच कर रहा है।
इंडसइंड बैंक के निदेशक मंडल ने बुधवार को कहा था कि डेरिवेटिव, सूक्ष्म वित्त तथा बही-खाते की धोखाधड़ी में कुछ कर्मचारियों की संलिप्तता का संदेह जताते हुए मामले की जानकारी जांच एजेंसियों और नियामक प्राधिकरणों को देने का निर्देश, बैंक को दिया है।